उदयपुर 23 फरवरी 2022। राज्य बजट 2022 में उदयपुर को सबसे बड़ी सौगात कांग्रेस सरकार में मिली है। 10 साल पूर्व भी कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री रहते अशोक गहलोत ने उदयपुर को नगर परिषद से अपग्रेड कर नगर निगम बनाया था। अब ठीक 10 साल बाद गहलोत ने अपनी सरकार के चौथे बजट में उदयपुर को यूआईटी से अपग्रेड कर उदयपुर विकास प्राधिकरण बना दिया है।
उद्योग, पर्यटन एवं खनन को बजट में प्राथमिकता सराहनीय- यूसीसीआई
उदयपुर चेम्बर ऑफ़ काॅमर्स एण्ड इण्डस्ट्री ने मुख्यमंत्री द्वारा प्रस्तुत राज्य बजट 2022-23 का स्वागत करते हुए पर्यटन विकास के लिये फण्ड बढाकर 1000 करोड रुपये किये जाने की घोशणा का स्वागत किया है।
अध्यक्ष कोमल कोठारी ने बताया कि यूसीसीआई द्वारा गत माह आयोजित बजट परामर्श सब कमेटी की बजट पूर्व बैठक में यह सुझाव दिया था कि गत वर्ष के दौरान कोरोना महामारी की चलते पर्यटन उद्योग सर्वाधिक प्रभावित हुआ है। उदयपुर सम्भाग में अधिकांश उद्यमी एवं व्यवसायी अपनी आजीविका के लिये पर्यटन पर निर्भर है। यूसीसीआई के सुझाव की क्रियान्विति कर पर्यटन को उद्योग का दर्जा प्रदान करते हुए उद्योगों को दिये जाने वाले सभी लाभ दिये जाने की घोषणा सरकार का स्वागत योग्य कदम है। एडवेन्चर टूरिज्म हेतु प्रोत्साहन योजना जारी करने, ग्रामीण पर्यटन के विकास हेतु आगामी 10 वर्षो तक राज्य जीएसटी में शत प्रतिशत का पुनर्भरण किये जाने तथा बांसवाडा क्षेत्र में बागड टूरिस्ट सर्किट के विकास से बडी संख्या में रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे तथा इस क्षेत्र का आर्थिक विकास होगा।
अध्यक्ष कोमल कोठारी ने बताया कि कर परामर्शदात्री समिति की बैठक में बजट पूर्व चर्चा के दौरान यूसीसीआई द्वारा दिये गये सुझावों को ध्यान में रखते हुए अप्रधान खनिजों के खनन पट्टों/क्वारी लाईसेन्सों की अवधि 31 मार्च 2025 तक समाप्त हो रही है, उन्हें निश्चित प्रिमियम के भुगतान की शर्त पर 31 मार्च 2040 तक बढाये जाने, वैज्ञानिक और सुरक्षित खनन को बढावा देने के उद्देश्य से खातेदारी भूमि में अप्रधान खनिज खनन पट्टा जारी करने की 4 हेक्टेयर की अधिकतम सीमा को हटाने, खनन पट्टों का संविदा निष्पादन प्रक्रिया का सरलीकरण, अप्रधान खनिजों के खनन पट्टों के हस्तांतरण पर लिये जाने वाले प्रिमियम के संबंध में डेड रेन्ट/ लाईसेन्स फीस अधिकतम 10 लाख रुपये के स्थान पर 5 गुणा व अधिकतम 5 लाख रुपये किये जाने की योजना, अप्रधान खनिजों के खनन पट्टों / क्वारी लाईसेन्स के समीप उपलब्ध भूमि में से एक निष्चित क्षेत्रफल तक निर्धारित प्रिमियम के भुगतान पर खनन पट्टा लाईसेन्सधारी को आवटंन से कई परेशानियों से जूझ रहे खनन उद्योग को प्रोत्साहन मिलेगा।
उदयपुर को विकास प्राधिकरण बनाये जाने, राज्य में 32 नये औद्योगिक क्षेत्रों की घोषणा के तहत वल्लभनगर में रीको इण्डस्ट्रीयल एरिया स्थापित किये जाने, राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना की अवधि को एक वर्ष तक के लिए बढाया जाना, उदयपुर में मिनी फूड पार्क बनाये जाने, उदयपुर सम्भाग में एलिवेटेड रोड निर्माण हेतु 150 करोड रुपये की बजट राशि का बजट तय किये जाने, उदयपुर में 400 केवी ग्रिड स्टेशन की स्थापित किये जाने की घोषणा से इस क्षेत्र के विकास को बढावा मिलेगा।
