बचत को हतोत्साहित करने वाला बजट 2020ःसोमानी
जनसाधारण को लुभानें में असमर्थ बजट-डाॅ.कुणावत
जनता से लिये सुझावों को शामिल नहीं किया बजट मेंःमाधवानी
बजट अपनी थीम - भारत की आकांक्षाएं, आर्थिक विकास और समाजिक उत्थान की दृष्टी से आशा के अनुरूप - उदयपुर चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष रमेश कुमार सिंघवी
उदयपुर 1 फरवरी 2020। केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज केंद्रीय बजट पेश किया। उदयपुर टाइम्स अपने पाठको को केंद्रीय बजट पर उदयपुर के चार्टर्ड एकाउंटेंट्स, उदयपुर चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स & इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और बजट के जानकारों की प्रतिक्रिया से रूबरू करवा रहा है।
सीआईआरसी आईसीएआई सिकासा चेयरमेन सीए देवेन्द्र सोमानी ने आज पेश किये गये केन्द्रीय बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जिस प्रकार शरीर को स्वस्थ रखने के लिए सुबह की सैर जरूरी है ठीक उसी प्रकार हमारी वितीय सेहत के लिए बचत उतनी ही आवश्यक है। शायद वित्त मंत्री इस बात को यह बजट पेश करते वक्त नजरअंदाज कर गयी एवं इसके भविष्य में बहुत ही दूरगामी दुष्प्रभाव हमारी आने वाली पीढ़ियों को देखने पड़ेगे। इसकी एक झलक आज के शेयर बाजार के सूचकांक की गिरावट ने दे दी है।
सोमानी ने कहा कि वित्त मंत्री आयकर कानून का सरलीकरण करना चाहती है इसके लिए उन्होंने आयकर के नई वैकल्पिक टैक्स स्लैब की घोषणा की परंतु अब करदाता को सर्वप्रथम विकल्प चुनने के लिए दोनो ओल्ड टैक्स स्लैब व नई टैक्स स्लैब से टैक्स की गणना करनी पड़ेगी एवं उसके बाद जो फायदेमंद हो उस विकल्प को चुनना होगा। इससे सरलीकरण कहा होगा, इस पर चिंतन करना होगा। वित्त मंत्री की इस घुमाकर टैक्स स्लैब की छूट से सरलता की बजाय करदाता को उलझन में डाल दिया है। पूरा भाषण सुनने के बाद भी करदाता उसको मिली राहत को शाम तक कैलकुलेट ही कर रहा है, साथ ही आयकर में विभिन्न तरह की मिलने वाली 70 छूट को इस बजट के माध्यम से समाप्त कर दिया गया है। इसके बदले में कोई बड़ी राहत प्रदान नही की है।
सेामानी ने कहा कि हाँ 3.8 फीसदी राजकोषीय घाटे का अनुमान ज्यादातर जानकारों की उम्मीद के अनुरूप है एवं बजट का सबसे सकारात्मक पहलू कृषि क्षेत्र का इस बजट में पूर्ण खयाल रखा गया है, साथ ही बैंको में जमाराशि का इन्श्योरन्स कवर 1 लाख से बढ़ाकर 5 लाख कर दिया है यह काफी अच्छा कदम है। डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स को इस बजट में खत्म कर दिया है जो कि डिविडेंड देने वाली कंपनियों के लिए काफी अच्छा साबित होगा।
कुल मिलाकर बजट औसत से कम साबित हुआ जबकि जानकरों के अनुसार इस बार आर्थिक मंदी को देखते हुए रियल एस्टेट , इंफ्रा , घरेलू उद्यमियों को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद थी, परंतु वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत बजट ने इसमें निराश ही किया है।
उदयपुर टेक्स बार चेरिटेबल सोसायटी के पूर्व अध्यक्ष सीए डाॅ. निर्मल कुणावत ने कहा कि कैन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश किया गया बजट जनसाधारण को लुभानें में असमर्थ रहा।
