उदयपुर 3 मार्च 2024 । आगामी अप्रैल में प्रस्तावित लोकसभा चुनावो के मद्देनज़र चुनाव तिथि घोषित होने से पहले ही बीजेपी (BJP) ने 195 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है जिनमे उदयपुर लोकसभा सीट और बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा सीट से प्रत्याशी भी घोषित किये गए है। उदयपुर लोकसभा सीट से बीजेपी ने उदयपुर के आरटीओ रहे मन्नालाल रावत को मैदान में उतारा है जबकि बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस से बीजेपी में आये महेंद्र जीत सिंह मालवीय को टिकट दी गई है।
भाजपा जहाँ जोरशोर से चुनावी तैयारियों में जुट गई है वहीँ कांग्रेस में अभी तक कोई हलचल नहीं है। आदिवासी बहुल दक्षिणी राजस्थान की इन दो सीटों पर दो साल पहले गठित नई पार्टी भारत आदिवासी पार्टी यानि बाप (BAP) ने 2023 के विधानसभा चुनावो में इस इलाके में अच्छे खासे वोट लेकर कांग्रेस की नींद हराम कर दी। ऐसे में यदि कांग्रेस और बाप (BAP) का गठबंधन हो जाए तो इन दो सीटों पर नतीजे चौंकाने वाले हो सकते है। हालाँकि फ़िलहाल इन दोनों पार्टियों में गठबंधन को लेकर दोनों में से किसी ने पहल नहीं की है लेकिन राजनीती में असंभव कुछ भी नहीं होता है।
2018 के विधानसभा चुनाव में डूंगरपुर ज़िले में दो सीट हासिल करने BTP (भारत ट्राइबल पार्टी) से टूटकर दो साल पहले बनी भारत आदिवासी पार्टी बीएपी (BAP) ने 2023 के चुनावो में न सिर्फ दक्षिणी राजस्थान में धूम मचाई बल्कि मध्यप्रदेश में भी एक सीट जीत कर आदिवासी राजनीती में एक हलचल पैदा कर दी है। दक्षिणी राजस्थान के डूंगरपुर ज़िले की चौरासी और आसपुर तथा प्रतापगढ़ ज़िले की धरियावद विधानसभा सीट पर जीत का परचम लहराया वहीँ मध्यप्रदेश के रतलाम ज़िले की सैलाना विधानसभा सीट पर जीत हासिल की थी ।
2023 के चुनावो में डूंगरपुर ज़िले में विधानसभा की चार सीटों में से बाप (BAP) ने 2 सीट (चौरासी और आसपुर) तो जीती ही है बाकि दो सीटों डूंगरपुर शहर और सागवाड़ा सीट पर बाप पार्टी के उम्मीदवार दुसरे नबंर पर रहे। वहीँ बांसवाड़ा ज़िले की बागीदौरा और घाटोल सीट पर बाप के उम्मीदवार दुसरे नंबर पर रहे। जबकि उदयपुर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़ और सिरोही ज़िले के सीटों पर बाप के उम्म्मीद्वारों ने हार जीत को प्रभावित किया है। बाप के कम से कम 8 सीट पर कांग्रेस को 5 सीट पर बीजेपी को सीधा सीधा नुक्सान पहुँचाया था।
आगामी लोकसभा चुनाव में यदि कांग्रेस और BAP का गठबंधन हो जाए तो पिछले दो लोकसभा चुनावो से बीजेपी की झोली में जाने वाली इन सीटों पर करिश्मा हो सकता है। ऐसा हम हवा में नहीं कह रहे है विधानसभा चुनावो के नतीजे और आंकड़े इस बात की गवाही दे रहे है।
क्या कहते है उदयपुर लोकसभा सीट में आने वाली विधानसभा सीट के आंकड़े
