×

अब लेकसिटी में GJ यानि गुजरात नंबर की गाडिय़ा सडक़ों पर

इसके साथ ही पर्यटक बसों की पार्किंग व्यवस्था यहां रहेगी

 

उदयपुर,14 नवंबर । दीपावली मनाने के साथ ही मेवाड़ की धरा पर अब गुजराती पर्यटकों का मेला सा दिखेगा। गौरतलब है कि दिवाली के बाद परम्परागत रूप से हर साल गुजराती घूमने के लिए उदयपुर आते है। दीपावली के बाद टूरिज्म बूम शुरू होता है वैसे तो यहांं गुजरातियों का आना शुरू हो गया है लेकिन दीपावली के बाद इनकी संख्या एकाएक बढी है। उदयपुर से लेकर राजसमंद जिले के अधिकतर होटलों व धर्मशाला में बुकिंग हो चुकी है। इसके साथ ही लेकसिटी में पर्यटकों की रौनक दिखाई दे रही है। वहीं, शहर के पर्यटन स्थल गुलजार हैं। ये रौनक लाभ पंचमी तक रहने वाली है।

असल में इस समय सर्वाधिक गुजराती पर्यटक आते है क्योंकि दीपावली के साथ ही गुजरात में व्यापार भी बंद रहता है और सब परिवार के साथ घूमने जाते हैं। पर्यटकों की भीड़ से पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोग भी उत्साहित है। सैलानियों के आने से ये पर्यटन के लिए भी फायदेमंद होगा।

यह रहता है गुजराती पर्यटकों का रूट

गुजरात से राजस्थान में प्रवेश उनका केसरियाजी से होता है। उदयपुर जिले के ऋषभदेव स्थित केसरियाजी मंदिर में दर्शन करने भी बड़ी संख्या में गुजराती जाते है।

उदयपुर में गुजारते है ज्यादा समय 

उदयपुर शहर में आते ही सबसे ज्यादा समय यहां गुजारते है। वे यहां पर फतहसागर, पिछोला झील में नाव की सवारी करने के साथ ही मोतीमगरी, सज्जनगढ़, गोवर्धन सागर, सहेलियों की बाड़ी, सिटी पैलेस, दूधतलाई रोपवे, भीतरी शहर, प्रताप गौरव केन्द्र, बायोलोजिकल पार्क से लेकर बर्ड पार्क तक घूमते है। इसके साथ ही जगदीश मंदिर, महालक्ष्मी मंदिर में दर्शन करने भी जाते है।

कुंभलगढ़, रणकपुर के इन रूटों पर भी जाते है 

टूरिस्ट उदयपुर से आगे रणकपुर, कुंभलगढ़, द्वारिकाधीश, श्रीनाथजी होकर चित्तौड़गढ़ किला और सांवरियाजी जाते हैं यह पूरा रूट घूमते हुए वे वापस गुजरात जाते है। यहां घूमने आने वाले टूरिस्ट रात उदयपुर और कुंभलगढ़ में बिताना ज्यादा पसंद करते है। अभी तक करीब 75 प्रतिशत होटलें बुक हो चुकी है।

टूरिज्म से जुड़े जानकारों की माने या अब तक के ट्रेंड को देखे तो दीपावली तक सर्वाधिक टूरिस्ट गुजरात से इसी रूट पर आते है और यह लाभ पंचमी तक रहेगा क्योंकि गुजरात में लाभ पंचमी के बाद ही वापस व्यापार शुरू होता है। यहां गुजरात के अलावा नई दिल्ली, राजस्थान के अन्य शहरों, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र आदि स्थानों और विदेशी पर्यटक भी आते हैं।

पर्यटक बसों की पार्किंग व्यवस्था यहां रहेगी

  • सब्सिडी सेंटर रेती स्टैंड के पास। 
  • सहेलियों की बाड़ी से आने वाली बसों की पार्किंग सेंट मेरिज स्कूल के पास और पुला पुलिया के पास। 
  •  फतहसागर आने वाली बसों की पार्किंग महाकाल मंदिर से आगे रानी रोड पर। 

पर्यटक बसों का रूट यह रहेगा

पारस से रेती स्टैंड, जड़ाव नर्सरी, सेवाश्रम, ठोकर चौराहा, महिला थाना रोड, मेवाड़ सर्कल, आरके सर्कल, फतहपुरा सर्कल, फतहपुरा चौकी, सहेलियों की बाड़ी, चेतक सर्कल, काला किवाड़ होकर रानी रोड तक आ-जा सकेंगे।

पर्यटन विभाग भी मेहमान नवाज़ी के लिए तैयार पर्यटन विभाग

पर्यटन विभाग शहर में आने वाले मेहमानों के स्वागत के लिए तैयार है। इनके लिए विशेष सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आयोजन पर्यटन स्थलों पर शुरू किया गया है। पर्यटन विभाग की डिप्टी डायरेक्टर शिखा सक्सेना ने बताया कि दीपावली पर्व को देखते हुए और पर्यटकों के स्वागत-सत्कार के लिए शहर के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर लोक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां शुरू की गई हैं। शहर के फतहसागर, दूधतलाई, गणगौर घाट, सुखाड़िया सर्कल पर शाम के समय लोक कलाकारों द्वारा पपेट शो व लोक नृत्यों की प्रस्तुतियां दी जा रही है जो 15 नवंबर तक रहेंगी।