उन्होंने कहा कि बजट में मध्यम वर्ग, छोटे व्यापारियों, महिलाओ, पर्यटन व्यवसाय एवं उदयपुर शहर के लिये बजट में किसी प्रकार को कोई प्रावधान नही रखा गया। वित्त मंत्री में आयकर को सरल बरने के उपाय बतायें लेकिन वास्तव में नये प्रावधानों से आयकर अधिनियम और जटिल हो जायेगा। जहाँ आयकर में पहले 3 स्लैब थी अब आयकरदाता को अपने आयकर की गणना दो तरीका से करनी होगी ताकि पता लग सके कि किस गणना के तहत उसे आयकर देना होगा।
मध्यवर्गीय व्यापारियों को ऑडिट में 5 करोड़ की छूट तभी मिलेगी जब उसका रोकड़ का व्यापार 5 प्रतिशत से कम होगा। अपेक्षित डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टेक्स को कम्पनी,से हटाकर निवेशकों पर लाने से छोटे निवेशकों को कर गणना में कठिनाई का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कृषि आधारित व्यवसाय में छूट स्वागत योग्य है। पूँजी बाजार में अपेक्षित छूट नहीं देने से छोटे निवेशकों पर दीर्घकालीन असर पड़ेगा।
राजस्थान फिल्मसिटी संघर्ष समिति प्रमुख मुकेश माधवानी ने बताया कि जिस प्रकार बजट पूर्व प्रधानमंत्री बजट जनता की आशाओं के अनुरूप बनाने के लिये आमजन से सुझावों को आमंत्रित किया था लेकिन उन सुझावों की झलक बजट में दिखाई नहीं देने से आमजन में निराशा व्याप्त है।
समिति ने बजट पूर्व प्रधानमंत्री,वित्तमंत्री को शहर में फिल्मसिटी की घोषणा करनें सहित अनेक सुझाव दिये गये थे लेकिन लगता है उन सुझावों पर ध्यान नहीं देकर भविष्य में इस इन्डस्ट्रीज से होने रोजगार सृजन को दबा दिया।
यह बजट अपनी थीम - भारत की आकांक्षाएं, आर्थिक विकास और समाजिक उत्थान की दृष्टी से आशा के अनुरूप ही रहा। सूक्ष्म, लघु एवं माध्यम उद्योगों के लिए कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं की गयी जिनमे एकीकृत खरीद प्रणाली और हर जिले में निर्यात हब की स्थापना, विनिर्माण के लिए नयी वित्यीय योजना तथा स्टार्टअप्स के लिए आर्थिक सहायता जैसी बातें काफी उत्साहजनक हैं। सरकार निश्चित तौर पर बेरोज़गारी के समाधान पर प्रयासरत दिख रही है जैसा की शिक्षा एवं कौशल विकास पर की गयी घोषणाओं से लग रहा है।
देखना यह है की क्या सरकार और शासन तंत्र इन वादों को ठीक से निभा पायेगा या नहीं। जैसा की वित्त मंत्री ने नयी स्मार्ट सिटीज की घोषणा करी अपितु हम उदयपुर वासियो को स्मार्ट सिटी की पूर्ण क्षमता का लाभ अभी मिलने में देर है। इसी प्रकार हमारी सरकार से यही आशा है की वे सिस्टम में सुधार पर ध्यान दें ताकि विकास की नीतिओं का क्रियान्वन सही प्रकार से हो सके। कृषि क्षेत्र के विकास एवं किसानों की क्रेडिट समस्यों को दूर करने पर भी जोर दिया गया है। संभव है की निकट भविष्य में यह खाद्यानों की कमी वाले हालातों से राहत दिलाये ।
सरकार ने कॉर्पोरेट टैक्स की दर को गिराकर उधोगों को अच्छा संकेत दिया है किन्तु यह मूलतः बड़े व्यवसायों को ही प्रभावित करेगा क्योंकि छोटे और मध्यम व्यवसाय पहले से ही कम टैक्स भर रहे हैं । इनकम टैक्स में कटौती ज्यादा कारगर सिद्द हो सकती है । इससे बाजार में क्रय क्षमता में वृद्धि होगी जिससे मंदी से उभरने में सहायता मिलेगी। कुल मिलाकर यह बजट मध्यम वर्ग के लिए अच्छा साबित होगा ।
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