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प्रदेश में पहली बार चलेगी हाई-राइज मेमू ट्रेन 

इस ट्रेन में प्रति यात्री न्यूनतम किराया भी 30 से 50 रुपए तक ही लगेगा 

 

4 नवंबर । भारतीय रेल से हर रोज लाखों करोड़ों लोग सफर करते हैं, इसे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटववर्क भी कहा जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी की भारत के 17 जोन में कुल 19 हजार से ज्यादा ट्रेनें चलती हैं। इन 19 हजार से ज्यादा ट्रेनें में कई अलग अलग तरह की कैटेगरी भी होती है। इन्हीं कैटगरी में शामिल हैं मेन लाइन इलेक्ट्रिकल मल्टीपल यूनिट (मेमू) ट्रेन इंडियन रेलवे अपनी जरूरतों के हिसाब अलग अलग तरह के ट्रेनों की कैटेगरी का इस्तेमाल करता है। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि आखिर ये मेमू ट्रेन होती क्या हैं और इनका इस्तेमाल कब कहां और कैसे किया जाता है। 

यात्रियों के लिए रेलवे अब मेन लाइन इलेक्ट्रिकल मल्टीपल यूनिट (मेमू) ट्रेन दौड़ाएगा। रेलवे राजधानी जयपुर से इसकी शुरुआत करने जा रहा है। ट्रेन की सौगात जल्द ही मिलेगी। क्योंकि इस ट्रेन का 8 कोच का पहला रैक रविवार को जयपुर पहुंच जाएगा। गुरुवार को यह चेन्नई स्थित सवारी डिब्बा कारखाना(आईसीएफ) से रवाना हो चुका है।

खास बात है कि यह प्रदेश की पहली हाई-राइज मेमू ट्रेन होगी। इस पर भी स्पेशल डिजाइन का पेंटोग्राफ लगाया गया है। इसे जयपुर से लगभग 150 किलोमीटर की दूरी में चलाया जाएगा। इसमें प्रति यात्री न्यूनतम किराया भी 30 से 50 रुपए तक ही लगेगा और यह रूट के अधिकतम स्टेशनों पर ठहराव भी करेगी।

मेमू (MEMU) ट्रेन की खासियत 

  • 8 कोच होंगे मेमू ट्रेन में।
  • 110 किमी की अधिकतम रफ्तार में दौड़ सकेगी
  • 1 कोच में 130 से ज्यादा यात्री बैठकर व 400 से ज्यादा हो सकेंगे खड़े।
  • ट्रेन में दोनों ओर स्लाइडिंग डोर लगे हैं।
  • प्रत्येक कोच में सीसीटीवी, जीपीएस लगा है।
  • मेट्रो की तरह डिस्प्ले बोर्ड पर मिलेगी स्टेशन की जानकारी। साउंड सिस्टम भी लगा।
  • मोड्यूलर शौचालय भी बने हैं।

संचालन और रूट पर जारी मंथन

रेलवे अधिकारियों ने बताया कि इस ट्रेन को संभवत: जयपुर से सवाईमाधोपुर, जयपुर से अजमेर, जयपुर से सीकर या जयपुर से रेवाड़ी तक चलाया जा सकता है। हालांकि संचालन की तिथि, रूट और किराए को लेकर अभी मंथन चल रहा है। जल्द इसकी स्थिति साफ हो जाएगी। रेलवे सूत्रों की मानें तो इसे आचार संहिता हटने के बाद ही चलाया जाएगा।