उदयपुर लोकसभा सीट में 8 विधानसभा क्षेत्र शामिल है जिनमे उदयपुर शहर, उदयपुर ग्रामीण, झाड़ोल, गोगुन्दा, खेरवाड़ा, सलूंबर, धरियावद और आसपुर शामिल है। 2023 के विधानसभा चुनावो में इन आठ विधानसभा सीट में से दो सीट (धरियावद, आसपुर) पर बाप (BAP) ने, 1 सीट (खेरवाड़ा) पर कांग्रेस और 5 सीट (उदयपुर शहर, उदयपुर ग्रामीण, झाड़ोल, गोगुन्दा और सलूंबर) पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी लेकिन आठ में से सात विधानसभा सीट (उदयपुर शहर को छोड़कर) पर अगर कांग्रेस और बाप के वोट मिला दिए जाए तो यह बीजेपी के वोटो से अधिक है। आठो विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने जहाँ 515316 वोट प्राप्त किये वहीँ बाप ने 380525 वोट हासिल किये दोनों के वोट मिला दिए जाए तो ये जोड़ 895841 होता है जबकि बीजेपी को इन आठो विधानसभा सीट पर 632436 वोट मिले थे। अगर बाप और कांग्रेस के संयुक्त वोट 895841 और बीजेपी के 632436 वोटो के बीच 263405 का अंतर है।
क्या कहते है बांसवाड़ा डूंगरपुर लोकसभा सीट में आने वाली विधानसभा सीट के आंकड़े
बांसवाड़ा डूंगरपुर लोकसभा सीट की आठ विधानसभा सीट शामिल है इनमे से 1 सीट (चौरासी) पर बाप (BAP) ने, पांच सीट (डूंगरपुर, बागीदौरा, घाटोल, कुशलगढ़ और बांसवाड़ा) सीट पर कांग्रेस और 2 सीट (सागवाड़ा और गढ़ी) पर बीजेपी जीती थी। हालाँकि कुछ दिन पहले ही बागीदौरा के कांग्रेस विधायक महेंद्र जीत सिंह मालवीया ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए और इस लोकसभा सीट से वे ही बीजेपी के प्रत्याशी है। इस सीट के सभी विधानसभा सीट के नतीजे और आंकड़ों में बाप और कांग्रेस मिलकर बीजेपी पर हावी रही है। इन आठों विधानसभा क्षेत्रो में बाप का जहाँ 491098 वोट मिले तो कांग्रेस को 602869 वोट मिले यानि दोनों के संयुक्त वोट 1094777 वोट मिले है जबकि भाजपा का आठ विधानसभा क्षेत्रो में 530223 वोट मिले है। बाप और कांग्रेस के वोटो का संयुक्त आंकड़ा बीजेपी पर कितना हावी है इसका अंदाज़ा लगाया जा सकता है। बाप और कांग्रेस के संयुक्त वोट 1094777 और बीजेपी के 530223 वोटो के बीच का अंतर 564554 है।
आने वाले समय में दक्षिणी राजस्थान और उससे लगते गुजरात एमपी के आदिवासी इलाके की बड़ी ताकत बन सकती है बाप
आदिवासी बाहुल्य दक्षिणी राजस्थान में थोक के भाव में वोट हासिल करने वाली बाप पार्टी (BAP) आगामी समय में बड़ी राजनैतिक ताकत बन सकती है। बाप ने यहाँ किसी अपना कैडर विकसित किया है और अपनी भीलिस्तान या भील प्रदेश की विचारधारा से क्षेत्र के युवाओ में पैठ बनाई है।
अपनी अलग विचारधारा और आदिवासी मुद्दों को उनके बीच रहकर समझ का चुनाव में उतरने वाली बाप यकीनन आने वाले समय इस क्षेत्र की बड़ी पार्टी बन सकती है, न सिर्फ दक्षिणी राजस्थान बल्कि गुजरात और मध्यप्रदेश सीमा से लगे आदिवासी इलाको में भी बाप (BAP) का प्रभाव पड़ने वाला है। 2023 के विधानसभा चुनावो में राजस्थान सीमा से लगे मध्यप्रदेश के रतलाम ज़िले की सैलाना सीट जीत कर बाप ने सबको चौंकाया है।
राजस्थान, मध्यप्रदेश और गुजरात के आदिवासी इलाको में बाप के बढ़ते प्रभाव और सोशल मीडिया के ज़रिये अपनी विचारधारा को आगे बढ़ाकर इस क्षेत्र में बाप (BAP) एक बड़ी ताकत बनकर उभर रही है. ऐसे में यदि कांग्रेस ने बाप से हाथ नहीं मिलाया तो इसका खामियाज़ा कांग्रेस को बहुत अधिक चुकाना पड़ेगा। क्यूंकि बरसो से यह आदिवासी क्षेत्र कांग्रेस के गढ़ रहे है।
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