खान सुरक्षा महानिदेशालय, उदयपुर क्षेत्र के तत्वावधान में हिंदुस्तान जिंक, ज़ावर माइंस द्वारा भूमिगत खदानों में भू-नियंत्रण विषय पर एक दिवसीय तकनीकी कार्यशाला का आयोजन जावर खदान के क्लब हाउस में शुक्रवार को किया गया। कार्यशाला की शुरुआत वृक्षारोपण एवं दीप प्रज्वलन से हुई ।
इस कार्यशाला में विभिन्न खदानों के वक्ताओं द्वारा शीर्षक से सम्बंधित जानकारियाँ, वर्तमान चुनौतियाँ एवं कार्यप्रणाली, सम्भावित निवारण, आदि के विषय में व्यापक चर्चा की गयी। तकनीकी कार्यशाला में ज़ावर, सिंदेसर खुर्द एवं राजपुरा दरीबा खदान के अधिकारियों, मजदूरों एवं मजदूर संघ के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
कार्यशाला की अध्यक्षता खान सुरक्षा महानिदेशालय, उदयपुर क्षेत्र के निदेशक बी. दयासागर ने की। उन्होंने कहा कि भूमिगत खदानों में सुरक्षा की दृष्टि से भू-स्थिरता सुनिश्चित करने के लिये बनायी गयी नियमावलियों का अक्षरश: पालन करना अत्यंत आवश्यक है। साथ ही वैज्ञानिक संस्थानों द्वारा समय- समय पर सुरक्षा मानकों की समीक्षा भी की जानी चाहिये। केंद्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान,विशिष्ठ अतिथि धनबाद के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. जॉन लुई ने भूमिगत खदानों के विभिन्न वैज्ञानिक पहलुओं पर प्रकाश डाला।
कार्यशाला में हिंदुस्तान ज़िंक के मुख्य ISO अधिकारी एवं केंद्रीय उत्कृष्टता विभाग प्रमुख प्रवीण शर्मा उपाध्यक्ष के रूप में सम्मिलित हुए। कार्यशाला में खान सुरक्षा महानिदेशालय के उपनिदेशक निरंजन कुमार, विशाल गोयल,रजनीश सिगर एवं श्री मल्लेश पोरुंदला ने अपने विचार रखे।
ज़ावर इकाई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं कार्यशाला के आयोजक राम मुरारी, संयोजक विकेश चित्तौड़ा एवं सचिव अयान गिरी ने कार्यशाला का कुशल प्रबन्धन किया। कार्यक्रम में नाथू सिंह, अंशुल खंडेलवाल, लोकेश पालीवाल, महेंद्र सुथार, नंदलाल स्वामी, बाला मुरुगन, वरुण सिंह, अनामुला मल्लेश, अमित वर्मा के अतिरिक्त बड़ी संख्या में खनन अभियंता, भू-वैज्ञानिक, खान कर्मचारी, ऑपरेटर्स, मौजूद थे। कार्यशाला में लगभग 80 प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यशाला का संचालन श्री आशुतोष पाठक ने किया।
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