गहलोत सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट में अपेक्षित राहत की कमी रही। कर विशेषज्ञ सीए यश कुणावत ने बताया कि आम जनता पेट्रोल डीज़ल के कर की दर में राहत की अपेक्षा कर रही थी जिस पर यह बजट फ़ेल रहा । इसी प्रकार सम्पत्ति पंजीयन एवं स्टाम्प शुल्क में भी कोई राहत प्रदान नहीं की गई । दोनों ही दरें अभी देश के सभी राज्यों की कर दरों में सर्वाधिक है ।
पर्यटन स्वास्थ्य व शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण घोषणाएं स्वागत योग्य हैं लेकिन उदयपुर शहर को लेकर उपेक्षित व्यवहार रहा । मध्यम वर्ग व छोटे व्यापारियों के लिए बजट में राहत का कोई प्रावधान नहीं रहा । स्मार्ट सिटी के कार्यों के तहत शहर का व्यापार क़रीब छह माह प्रभावित रहा लेकिन व्यापारियों के लिए भी कोई राहत का क़दम नहीं उठाया गया है।
उदयपुर में यूआईटी की जगह उदयपुर विकास प्राधिकरण के गठन की घोषणा हुई है जो सराहनीय कदम है लेकिन सरकार प्राधिकरण बनाने में पेराफेरी क्षेत्र बढ़ाकर इसमें कई पंचायतो को ओर शामिल करेगी ऐसे में इन पंचायतो के विकास का खाका भी पहले तैयार करना होगा। पेराफेरी पंचायतो के अधिकार प्राधिकरण में आने के बावजूद सुरक्षित रहने चाइए, इस बात पर ध्यान देना होगा।
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस सोशल मीडिया विभाग के कोऑर्डिनेटर डॉ संजीव राजपुरोहित ने कहा कि प्रदेश की संवेदनशील और पारदर्शी कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री जननायक अशोक गहलोत द्वारा बजट 2022-23 में जो घोषणा करी है उससे राजस्थान विकास की नई ऊंचाई तय करेगा। प्रदेश का बजट 2022-23 पूर्णतया राजस्थान के हर वर्ग को समर्पित है।
विधायक दीप्ति किरण माहेश्वरी ने प्रदेश सरकार के बजट वक्तव्य को हर वर्ग के लिए निराशा जनक बताया। अर्थ संकल्प में राजस्थान की ज्वलंत समस्याओं के समाधान का कोई पथचित्र नहीं दिखता हैं। जर्जर विधि व्यवस्था, 27% की बेरोजगारी दर , किसानों की उत्पादकता बढ़ाने और बाजार सुलभ करवाने, ऊर्जा संकट, सड़को की बुरी स्थिति जैसी चुनौतियों की अनदेखी की गई है।
विधायक दीप्ति माहेश्वरी ने कहा कि बजट में राजसमंद की पूर्ण उपेक्षा की गई है। राजसमंद झील में परावर्तन से जल आवक बढ़ाने का प्रावधान नहीं किया गया। मार्बल उद्योग और खनन इकाईयों को मंदी से बाहर लाने के लिए कोई प्रयास नहीं किए गए। नए औद्योगिक क्षेत्र का विकास, पर्यटन बढ़ाने, गांवो में पेयजल आदि की भी उपेक्षा की गई है। पृथक कृषि बजट का बहुत प्रचार किया गया किन्तु नहीं तो निवेश बढ़ाया गया है, नहीं कोई नया दृष्टिकोण दिखा। विकास की सभी घोषणाऐं केन्द्रीय योजनाओं पर आधारित है।
बाल संरक्षण को बल देना वाला बजट- डॉ शैलेन्द्र पंड्या
