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ट्रेन छूटने के 10 मिनट तक सीट पर नहीं पहुंचे तो हो जाएंगे बे-टिकट

यात्री कृपया ध्यान दें!

 

ट्रेन के रवाना होनेे के दस मिनट बाद तक भी यात्री सीट तक नहीं पहुंचा तो वह बिना टिकट हो जाएगा। उसकी सीट अन्य यात्री को आवंटित कर दी जाएगी। अब टीटीई स्टाफ एक या दो स्टेशन निकलने तक यात्री का इंतजार नहीं करेगा। उन्हें महज दस मिनट में यात्री की उपस्थिति या अनुपस्थिति दर्ज करनी अनिवार्य होगी। ट्रेनों के आरक्षित कोच में सफर करने वाले यात्री कई बार जल्दबाजी या सहूलियत के कारण दूसरे कोच में चढ़ जाते हैं। वे एक-दो स्टेशन के बाद खुद की सीट पर पहुंच जाते हैं तो कई बार इंतजार करते रहते हैं और दूसरों की सीट पर बैठ जाते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।

अधिकांश ट्रेनों में टिकट चैकिंग स्टाफ को हैंड हेल्ड टर्मिनल (एचएचटी) मशीन उपलब्ध करा दी गई है। जिसमें वे यात्री की ऑनलाइन अनुपस्थिति या उपस्थिति दर्ज कर देते हैं। हाल ही रेलवे बोर्ड ने एक आदेश निकालकर यात्री की बोर्डिंग स्टेशन से उपस्थिति व अनुपस्थिति दर्ज करने का समय दस मिनट तय कर दिया है। इस नियम को सख्ती से लागू करने के भी निर्देश दिए गए हैं। ऐसे में टीटीई को उक्त समय में इसकी जानकारी मशीन में अपडेट करनी ही होगी। यात्री सीट पर नहीं पहुंचता है तो वह सीट आरएसी या वेटिंग सूची में शामिल यात्री को उपलब्ध करा दी जाएगी।

ये है नई व्यवस्था

नई व्यवस्था के तहत अब यात्री को जिस स्टेशन से यात्रा करनी है। उस स्टेशन पर ही ट्रेन में चढऩा होगा। बोर्डिंग स्टेशन पर ही यात्री को खोजा जाएगा। नहीं मिलने पर अनुपस्थिति दर्ज हो जाएगी। उसमें बदलाव भी नहीं होगा, क्योंकि पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होती है। यात्री की कहीं सुनवाई भी नहीं होगी।

अभी तक ये थी व्यवस्था

एक टीटीई स्टाफ ने बताया कि मशीन देने से पहले मेनुअल चार्ट बनता था। जिसमें 15 मिनट या एक स्टेशन निकलने तक इंतजार करते थे। अब समय महज 10 मिनट ही रह गया है। हालांकि भीड़ होने पर टीटीई स्टाफ को यात्री तक पहुंचने में समय ज्यादा लग सकता है।