नीमच-बांसवाड़ा-दाहोद रेल लाइन का फाइनल लोकेशन सर्वे मंजूर
बांसवाड़ा, 15 अक्टूबर 2025 । राजस्थान, मध्यप्रदेश और गुजरात के आदिवासी क्षेत्रों में रेल नेटवर्क विस्तार की दिशा में केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। रेल मंत्रालय ने दाहोद से बांसवाड़ा तक नई रेल लाइन के फाइनल लोकेशन सर्वे की मंजूरी दे दी है।
इसे पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 380 किलोमीटर लंबी नीमच-बांसवाड़ा-दाहोद-नंदुरबार नई लाइन के लिए फाइनल सर्वेक्षण के लिए DPR तैयार करने की स्वीकृति दी थी। DPR पूरी होने के बाद अब फाइनल लोकेशन सर्वे को हरी झंडी मिल गई है। आदिवासी बहुल क्षेत्र बांसवाड़ा आईएएस परियोजना से सीधे गुजरात के दाहोद से रेल कनेक्टिविटी से जुड़ सकेगा। यह कदम डूंगरपुर-बांसवाड़ा-रतलाम प्रोजेक्ट के साथ-साथ आदिवासी क्षेत्रों में रेलवे सुविधाओं को बढ़ाने की योजना का हिस्सा है।
तीन माह में पूरा होगा सर्वे
फाइनल लोकेशन सर्वे को तीन माह में पूरा करने का समय दिया गया है। इसमें रेलवे के विभिन्न विभाग जैसे सिविल, इलेक्ट्रिक, मैकेनिकल, यातायात, सिग्नल टेलिकॉम और पर्यावरण शामिल होंगे। सर्वे में रेल लाइन का मार्ग, स्टेशन स्थल और बिजली की व्यवस्था तय की जाएगी। इसके बाद पर्यावरण विभाग की मंजूरी लेकर अंतिम रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को सौंपी जाएगी। इस सर्वे के पूरा होने से गुजरात के दाहोद से मध्यप्रदेश के नीमच तक सीधे रेल संपर्क की संभावना मजबूत होगी।
उल्लेखनीय है कि दक्षिणी राजस्थान का बांसवाड़ा जिला पहाड़ी क्षेत्र और खनिज संपदा से समृद्ध है, लेकिन अभी भारतीय रेल से जुड़ा नहीं है। इस क्षेत्र में मैंगनीज अयस्क, डोलोमाइट, चूना पत्थर, सोना, तांबा, क्वार्टजाइट जैसे खनिज पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। इसलिए क्षेत्र से माल ढुलाई की भी प्रबल संभावना है, जिसका नीमच-बांसवाड़ा-दाहोद के छोटे मार्ग से परिवहन किया जा सकेगा।
वहीं, दाहोद-अलीराजपुर-नंदुरबार एक पहाड़ी और आदिवासी क्षेत्र में स्थित है। यह ताप्ती रेल खंड से दाहोद में उच्च घनत्व नेटवर्क यानी मुंबई-नई दिल्ली मुख्य मार्ग को जोड़ने वाला छोटा मार्ग होगा। जो वंचित लोगों का भी उत्थान करेगा और उन्हें रेल के माध्यम से देश के बाकी हिस्सों से जोड़ेगा। इस नए रेल मार्ग से राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात के पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।