केंद्रीय बजट पर उदयपुर वासियों की प्रतिक्रिया

केंद्रीय बजट पर उदयपुर वासियों की प्रतिक्रिया

मिलीजुली रही प्रतिक्रिया

 
Budget 2022

प्रस्तुत बजट में कर संरचना में कोई बदलाव नहीं

उदयपुर 1 फरवरी 2022। आज पेश हुए केंद्रीय बजट 2022 पर उदयपुर वासियो ने मिलीजुली प्रतिक्रिया दी है। उदयपुर चेम्बर ऑफ काॅमर्स एण्ड इण्डस्ट्री, फोर्टी, सीए डॉ कुणावत, आईसीएआई के उदयपुर चेप्टर के चेयरमैन सीए आशीष ओस्तवाल, उदयपुर टैक्स बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष सीए निर्मल सिंघवी, आईसीएआई के सेन्ट्रल रिज़न के पूर्व चेयरमैन सीए देवेन्द्र सोमानी, डेटा एनालिस्ट मनीष कोठारी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। 

उदयपुर चेम्बर ऑफ काॅमर्स एण्ड इण्डस्ट्री के अध्यक्ष कोमल कोठारी ने केन्द्रीय बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बताया कि माननीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आगामी वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट प्रस्तुत करते हुए यह दावा किया है कि यह बजट आगामी 25 वर्षों के लिए देश के विकास की रुपरेखा तय करेगा। वित्त मंत्री द्वारा स्वतंत्रता प्राप्ति के 75 वर्श से 100 वर्श की अवधि को विकास का ”अमृतकाल“ बताया है। 

उत्पादन बढाने, क्लाईमेट एक्षन, वित्तीय निवेष बढाने, प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना, डिजिटल इकोनाॅमी को बढावा देना, शिक्षा हेतु डिजिटल विवि की स्थापना, आर्गेनिक खेती को बढावा देना आदि इस बजट की विषेशताएं हैं।

यूसीसीआई की फायनेन्स, टैक्सेशन एवं लीगल सब कमेटी के चेयरमैन सीए डाॅ. सतीशचन्द्र जैन ने बताया कि प्रस्तुत बजट में कर संरचना में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इस प्रकार करदाताओं को कोई राहत प्रदान नहीं की गई है। हालांकि आयकर रिटर्न के अपडेशन पर दो वर्ष के लिए ढील दी गई है। क्रिप्टो करेन्सी के लेनदेन से होने वाले लाभ पर 30% की दर से करारोपण किया गया है। साथ ही इससे होने वाली हानि को अन्य लाभों से समायोजित नहीं किया जा सकेगा। 

फेडरेशन ऑफ राजस्थान ट्रेड एंड इंडस्ट्रीज की समस्त शाखाओ के को चेयरमैन प्रवीण सुथार ने  बताया कि केंद्र सरकार द्वारा पेश किया बजट, बहुत ही ज्यादा डिजिटलाइजेशन से परिपूर्ण लगा क्रिप्टोकरंसी का महत्व में लाना उस पर कर लगाना, साथ ही रिजर्व बैंक द्वारा डिजिटल करेंसी लाने की बात बजट में शामिल होना, एवं किसानों को डिजिटलाइजेशन से जोड़ना आदि।

आज देश की अधिकतम जनसंख्या को क्रिप्टो करेंसी का मतलब नहीं पता है एवं क्रिप्टोकरंसी से होने वाली कमाई पर 30 % टैक्स सरकार द्वारा वसूलना यह व्यापारी और सरकार के बीच का मुद्दा है, इसमें आम आदमी को कहीं पर भी फायदा होता हुआ नजर नहीं आ रहा है, सरकार को बजट आम जनता की जरूरतों एवं रोजगार को मद्देनजर रखकर बनाना चाहिए था।

कमर्शियल गैस सिलेंडर पर दी गई रियायत से उच्च से मध्यम स्तरीय व्यापारियों, दुकानदारों को सीधा लाभ मिलेगा इसके लिए सरकार बधाई की पात्र हैं, किंतु एक बहुत बड़ा हिस्सा जो आम नागरिक है और पिछले दो ढाई वर्षो से लगातार कोरोना एवं बेरोजगारी से जूझ रहा है उस वर्ग के पक्ष में भी सरकार को घरेलू गैस सिलेंडर पर रियायत देनी चाहिए थी| सरकार के 30 लाख लोगों को रोजगार देने का वादा सराहनीय है इसका क्षेत्रवार विभाजन दर्शाया जाना चाहिए था! सैन्य ताकत मैं अस्त्र शस्त्र को हाईटेक एवं पर्याप्त मात्रा मैं करना एक सराहनीय कदम है।

