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एक रेलगाड़ी का अधूरा सफर: असारवा- डूंगरपुर डेमू

 

एक लम्बा अंतराल गुजर गया, जब 31 दिसम्बर 2016 को अहमदाबाद से उदयपुर सिटी के बीच चलने वाली एक मात्र मीटर गेज की एक्सप्रेस व अन्य सवारी गाड़ी के अंतिम फेरे हुए और भारतीय रेल के हरे सिग्नल के साथ मीटर गेज से ब्रॉड गेज का कार्य का श्री गणेश हुआ।  इस दरमियान 5 साल से अधिक का समय गुजर गया परन्तु अब भी उदयपुर व दक्षिणी राजस्थान को अहमदाबाद, मुंबई व दक्षिण भारत के लिए अब भी बड़ी लाइन का इन्तजार है। नो दिन चले में चले अढ़ाई कोस की गति से भारतीय रेल अब भी जावरमाइंस उदयपुर के बीच टनल के काम पूरा करने में रत है। उम्मीद की जाती थी कि अधिक से अधिक चार साल कि अवधि में इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट का काम पूरा हो जायेगा, परन्तु उदयपुर व दक्षिण राजस्थान को अब भी इन्तजार है।

इसी बीच अहमदाबाद से डूंगरपुर रेल खंड के आमान परिवर्तन का काम अप्रैल 2021 में पूरा हो जाने के बाद भी लॉक डाउन व उत्तर पश्चिम रेलवे तथा पश्चिम रेलवे में सामंजस्य के अभाव में  इस खंड एक ऐड डेमू का सञ्चालन 15 फ़रवरी से आरम्भ हो पाया।  वह भी डेमू का समय उचित नहीं है, जो अहमदाबाद के उप नगरीय स्टेशन असारवा से सुबह 10 बजे आरम्भ होकर दोपहर 2 बजे डूंगरपुर पहुंचती है तथा वापसी यात्रा डूंगरपुर से दोपहर 2:15 से आरम्भ होती है।

वस्तुतः, इस डेमू को प्रातः डूंगरपुर से चला कर सायं वापसी होनी चाहिए व दोनों ओर सुबह व शाम चलाया जाना था।  मैंने इस डेमू के आरम्भ होने पर एक घुम्मकड़ के रूप में इसमें यात्रा की व पाया के अनुकूल समय सारणी न होने से रेल को पर्याप्त ट्रैफिक नहीं मिल रहा।  परन्तु यह अधूरी यात्रा भी एक सकारात्मक संकेत है और निकट भविष्य में बहु प्रतीक्षित अहमदाबाद उदयपुर तथा उदयपुर से मुंबई व अन्य दक्षिण भारत के गंतव्य के लिए रेलगाड़िया चलेगी।  शायद इस आमान परिवर्तन के इंतजार में COVID-19 की महामारी के दौरान बंद की गई ओखा - अहमदाबाद तथा उदयपुर मैसूरु हमसफ़र जैसी रेल गाड़ियों भी वापस नहीं चलायी गई है।

असारवा डूंगरपुर की अधूरी यात्रा निकट भविष्य में उदयपुर के लिए सम्पूर्ण यात्रा का मार्ग प्रस्शत करेगी, एवं सामाजिक जिम्मेदारी समझते हुवे उत्तर पश्चिम रेल इस पर युद्ध स्तर पर काम करेगी।  यह बड़ी उपलब्धि होगी, जहाँ देरी के बावजूद इसी ग्रीष्म काल में सेवा आरम्भ हो।  यदि यह नहीं हो पाया तो मानसून के आगमन के बाद रेल सञ्चालन दिवाली के बाद के लिए लंबित न हो जाए।