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बस ऑपरेटरो ने की टैक्स माफ़ करने की मांग 

बसों को आरटीओ के बाहर लगाया 
 
 
जिला परिवहन अधिकारी को सौंपा ज्ञापन

उदयपुर 15 जून 2020। कोरोना महामारी कोविड-19 के कारण अगर कोई व्यवसाय सबसे ज़्यादा प्रभावित हुआ है तो वह है पर्यटन व्यवसाय। और यदि बात उदयपुर की हो तो उदयपुर की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर ही निर्भर है। और टूरिस्ट बस व्यवसाय पर्यटन उद्योग की रीढ़ की हड्डी माना जाता है। जब से देश में लॉकडाउन लगा है तब से यह व्यवसाय पूरी तरह से बंद पड़ा है। ऐसे में उदयपुर टूरिस्ट बस एसोसिएशन ने राज्य सरकार से मांग की है की उन्हें लॉकडाउन अवधि के दौरान सभी प्रकार के करो (टैक्स) में पूर्णतया छूट प्रदान की जाये। 

बस ऑपरेटरो ने बताया की उनका व्यवसाय 22 मार्च से पूर्णतया बंद पड़ा है, आय का कोई स्त्रोत बंद है, लेकिन रोज़मर्रा के खर्चे, ड्राइवरों/ क्लीनरों का वेतन, इंश्योरेंस, टैक्स, मेंटेनेंस, वाहनों की किश्ते यथावत चालु है। और यह खर्चे आगे भी चालू रहेंगे, जबकि व्यवसाय चालू रहने में काफी समय लग सकता है। ऐसे में उन्हें टैक्स से छूट देने के साथ साथ टोल टैक्स में छूट, किश्तों को छह महीने तक आगे बढ़ाने, ब्याज नहीं लगाने एवं सुचारु रूप से शुरू करने के लिए विशेष पैकेज दिया जाये। 

Udaipur Tourist Bus Association 

उदयपुर टूरिस्ट बस एसोसिएशन के सचिव ऋषभ जैन ने बताया की राजस्थान सरकार इस मृतप्राय व्यवसाय को उक्त जायज़ मांग स्वीकार कर पहले की तरह पटरी पर ला सकती है जिससे प्रत्यक्ष रूप से चालक, क्लीनर एवं अप्रत्यक्ष रूप से मोटर मिस्त्री, मोटर पार्ट व्यवसायी, टायर व्यवसायी एवं अन्य लोगो के परिवारों को भी लाभ मिल सके। 

उल्लेखनीय है की लॉक डाउन अवधि के बाद उतपन्न हुई इस विशन परिस्थितियों में इस व्यवसाय को पुनः पहले जैसी स्थिति में आने के लिए एक या दो वर्ष या उससे भी अधिक समय लग सकता है। एवं वर्तमान परिस्थितियों में सरकारी आदेश की पालना हेतु वाहनों को हर बार सेनेटाइज़ करना, यात्रियों की संख्या में 50% की कमी करने के साथ साथ अन्य सुरक्षा उपकरणों के लिए भारी राशि चुकानी पड़ेगी। यात्री भार 50% रहने से आय भी आधी रह जाएगी लेकिन रोज़मर्रा के खर्चे, चालकों/क्लीनरों का वेतन, बढ़ी हुई डीज़ल पेट्रोल के दाम, टैक्स, टोल आदि बरकरार रहेंगे। ऐसे में टूरिस्ट बस व्यवसयियों की उक्त मांगे जायज़ है। 

उदयपुर टूरिस्ट बस एसोसिएशन ने RTO के बाहर लगाईं बसें