स्टार्टअप के लिए टैक्स में छूट को 31 मार्च 2023 को बढाया जाना, 10 करोड से अधिक की कुल आय वाली कम्पनियों पर  काॅर्पोरेट सर्चचार्ज 12 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत किया गया है, जो कि उद्योग जगत के लिए सकारात्मक कदम है।ईसीएलजीए कवर को 50 हजार करोड़ से बढाकर 5 लाख करोड़ किया गया है तथा इस योजना को 31 मार्च 2023 तक बढ़ा दिया है। इससे एमएसएमई क्षेत्र की वित्तिय आवश्यकताओं की पूर्ति संभंव हो सकेगी।

विगत कुछ वर्षों के बजट के अनुरुप इस बजट में भी इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास पर जोर दिया गया है। 25 हजार किलोमीटर के नए राश्ट्रीय राजमार्गों के विकास के साथ ही आशा है कि शहरी क्षेत्र की सडकों एवं परिवहन व्यवस्था के विकास में भी तेजी आयेगी। 400 नई वन्दे भारत रेल परियोजनाएं वर्तमान समय की मांग है जिस पर इस बजट में ध्यान दिया गया है। लाॅजिस्टिक पार्क तथा 100 पीएम गति शक्ति कार्गो टर्मिनल्स की घोषणा देश के आर्थिक विकास के लिए सकारात्मक सिद्ध होंगी।

जल जीवन मिशन में 60 हजार करोड रुपये का प्रावधान किया गया है। पर्वतमाला परियोजना 60 किलोमीटर की रोपवे परियोजना, मेट्रो सिस्टम, मल्टी माॅडल कनेक्टिविटी आदि से आधारभूत सुविधाओं का विकास सकारात्मक कदम है। कृषि क्षेत्र पर बजट में काफी जोर दिया गया है जिससे आने वाले समय में कृषि उपयोग में आने वाले उत्पादों, उपकरणों तथा कृशि प्रसंस्करण से जुडे उपक्रमों में निवेष की सम्भावनाएं बढेंगी।

भूमि रेकार्ड सम्बन्धी दस्तावेजों का डिजिटलीकरण करना सरकार का सराहनीय कदम है। आशा है कि प्रस्तुत बजट से विकास दर अनुमानतः 9.2 प्रतिषत रहने, आत्मनिर्भर भारत अभियान के अन्तर्गत 16 लाख नए रोजगार तथा मेक इन इण्डिया के तहत 60 लाख नए रोजगार सृजित करने का लक्ष्य प्राप्त होने के साथ ही आने वाले समय में औद्योगिक एवं वाणिज्यिक विकास को बल मिलेगा।


छोटे एवं मध्यम वर्गीय व्यापारियों को कोई प्रत्यक्ष लाभ नहींः डॉ. कुणावत

शहर के वरिष्ठ चार्टर्ड अकाउंटेंट डॉ. निर्मल कुनावत ने बताया कि निराशाजनक बजट में मध्य वर्गीय एवं छोटे व्यापारियों का ज़िक्र ज़रूर किया परंतु उनको कोई प्रत्यक्ष फ़ायदा मिलते हुए नज़र नही आया। बजट का सारा झुकाव पूँजीगत खर्चे पर रहा। उदयपुर शहर के व्यापारियों का काम “स्मार्ट सिटी” के कार्यों की वजह से क़रीब छः महीने तक प्रभावित रहा लेकिन उनके लिए राहत का कोई प्रावधान नही है।

महंगाई को नियंत्रित करने के लिए कोई कदम नही उठाए गए है। डिजिटल रुपया जारी कर वैश्विक स्तर पर देश की पहचान को बढ़ाया जाएगा। डिजिटल शिक्षा के लिए 200 ई चैनल एवं डिजिटल यूनिवर्सिटी का प्रयोग स्वागत योग्य है। आयकर रिटर्न को दो वर्ष की समय सीमा में संशोधित किया जा सकेगा तथा धारा १४८ का नोटिस जारी करने से पहले करदाता से स्पष्टिकरण लेने के प्रावधान से विवाद कम होंगे जो स्वागत योग्य है। इस बार का बजट प्रमाण है की देश को “मैन्युफ़ैक्चरिंग हब” बनाने की पूरी तैयारी है।