उदयपुर संभाग विशेष रूप से जनजाति अंचल के बच्चों के बेहतर भविष्य एवं बाल श्रम में संलग्न होने से रोकने हेतु राजस्थान सरकार का बजट काफ़ी सहयोगी सिद्ध होगा l प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा क़ोविड़ में शिक्षा से वंचित रहे बच्चों के लिए बजट में ब्रिज कोर्स की 3 माह की व्यवस्था एवं पालनहार में वंचित बच्चों को मिलने वाली प्रति माह की राशि को बढ़ाकर दुगनी करना सराहनीय क़दम है l 100 नए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रो से भी बच्चों को ग्रामीण स्तर पर बेहतर स्वास्थ्य सेवा मिल पाएगी l राज्य के समस्त 3 हज़ार 820 माध्यमिक स्कूलों को क्रमोंनत कर उच्च माध्यमिक बनाना, पाँच हज़ार से ज़्यादा आबादी वाले गाँवों में महात्मा गांधी अंग्रेज़ी स्कूल प्रारम्भ करना, बालिका शिक्षा को बढ़ावा एवं दिव्यांग बच्चों को विशेष राहत आदि कई एसे प्रावधान है जो राजस्थान में बाल अधिकारो के संरक्षण को ओर ज़्यादा बेहतर तरीक़े से सुनिस्चित कर पाएँगे।
सर्वहित के साथ स्वागत योग्य है ऐतिहासिक बजट - भुवनेश व्यास
प्रदेश के मुख्यमंत्री ने हर वर्ग को ध्यान रखते हुए ऐतिहासिक बजट जारी किया है। 1 जनवरी 2004 और उसके बाद के कार्मिकों के लिए पहले की तरह पेंशन की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों का विश्वास जीता है, वही किसान, युवा बेरोजगार आदि के हित में अनेक फैसले लेते हुए राजस्थान को अनूठी सौगात दी है। उदयपुर के चहुमुखी विकास को ध्यान रखते हुए विभिन्न बड़ी घोषणाओं के साथ प्रदेश के हर वर्ग को लाभान्वित किया है। मुख्यमंत्री द्वारा किसानों के हित में प्रस्तुत कृषि बजट स्वागत योग्य है। प्रदेश के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखते हुए ऐतिहासिक बजट जारी करने के लिए माननीय मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत का बहुत-बहुत आभार।
पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ गिरिजा व्यास ने बजट को सभी वर्गों के हित व प्रदेश के समग्र विकास को प्रशस्त करने वाला बताया है। उन्होंने कहा कि यह सर्व समावेशी बजट है!राज्य की करीब 65% आबादी की आजीविका कृषि पर निर्भर है, कृषि के लिए अलग बजट पेश कर मुख्यमंत्री ने किसानों को अपना आर्थिक स्तर बेहतर बनाने का मौका दिया है। डॉ व्यास ने उदयपुर में विकास प्राधिकरण के गठन और वल्लभनगर में औद्योगिक क्षेत्र के प्रस्ताव का स्वागत किया है।
सीडब्ल्यूसी सदस्य एवं पूर्व सांसद रघुवीर मीणा ने कृषि के लिए पहली बार अलग बजट को मुख्यमंत्री की दूरगामी सोच बताया है। बजट में पर्यटन क्षेत्र को उद्योग का दर्जा देने की घोषणा महत्वपूर्ण है। कच्ची बस्ती से लेकर खलिहान और शहर से लेकर ढाणी तक हर वर्ग इस बजट से लाभान्वित होगा।
शहर जिला कांग्रेस के निवर्तमान अध्यक्ष गोपाल कृष्ण शर्मा ने कहा कि कृषि विकास और लोक कल्याण को परिलक्षित करने वाला यह ऐतिहासिक और अभूतपूर्व बजट है।
निवर्तमान प्रदेश कांग्रेस सचिव पंकज कुमार शर्मा ने कहा है कि बजट आम जन की अपेक्षा और आकांक्षाओं के अनुरूप राज्य के संपूर्ण विकास को सुनिश्चित करने वाला है।
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