नीमच माता रोप-वे का काम अंतिम चरण में, 16 ट्रोलियां पहुंची उदयपुर
करणी माता रोप-वे से थोड़ा अलग होगा यह नया रोप-वे
उदयपुर, 6 दिसंबर 2023। पर्यटकों का शहर कहे जाने वाले उदयपुर को एक ओर रोप-वे मिलने वाला है। पहला रोप जहाँ उदयपुर की विश्व प्रसिद्ध पिछोला झील पर मौजूद है तो वहीँ दूसरा जल्द ही शहर की धड़कन मानी जाने वाली फतह सागर झील के नजदीक होगा। यह शहर का दूसरा रोप-वे होगा। फतहसागर झील किनारे देवाली के छोर स्थित SIERT की पार्किंग के पास से नीमचमाता की पहाड़ी तक रोपवे की योजना को मूर्त रुप देने के लिए मंगलवार को रोप (लोहे के रस्से) लगाने का काम भी पूरा हो गया। अब ट्रोलियों का इंस्टॉलेशन के साथ छोटे-मोटे काम होना शेष हैं।
इस पर 16 ट्रोलियां लगाई जाएंगी, जिसका रंग नीला है। एक ट्रोली में चार लोग बैठ सकेंगे यानी एक बार में 64 लोग सफर कर सकेंगे। यह करणी माता रोप-वे से थोड़ा अलग होगा। इसमें ट्रोली पूरा राउंड लेकर वापस नीचे आएगी। जबकि करणी माता में ट्रोली जिस दिशा से जाती है, उसी से वापस आती है। संचालक एजेंसी इसे नए साल में शुरू करने की तैयारी में है।
400 मीटर लंबा होगा रुट
नीमज माता मंदिर से देवाली छोर तक बने इस प्रस्तावित रोप-वे की कुल लंबाई 500 मीटर है।
ये होंगे दो बड़े फायदे
बुजुर्ग भी कर सकेंगे नीमच माता के दर्शन- नीमच माता मंदिर हजारों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है, जहां साल की दोनों नवरात्रि में दर्शन करने वालों की विशेष भीड़ रहती है। कई बुजुर्ग सीढ़ियां और चढ़ाई ज्यादा होने के कारण मंदिर नहीं जा पाते।
दूधतलाई की तरह बढ़ेगा पर्यटन- करणीमाता रोप-वे 2007 में शुरू हुआ था, जिससे दूधतलाई स्पेशल अट्रेक्शन बना और यहां पर्यटक बढ़े। यही सुविधा मिलने पर फतहसागर पर भी पर्यटक बढ़ेंगे। इस पहाड़ी से पूरे शहर का विहंगम नजारा होता है।