उदयपुर। चेम्बर ऑफ कॉमर्स उदयपुर डिविजन द्वारा राज्य सरकार से 2 दिन का नहीं 10 दिन का लॉक डाउन लगायें जाने की मांग का वस्त्र व्यापार संघ एवं लखारा चौक एसोसिएशन ने विरोध करते हुए कहा कि यदि वीकेंड के अलावा एक दिन भी लॉक डाउन बढ़़ाया तो व्यापारी आत्म हत्या कर लेंगे।
वस्त्र व्यापार संघ के अध्यक्ष मदनलाल सिंघटवाडि़या ने कहा कि गत एक वर्ष से शहर का एक व्यापारी कोरोना के कारण बर्बाद हुए व्यापार से परेशान है। व्यापार समाप्त होता जा रहा है। इस बार व्यापार चलने की कुछ उम्मीदें बंधी तो कोरोना के नये वर्जन ने फिर से कारोबार समाप्त सा कर दिया है। अप्रेल-मई माह शादी-ब्याह का सीजन होता है और चारों ओर इस सीजन से कारोबार चलने की उम्मीदें बंधी होती है लेकिन ऐसे समय में कारोबारियों को मानिसक मजबूती प्रदान करने के बजाय चेम्बर ऑफ कॉमर्स उदयपुर डिविजन का सरकार से 10 दिन का लॉक डाउन लगायें जाने की मांग करना किसी भी व्यापारी के गले नहीं उतर रहा है।
संघ के मंत्री वेदप्रकाश अरोड़ा ने कहा कि विगत सप्ताह ही चेम्बर ऑफ कॉमर्स उदयपुर डिविजन के अध्यक्ष पारस सिंघवी द्वारा व्यापारियों के हितों में सडकों पर उतरने की बात कहीं गई थी। इस बार न तो होली का त्यौहार चला और न हीं अब कोरोना के डर के चलते ग्राहक शादी ब्याह की खरीदारी कर पा रहे है। ऐसे में हर व्यापारी के यहाँ लाखों रूपयों का माल पड़ा हुआ है। उसका उसे पैसा चुकाना है। यदि सरकार ने लॉक डाउन लगा दिया तो व्यापारी आत्महत्या करने के लिये मजबूर हो जायेगा।
लखारा चौक एसोसिएशन के सदस्य एवं मण्डी क्लॉथ एसोसिएशन के अध्यक्ष मंसूर अली वीचावेरावाला ने कहा कि धानमण्डी लखारा चौक में वैसे ही ग्रामीणजनों की आवाजाही अधिक रहती है। यहाँ का पूरा कारोबार ग्रामीण क्षेत्रों पर ही आधारित है। यदि ग्रामीणजन ही खरीदारी करने नहीं आयेंगें तो कारोबार कैसे चलेगा। शहर का हर व्यापारी कोरोना को लेकर सावचेत है। यह प्रशासन को पता लगाना है कि कोरोना स्प्रेडर कौन है। हर समय सख्ती को लेकर व्यापारियों को टारगेट करना, सरकारी खजाना भरना गलत है।
पिछले दिनों भी लखारा चौक में चार व्यापारियों की दुकानों को सीज की जिसको लेकर भी व्यापारी काफी आक्रोशित है। जिला एवं पुलिस प्रशासन द्वारा कुछ व्यापारियों को अपने टारगेट का निशाना बना कर शेष व्यापारियों को छोड़़ा जा रहा है, जिस कारण प्रशासन पर उंगली उठ रही है। हर व्यापारी सख्ती का सामना करने को तैयार है लेकिन लॉक डाउन का नहीं। व्यापारी कभी कोरोना स्प्रेडर नहीं होता है, वह हमेशा से कोराना गाईडलाइन का पालन करता आया है और आगे भी करता रहेगा लेकिन सिर्फ उसे ही प्रशासन द्वारा टारगेट किया जाना कि वह व्यापारी है और उस पर दण्ड लगाये जाने से ही खजाना भरेगा, यह सोच गलत है।
मण्डी क्लॉथ एसोसिएशन के सचिव राकेश जावरीया ने बताया कि सरकार एवं प्रशासन को राजसमन्द हो रहे चुनाव के लिये की गई रैलियों में कोरोना कहीं नजर नहीं आया। उन्हें सिर्फ व्यापारियों के यहाँ कोरोना दिखाई देता है। यदि वास्तविकता का पता लगाया जाय तो सर्वाधिक कोरोना रोगी इन रैलियों से ही निकले है।
जिला एवं टेन्ट व्यवसाय समिति के सदस्य वीरेन्द्र जैन ने कहा कि जबसे सरकार ने शादी ब्याह में मेहमानों की संख्या 50 तक सीमित कर दी है तब से लेकर अब तक अनेक बुकिंग केन्सिल हो गयी है। जिस कारण अनेक व्यापारी अवसाद में चले गये है। गत वर्ष भी व्यवसायियो को कोरोना ने बुरी तरह झकझोर दिया था। उनका वर्ष भर चलाना भारी हो गया था और इस वर्ष भी कोरोना ने व्यापारी को काफी हद तक प्रभावित कर दिया है। उन्होंने राज्य सरकार से मांग की है कि वह शादी ब्याह में संख्या 200 करे ताकि सभी का कारोबार चल सकें।
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