तीन दिवसीय प्रयास एक्ज़ीबिशन एल्यूरिंग राजस्थान-2021

तीन दिवसीय प्रयास एक्ज़ीबिशन एल्यूरिंग राजस्थान-2021

डिप्लीटेड कटेरियम वाटर से मिलेगी कैंसर की रोकथाम में सहायता

 
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पोटाश मिनरल मिलने से होगी फर्टीलाइजर की लागत आधी

उदयपुर। होटल इन्दर रेजीडेन्सी में भारत सरकार के विभिन्न उपक्रमों द्वारा देश में किये जा रहे इनावेशन की आमजन, बच्चों एवं विभागों से जुड़े लोगों को जानकारी देने हेतु चल रही तीन दिवसीय प्रयास एक्ज़ीबिशन एल्यूरिंग राजस्थान -2021 में कोविड के निमयों की पालना करते हुए सीमित संख्या में लोगों को प्रवेश दिया जा रहा है।

देश में हैवी वाटर पर काम करने वाले सरकारी उपक्रम के अधिकारी गोपाल सिंह ने बताया कि विभाग द्वारा इन दिनों डिप्लीटेड कटेरियम वाटर पर काम किया जा रहा है। इसके सकारात्मक परिणमा आने शुरू हो गये है। काम पूर्ण होने पर कैंसर जैसी बीमारी की रोकथाम में सहायता मिलेगी। उन्होंने बताया कि पूर्व में जहाँ हम अपनी जरूरतों को पूरी करने के लिये हैवी वाटर आयात करते थे जिसमें हमारी काफी रकम खर्च हो जाया करती थी। 

पिछले कुछ वर्षो के दौरान हमनें अपनी जरूरतों को पूरी करने के लिये देश में 7 स्थानों राजस्थान के कोटा, आन्ध्रप्रदेश के तूतीकोरन, उड़ीसा के कल्चर, गुजरात के बड़ौदा, महाराष्ट्र के थाल तथा गुजरात के हजिरा में हैवी वाटर प्लान्ट स्थापित किये। इनकी स्थापना के बाद हम न केवल अपनी जरूरतों एवं बीमारियों की रोकथाम में काम आने वाले इस हैवी वाटर का उपयोग कर पा रहे है वरन् हम अब इसका निर्यात करने की स्थिति में पंहुच चुके है।

उन्हेांने बताया कि हैवी वाटर का उपयेाग पावर जनरेशन, सेाशल लाइफ साईंसैस मे किया जा रहा है। वर्तमान में न्यूकलियर मैग्नेटिक थैरेपी सोलवेंस पर काम किया जा रहा है और सोलवेंस बनाये भी जा रहे है। सूचना तकनीकी क्षेत्र मे ड्यूरेटियम का काफी उपयोग किया जा रहा है। न्यकलियर फ्यूल साईकिल के फ्रण्ट एण्ड व बेक एण्ड प्रोसेसिंग के लिये सोलवेंट का उपयोग कर इन्हें बना रहे है। उन्होंने बताया कि हेजारडस सिस्टम को सैफली हेण्डल करने के लिये प्रोग्रेटिव आईसोलेशन के लिये डबल डिस्क सीलेन्ट प्रोविजन के साथ गेट वॉल यूज किये जाते है।

पोटाश मिनरल मिलने से होगी फर्टीलाइजर की लागत आधी 

भारत सरकार के उपक्रम मिनरल एक्सप्लोरेशन लि. द्वारा राजस्थान में नागौर से श्रीगांगानगर के 50 हजार वर्ग किमी. क्षेत्र के 8 डिपो सेन्टर में की जा रही पोटाश की खोज यदि सफल हो जाती है तो उस सरकार के पोटाश आयात करने पर खरर्च होने वाले ने केवल सालाना 10 हजार करोड़ रूपयें बच जायेंगे वरन् फर्टीलाज़र भी आमजन को आधी कीमत मे मिलने लगेगा क्योंकि पोटाश का सर्वाधिक उपयोग फर्टीलाईज़र मे होता है।

कंपनी के अशीष सिंह ने बताया कि सतीपुरा क्षेत्र में जीएसआई पोटाया मिनरल की खोज का कार्य कर रही है। इस क्षेत्र में 900 मिलीयन टन पोटाश मिलने की संभावना जतायी जा रही है। सतीपुरा, लखासर, एवं भारूसर इन तीन डिपो सेन्टर पर खोज का कार्य किया जा रहा है। कंपनी ने पोटाश मिलने की संभावना को ले कर खान एवं भू विज्ञान विभाग, आरएसएमएम लि. व एमईएसएल विभागों के साथ एग्रीमेन्ट किया है।

हरियाणा दे रहा है उद्योग लगाने में रियायतें 

हरियाणा राज्य की नोडल एजेन्सी हरियाणा में उद्योग लगानें के लिये उद्योगों को विभिन्न प्रकार की रियायातें दे कर उद्योगपतियों को अपने यहां
निवेश करने का निमंत्रण दे रही है। यह कहना था नोडल एजेन्सी के पुनीत अरोड़़ा का। उन्होंने बताया कि राजस्थान को कोई भी व्यक्ति हरियाणा में उद्योग लगा सकता है।  हमारी कंपनी सिंग विंडो के तहत उद्योग लगानें के आवेदन के साथ ही 40-50 दिन में सारी प्रक्रियाएं पूरी करनें का कार्य करती है। एल्यूरिंग राजस्थान के एमएम भास्कर ने बताया कि 6 अगस्त को इसका अंतिम दिन है।  

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