आतिथ्य क्षेत्र के लिए धन के आवंटन से उदयपुर को होगा फायदा - सीए आशीष ओस्तवाल

आईसीएआई के उदयपुर चेप्टर के चेयरमैन सीए आशीष ओस्तवाल ने बजट पर अपनी प्रतिक्रया व्यक्त करते हुए कहा कियह बजट विशेष रूप से भारत के आर्थिक विकास के संबंध में बहुत आशावादी रहा है। सरकार का स्पष्ट ध्यान अपने खर्च को बढ़ाने पर है जिससे अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। पूंजीगत व्यय में 34.5 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।

उन्होंने बताया कि बुनियादी ढांचे, किसानों, आतिथ्य और हरित ऊर्जा पर सरकार की ओर से भारी धन आवंटन के साथ स्पष्ट ध्यान दिया गया है। आतिथ्य क्षेत्र के लिए धन के आवंटन से उदयपुर को अत्यधिक लाभ होगा क्योंकि यह शीर्ष पर्यटन स्थलों में से एक है और कई होटल परियोजनाओं की उम्मीद है। सरकार ने भी अपनी आपातकालीन ऋण गारंटी योजना के माध्यम से एमएसएमई का समर्थन करने का प्रयास किया है। बैटरी स्वैपिंग नीति और रुपये की पीएलआई योजना के माध्यम से हरित ऊर्जा का समर्थन किया जाएगा। उच्च दक्षता मॉड्यूल के निर्माण के लिए 19.5 लाख करोड़ रूपयें का प्रावधान किया गया है। सरकार ने प्रत्येक श्रेणी में एक और वर्ष के लिए कर लाभ देकर स्टार्ट अप इंडिया और मेक इन इंडिया पहल का भी समर्थन किया है। 

कॉरपोरेट टैक्स सरचार्ज भी 12 फीसदी से घटाकर 7 फीसदी कर दिया गया है। कर निर्धारण वर्ष के अंत से 2 वर्ष की अवधि के लिए अद्यतन आयकर रिटर्न दाखिल करने की अनुमति दी है जो स्वागत योग्य कदम है। इससे मुकदमेबाजी को कम करने में मदद मिलेगी। हालांकि, व्यक्तिगत करदाताओं खासकर वेतनभोगी लोगों को भी कुछ राहत मिलने की उम्मीद थी।

बजट राहत अपर्याप्त - कोविड से अर्थव्यवस्था को उभारने में नाकाफी - सिंघवी

उदयपुर टैक्स बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष सीए निर्मल सिंघवी ने बताया कि कोविड से आमजनता के सामने उभरी चुनोतियो को बजट प्रस्तावों से जनता और व्यवसाय जगत को जो राहत की उम्मीदे थी वो पूरी नहीं हुई है एवं नाकाफी है। बजट में करदाता को अपने आयकर विवरणी को कर निर्धारण वर्ष की समाप्ति के 2 वर्ष के भीतर उसे रिवाइज्ड करने की सुविधा प्रदान की जो स्वागत योग्य है। परन्तु जहां मध्यम वर्ग आयकर कि छुट कि सीमा बढाने एवं छूट/ कटौती कि राशि में बढोतरी की उम्मीद लगाये था वह नहीं दी गयी । साथ ही राज्य कर्मचारियों के नेशनल पेंशन स्कीम में उनके नियोक्ता के अंशदान की छूट को 10 प्रतिशत से बड़ा कर 14ः करने से कर्मचारीयों के आयकर में बचत होगी,जो कि स्वागत योग्य है।

सिंघवी ने बताया कि राजकोषीय घाटा 6.9 प्रतिशत रखने का प्रस्ताव है। इससे महंगाई एवं मुद्रास्फीती होने का अनुमान है तथा वास्तविक घाटा और अधिक होने कि सम्भावनाये है। बजट में मंदी दूर करने को द्रुतगामी कदम नहीं उठाये गये हैं। एवं विकास के नए आयाम स्थापित करने हेतु पूर्ण प्रयास नहीं किये गए हैं।

आमजन एव वेतन भोगी निराश लेकिन प्रोडक्शन इन्सेन्टिव स्कीम से 60 लाख को मिलेगा रोगजा रः सीए सोमानी

आईसीएआई के सेन्ट्रल रिज़न के पूर्व चेयरमैन सीए देवेन्द्र सोमानी ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मल सीमारमण द्वारा संसंद में पेश किये गये बजट से आमजन एवं वेतन भोगियो को कर में राहत की उम्मीद थी, जो पूरी नही हुई।

