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नाइट हेरिटेज वॉक में उमड़ा उत्साह

लेकसिटी के समृद्ध अतीत, शिल्प-स्थापत्य को देखकर गौरवान्वित हुए युवा

 

उदयपुर, 22 अप्रैल। लेकसिटी के समृद्ध शिल्प-स्थापत्य, कला-संस्कृति, बेनजीर परंपराओं के साथ-साथ पाक कला प्रविधियों से देश-दुनिया के साथ साथ शहरवासियों और भावी पीढ़ी को रूबरू कराने के उद्देश्य से नाइट हेरिटेज वॉक व ओल्ड सिटी फूड ट्रेल का आयोजन किया गया। शहर के युवा सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर्स की पहल पर आयोजित इस नाइट हेरिटेज वॉक व ओल्ड सिटी फूड ट्रेल में बड़ी संख्या में युवा, महिलाएं और कुछ बुजुर्ग भी शामिल हुए।

हेरिटेज वॉक के संयोजक तथा युवा प्रतिभावान ब्लॉगर और सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर संदीप राठौड़ ने बताया कि शहर की समृद्ध विरासत से आने वाली पीढ़ी को रूबरू कराने व गौरव की अनुभूति कराने के उद्देश्य से आयोजित यह हेरिटेज वाक जगदीश चौक से प्रारंभ हुई। इस हेरिटेज वॉक में वरिष्ठ गाईड, होटल- पर्यटन और हेरिटेज वॉक स्पेशलिस्ट चिन्मय दीक्षित ने संभागियों को समृद्ध विरासत, शिल्प-स्थापत्य, इतिहास, कला, संस्कृति इत्यादि के बारे में जानकारी देकर उत्साहित कर दिया।

इस तरह चली हेरिटेज वॉक 

हेरिटेज वॉक के आरंभ में चिन्मय दीक्षित ने जगदीश मंदिर के इतिहास, शिल्प स्थापत्य, धार्मिक महत्व और इसकी स्थापना व वास्तु से जुड़े तथ्यों को बताया। यहां से उन्होंने बद्दूजी के दरवाजे के बारे में जानकारी दी। यहां से लालघाट होते हुए संभागी जगत निवास होटल पहुंचे और यहां की प्राचीन विरासत को देखा। इसके बाद  होते हुए शहर की प्रमुख हवेलियों के सौंदर्य के बारे में बताया। इस दौरान उन्होंने गणगौर घाट, जेठियों का अखाड़ा, कलड़वास लाल हवेली, मादड़ी हवेली, घंटाघर आदि का अवलोकन कराया और इसके शिल्प-स्थापत्य व ऐतिहासिक महत्व की जानकारी दी। प्राचीन विरासत का अवलोकन करने के बाद संभागियों ने पुराने शहर में 44 वर्ष पुरानी पालीवाल की कचौरी और राजूभाई की रबड़ी व शानदार पान-तांबूल का भी लुत्फ उठाया। यहां पर सत्यनारायण पालीवाल और राजूभाई और आनंद तंबोली ने इन व्यंजनों की विशिष्टता के बारे में जानकारी दी।

अनसुने तथ्यों से रोमांचित हुए संभागी 

हेरिटेज वॉक के दौरान जानकारी देते हुए दीक्षित ने संभागियों को कुछ अनसुने तथ्यों को बताया तो हर कोई रोमांचित हो उठा। उन्होंने भारत की दूसरी सबसे पुरानी म्यूनिसिपलिटी के उदयपुर के स्थापित होने, उदयपुर को मेवाड़ की पांचवीं राजधानी का गौरव प्राप्त होने, शाहजहां के उदयपुर के जग मंदिर में शरण प्राप्त होने, महाराणा सज्जन सिंह की रेलवे, सरस्वती लाइब्रेरी, सौर वेधशाला आदि की स्थापना में प्रमुख भूमिका होने, उदयपुर के प्रतिवर्ष 300 टन चांदी उत्पादन करने और मिनिएचर पेंटिंग्स को 16 वीं शताब्दी की पर्शियन आर्ट होने की जानकारी दी तो संभागी आश्चर्यचकित हो उठे। ओल्ड सिटी फूड ट्रेल के दौरान दीक्षित ने गुलाब जामुन की उत्पत्ति ईरान से और रबड़ी की उत्पत्ति मथुरा से होने की जानकारी देते हुए इसकी अन्तर्कथा सुनाकर संभागियों को आकर्षित किया।  

इस दृष्टि से पहली बार देखा उदयपुर का प्राचीन गौरव 

हेरिटेज वॉक में सम्मिलित सभी संभागी उदयपुर के प्राचीन मंदिरों, पुरातात्विक महत्व के स्थानों, हवेलियों इत्यादि का भ्रमण कर बेहद उत्साहित दिखे और अपनी अनूठी प्रतिक्रियाएं दी। मुंबई के ख्यातनाम कवि, गायक व गीतकार कवीश सेठ ने शिल्प-स्थापत्य के सौंदर्य व अस्तित्व को देखकर उदयपुर को जीवंत शहर की संज्ञा दी वहीं कश्ती फाउंडेशन की संस्थापक श्रद्धा मुर्डिया ने कहा कि हेरिटेज वॉक हमारे समृद्ध इतिहास को भावी पीढ़ी से जोड़ने का प्रबल माध्यम है। 

निशा दीक्षित ने कहा कि पिछले 35 सालों से शहर में रह रहे हैं परंतु इसके गौरवमयी इतिहास व संस्कृति से साक्षात्कार अब हुआ। हेरिटेज वॉक के वयोवृद्ध संभागीय कर्नल केडी सिंह ने इसे दिलचस्प और ज्ञानवर्धक तो सबसे कम उम्र की स्वरा ने इसे एक्सीलेंट ट्रिप बताया। 

जसमीत कौर, गुनीत कौर, हेमंत जोशी, नीतू राठौड़, कुणाल मेहता, सोनू सुथार, कनन राठौड़, डॉ. सुरभि गांधी, डॉ. नोरीन, क्षिप्रा खंडेलवाल, नीलोफर मुनीर, आनंद जैन, प्रीति आहुजा, प्रियंका जोशी, खुशबू, मारीशा जोशी, कार्तिक शर्मा, प्रियांश मेहता व अभय भाटी ने इस हेरिटेज वॉक को शहर के समृद्ध इतिहास की जीवंत झांकी प्रस्तुत करने जैसा बताया।