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Update: उदयपुर एयरपोर्ट शटडाउन, सेवा फिर से बहाल

रनवे पर डामर नहीं सूखने से कल 3 मई को सभी उड़ानों को रद्द कर दिया था 

 

उदयपुर 4 मई 2022।  डबोक स्थित महाराणा प्रताप हवाई अड्डे पर कल आकस्मिक कारणों से शटडाउन के बाद एयरपोर्ट की सेवा फिर से बहाल कर दी गयी है। कल 3 मई को रनवे पर सुरक्षा कारणों दिन भर की सभी 16 फ्लाइट्स कैंसिल कर दी गयी थी।  वहीँ आज फिर से हवाई अड्डे से रेगुलर सेवा बहाल कर दी गयी है। 

दरअसल कल एयरपोर्ट के 2281 मीटर लम्बे और 45 मीटर चौड़े रनवे पर एक माह से रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक री-कार्पेटिंग का काम चल रहा है।  इसी के तहत सोमवार रात को रनवे मज़बूत करने के लिए डामर डाला गया लेकिन 40 डिग्री की तेज़ गर्मी के चलते मंगलवार सुबह तक डामर जम नहीं पाया। तकनिकी टीम ने जब सुबह 7 बजे जाँच के दौरान ढीले डामर को देखा तो उदयपुर आने जाने वाली सभी 16 उड़ानों को रद्द कर दिया था। 

सबसे पहले इंडिगो की फ्लाइट मुंबई से सुबह 6:43 उड़ान भरकर उदयपुर पहुँच गई थी लेकिन लैंडिंग की अनुमति न मिलने से फ्लाइट को अहमदाबाद डायवर्ट कर दिया गया।  अहमदाबाद से 170 यात्रियों को बस से उदयपुर पहुँचाया गया।  उसके बाद सभी आने जाने उडानो को रद्द करने से करीब 2700 यात्रियों को असुविधा का सामान करना पड़ा। 

एयरपोर्ट पर हुई असुविधा से उठते सवाल 

उदयपुर चूँकि एक पर्यटन नगरी है और कल ईद और आखा तीज के त्यौहार होने से बाहर से आने वाली यात्रियों की संख्या अधिक थी। ऐसे में कई यात्रियों को निराश होकर लौटना पड़ा। वहीँ उदयपुर से अंतर्राष्ट्रीय उड़ाने शुरू करने की कवायद भी की जा रही है। ऐसे में सवाल उठना लाज़मी है। 

यात्रियों को सबसे बड़ी शिकायत यही है की पूर्व में सूचना जारी क्यों नहीं की गई ? कई यात्रियों को आखा तीज के अवसर पर रिश्तदारों की शादी, गृह प्रवेश आदि में शामिल होना था, कुछ लोगो को ईद के मौके पर घर आना था लेकिन फ्लाइट्स कैंसिल होने से न तो वह किसी कार्यक्रम में शामिल हो सके और ना ही त्यौहार ओर घर परिवार से मिल पाए।       

उड़ाने रद्द होने का खामियाजा कौन उठाएगा ? हालाँकि सभी यात्रियों ने एयरलाइन्स से बात की तब उन्हें रिफंड देने की बात कही गई। चूँकि दक्षिणी राजस्थान में उदयपुर में एयरपोर्ट होने से आसपास के जिलों (भीलवाड़ा, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़ और राजसमंद) के लोग उड़ान में सवार होने के लिए उदयपुर पहुंचे, उन्हें टैक्सी, बस या ने साधनो से वापस लौटने का किराया भी भुगतना पड़ा। कई लोगो की कनेक्टिंग फ्लाइट्स भी छूट गई।