उदयपुर, 2 फरवरी 2020 । नगर निगम प्रांगण में चल रहे क्राफ्ट एवं हैण्डलूम प्रदर्शनी मेले में इस बार ग्राहकों के खास आकर्षण का केन्द्र 600 साल पुराने मुगलकालीन कारीगरी डिजाईन के क्रोकरी आयटम बन हुए है। खास बात यह है कि इन आयटमों में राजस्थान के बीकानेर की मिट्टी की खुशबू है। यह आयटम पूरी तरह से इकोफ्रेण्डली हैं।
मेला संयोजक त्रिभूवनसिंह ने बताया कि मुगलकालीन डिजाइन के करीब 1000 आयटमों के साथ मेले मेें व्यवसाय करने उत्तर प्रदेश के खुरजा जिले से अनेक हेण्डीक्राफ्ट्समेन आये है। उन्होंने बताया कि यह आयटम खुरजा में बनते हैं और यह जितने देश में लोकप्रिय हैं उतने ही विदेशों में भी लोकप्रिय हैं। इनकी खास बात यह है कि इन्हें बनाने में राजस्थान और गुजरात की मिट्टी ही काम में ली जाती है। राजस्थान और गुजरात की मिट्टी के साथ में चीनी को मिला कर इन्हें बनाया जाता है।
इन्हें बनाने के लिए मिट्टी और चीनी के मिश्रण को भट्टी में 1000 से 1200 तक के तापमान पर पकाया जाता है। पकने के बाद इन पर नक्काशी और कलर किया
जाता है। इनके लिए अलग- अलग कारीगर काम करते हैं। इनमें न तो मशीन और कोई केमिकल काम में लिया जाता है। यह आयटम पूरी तरह से इकोफ्रेण्डली हैं। इनसे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होता है।
फैजान ने बताया कि मेले में फ्लावरपोट, मुगलकालीन डिनरसेट, कप्स, किचनवियर, मिट्टी की हाण्डियां जैसे तमाम 1000 से भी ज्यादा प्रोडक्ट हैं,ये इकोफ्रेण्डली हैं तथा इन्हें ओवन में रखा जा सकता है। अधिक तापमान पर गर्म होने के बाद भी यह फटते नहीं है।
उन्होंने बताया कि मेले में पास 30 रूपए से लेकर 8 हजार रूपए तक की क्राकरी के आयटम उपलब्ध हैं। उदयपुर में हर तरह के ग्राहक आ रहे हैं जो सबसे सस्ता और सबसे महंगा आयटम भी खरीद कर ले जा रहे हैं।
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