उन्होंने कहा कि लेकिन माननीय वित्त मंत्री ने 14 क्षेत्रो में प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम की घोषणा की जिससे करीब 60 लाख नये रोजगार का सृजन होगा। इन पीएलआई स्कीम से करीब 30 लाख करोड़ का उत्पादन होगा। डिजिटल करेंसी-(क्रिप्टो करेंसी) पर करदाता एवं कर सलाहकारों के मध्य कई तरह की भ्रांतिया थी जैसे कि आयकर की किस हेड में टैक्सेबल होगा किस रेट से टैक्स लगेगा इत्यादि। इन सभी पर पूर्ण विराम लगा कर वित्त मंत्री ने क्रिप्टो करेंसी पर 30 प्रतिशत टैक्स रेट की घोषणा की, साथ ही उससे होने वाली हानि को आप अन्य लाभ से समायोजित नही कर सकेंगे। करदाताओं पर भरोसा जताते हुए करदाता अपनी आयकर विवरणी को 2 साल तकरिवाईज कर सकेंगे।

वित्त मंत्री से इस कोविड आपदा के समय हेल्थ इन्शुरन्स पर हेज की दर कम करने की उम्मीद थी जो कि अधूरी रह गयी। हालांकि कोई भी बहुत बड़ा नेगेटिव सरप्राइज इस बजट ने नही किया जिस कारण शेयर बाजार ने इस बजट कास्वागत किया एवं पांच राज्यों में चुनाव के बावजूद सरकार ने लोक लुभावन बजट के बजाय ग्रोथ आधारित बजट पर जोर दिया जो कि अत्यधिक सराहनीय कदम है।

घरेलू इंडस्ट्री को प्रोत्साहन देने के लिए वित्त मंत्री ने हैडफ़ोन, ईयरफ़ोन, लाउडस्पीकर, इमीटेशन ज्वेलरी, स्मार्ट मीटर, सोलर सेल इत्यादि के आयात पर पर आयात शुल्क में वृद्धि की है। कोविड 19 को देखते हुए वित्त मंत्री ने स्टार्टअप के लिए एक साल की अवधि और बढ़ाकर इसे 31 मार्च 2023 तक कर दिया है।

वर्चुअल करेंसी पर लगेगा टैक्स, आरबीआई जारी करेगी डिजिटल मुद्रा  - डेटा एनालिस्ट मनीष कोठारी

अपेक्षाओं के विपरीत, इस बजट में ज्यादा लोकलुभावन घोषणाएं नहीं की गई। डेटा एनालिस्ट मनीष कोठारी ने बताया आयकर के स्लैब और दरों में किसी प्रकार के परिवर्तन नहीं किए गए। हालांकि आयकरदाताओं को राहत देते हुए सरकार ने यह घोषणा की है कि आयकर रिटर्न में गलतियां होने पर उसे संशोधित किया जा सकेगा। ऐसा 2 वर्ष के भीतर कभी भी किया जा सकेगा। आयकर रिटर्न में उस आय के स्रोत को भी जोड़ा जा सकता है जिसकी मूल रिटर्न में घोषणा नहीं की गई थी। डेटा एनालिस्ट मनीष कोठारी ने बताया सरकार ने वर्चुअल करंसी जैसे क्रिप्टोकरंसी से होने वाली आय पर टैक्स लगाने का निर्णय किया है। सरकार ने यह भी घोषणा की कि भारतीय रिजर्व बैंक अपनी डिजिटल मुद्रा जारी करेगा। इसके अलावा सरकार ने जल्द ही 5ळ स्पेक्ट्रम की नीलामी की घोषणा भी की। इससे भारत में डिजिटल क्रांति को और अधिक बढ़ावा मिलेगा।

डेटा एनालिस्ट मनीष कोठारी ने बताया सरकार ने 25 हजार किलोमीटर नए राजमार्गों के निर्माण का भी लक्ष्य रखा है। इसके अलावा सरकार ने नल से जल योजना के तहत 60 हजार करोड रुपए आवंटित किए हैं। साथ ही पांच नदियों को जोड़ने की योजना की भी घोषणा की गई है। अप्रैल में शुरू होने वाले वित्त वर्ष में सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर सरकार बड़ी रकम खर्च करने जा रही है। सरकार ने पूंजीगत व्यय में 35ः की वृद्धि की है, जिसके बाद यह राशि 7.5 लाख करोड़ रुपए तक जा पहुंची। निर्मला सीतारमण ने आने वाले 3 वर्षों में ऊर्जा-कार्यकुशल 400 वंदे भारत ट्रेनों के निर्माण का लक्ष्य रखा।

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