मसाला उत्पादन मे भारत सिरमोर

मसाला उत्पादन मे भारत सिरमोर

"मसाला उत्पादन गुणवत्ता एवं निर्यात में आधुनिक तकनीक" नामक एक दिवसीय वेबिनार

 
MPUAT

इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्यों के 450 वैज्ञानिको, किसानों, विद्यार्थियों, कृषि उत्पादकों, एवं उद्यमियों ने भाग लिया

उदयपुर। अनुसंधान निदेशालय, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के द्वारा मसाला उत्पादन पर "मसाला उत्पादन गुणवत्ता एवं निर्यात में आधुनिक तकनीक" नामक एक दिवसीय वेबिनार आयोजित की गई। इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्यों के 450 वैज्ञानिको, किसानों, विद्यार्थियों, कृषि उत्पादकों, एवं उद्यमियों ने भाग लिया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ नरेंद्र सिंह राठौर, कुलपति एमपीयूएटी, उदयपुर ने बताया कि राष्ट्र के बीजीय मसालों के कुल उत्पादन का 80% हिस्सा राजस्थान एवं गुजरात राज्य में होता है। वर्तमान में विभिन्न राज्यों में प्रमुख रूप से 20 बीजीय मसाला फसलों की खेती की जा रही है। बीजीय मसाला उत्पादन में राजस्थान का क्षेत्रफल की दृष्टि से प्रथम स्थान है जो कि लगबग 10 लाख हैक्टर है। राजस्थान में जीरा धनिया, मेथी एवम सोंफ प्रमुख बिजीय मसालो के रूप में उगाए जाते हैं इसके साथ ही अजवाइन, लहसुन की खेती भी की जाती है।

उन्होने बताया कि मसाला फसलों के मूल्य संवर्धन तकनिकों के विकास तथा सही मार्केटिंग क्षमता द्वारा किसानो की आय मे वृद्धि की जा सकती है राजस्थान का बीजीय मसालों में क्षेत्रफल की दृष्टि से प्रथम स्थान होने के बाद भी उत्पादकता बहुत कम है इसलिए उत्पादकता बढ़ाने एवं गुणवत्ता  सुधार पर जोर देने की आवश्यकता है।  

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉक्टर होमी चेरियन, निदेशक, सुपारी एवं मसाला विकास निदेशालय कालीकट, केरल ने मुख्य वक्ता के रूप में बताया कि मिर्च, अदरक, हल्दी व बीजीय मसालों के उत्पादन में भारत प्रथम स्थान रखता है भारत बीजीय मसालों का सबसे बड़ा उत्पादक, उपभोक्ता एवं निर्यातक राष्ट्र है वर्ष 2019 में भारत के इतिहास में अभी तक मसालों का सर्वाधिक निर्यात किया गया जो कि 3 बिलियन डालर से अधिक है मसाला निर्यात में 70% भागीदारी मसाला तेलों एवम ओलियोरसिंस का है ।  कोविड-19 के समय में भी काली मिर्च, हल्दी इत्यादी फसलों में उत्पादन में वृद्धि देखी गई।

मसाला फसलों का राष्ट्रीय निर्यात आय में 1.38% तथा कृषि सकल घरेलू उत्पादन में लगभग 4% हिस्सा है उन्होंने यह भी  बताया कि सुपारी एवं मसाला विकास निदेशालय में राष्ट्रीय बीज मसाला अनुसंधान केंद्र अजमेर के साथ मिलकर कीटनाशक मुक्त जीरा का उत्पादन प्रोजेक्ट शुरू किया है जिसके तहत बाड़मेर और नागौर में 40 टन कीटनाशक मुक्त जीरे का उत्पादन और निर्यात किया गया ।

डॉ एस के शर्मा निदेशक अनुसंधान ने स्वागत उधबोधन मे बताया कि जलवायु परिवर्तन, उन्नत किस्म के बीज कि उपलब्धता तथा पेस्टिसाइड अवशेष, बीजीय मसालो के संदर्भ मे महत्वपूर्ण चुनोतिया है ।

डॉक्टर विरेंद्र नेपालिया विशेष अधिकारी कुलपति ने कार्यक्रम का संचालन एवं डॉ अभय दशोरा सहायक आचार्य एवं आयोजन सचिव ने धन्यवाद प्रेषित किया।

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