सावधान - सक्रीय है ऑनलाइन ठग, ज़रा सी लापरवाही साफ़ कर सकती है बैंक अकाउंट


सावधान - सक्रीय है ऑनलाइन ठग, ज़रा सी लापरवाही साफ़ कर सकती है बैंक अकाउंट 

ऑनलाइन ठगी  के शिकार का हुए पीड़ितों की हुई राशि रिकवर

 
online fraud
यूजर्स के 4,17,847 रूपये रिकवर किये।  

उदयपुर में बढ़ते साइबर अपराध को रोकने और हुए उदयपुर जनता को इस बढ़ते अपराध से रोकने आगाह करने के लिए उदयपुर पुलिस प्रशासन सक्रिय हो चुकी है।  इसके साथ ही इस साइबर के शिकार हुई उदयपुर की जनता की राशि को भी वापस रिकवर करवाया है।  उदयपुर जिला पुलिस अधीक्षक डॉ राजीव पचार ने ऑनलाइन ठगी के विरुद्ध कार्यवाही के करने  के लिए निर्देश जारी कर दिए है। सवीना थाना के थानाधिकारी रविंद्र सिंह चारण मय टीम द्वारा साइबर ठगी में 4,17,847 रूपये रिकवर किये।  

गूगल पे फ़ोन रिचार्ज के ज़रिये ऑनलाइन ठगी को अंजाम 

अगर आपके साथ भी यह इससे सम्बंधित हरकत हो रही है तो जाए सावधान 

बढ़ती तकनीकी के साथ साथ बढ़ते अपराधों को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है। जहाँ आप घर बैठे एक दूसरे को रूपये ट्रांसफर कर सकते वही दूसरी और जानकारी का अभाव होने से लोग इस ठगी का शिकार हो जाते है। राजस्थान के उदयपुर में हुए ऑनलाइन ठगी के शिकार में व्यक्तियों के साथ कुछ इस तरह की वारदात घटी जिसके बाद लोगो ने बैंक में रखी अपनी राशि गँवाई। गूगल और न जाने कितने ऑनलाइन पेमेंट कंपनी जिसके बारे में लोग सर्च करते है जिसके बाद बिना उस साइट को चेक किये अपनी जानकारी उसमे भर देते है जिसके वजह से ऑनलाइन ठगी के शिकार हो जाते है।  

- ऑनलाइन पेमेंट के दौरान frauder लोगो को रिक्वेस्ट भेजता है और व्यक्ति रिक्वेस्ट को स्वीकार कर लेता है फिर ऑनलाइन शिकार बने व्यक्ति के अकाउंट से पैसे कट जाते है। जबकि फ्राडर लोगो को कहता है की में आपके अकाउंट में पैसे डाल रहा हूँ ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर या ऑनलाइन ट्रांज़ैक्शन से सम्बंधित कभी बिना जांच के रिक्वेस्ट स्वीकार नहीं करें। 

- ठग आपको बैंक का कर्मचारी बता कर आपकी व्यक्तिगत जानकारी हासिल कर लेता है और आपके जानकारी देने के बाद बैंक से पैसे निकाल लेता है।  

- ओटीपी पिन की जरुरत सिर्फ और सिर्फ पैसे भेजने के लिए होती है फ्रॉड करने वाला व्यक्ति यह कहता है की ओटीपी भेजने पर पर आपके खाते में राशि आ जाएगी लेकिन जैसे ही आप पिन बताते है उसके तुरंत आपके खाते से पैसे कट जाते है। 

- फ्रॉड करने वाले लोग एस बी आई बैंक के योनो एप में केवाईसी अपडेट करने के लिए लिंक भेजते है शिकार का डाटा ठगो तक पहुँच जाता है और यूजर्स के अकाउंट से पैसे काट लिए जाते है।  

- इस बात का खास तौर पर ध्यान रखे की गूगल पर कंपनियों की साइट जैसे कुछ कस्टमर केयर या टोल फ्री जैसी लिंक साइट वेरिफाइड नहीं होती यही ठगो द्वारा फर्जी साइट बनाई जाती है।  जिसके तहत यूजर्स मदद की बजाय इस का शिकार हो जाता है।  

पुलिस की कार्यवाही और ठगो के खाते फ्रिज करवा कर की गयी राशि रिकवर 


- सवीना निवासी भंवर लाल ने अपने क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के लिए गूगल पर कस्टमर केयर के नंबर सर्च किये और फर्जी साइट और नंबर पर संपर्क किये और गूगल पर मिलने वाले नंबर कस्टमर केयर के नहीं थे।  और बिना जांच किये भंवर लाल ने कार्ड नंबर और ओटीपी बता दिए जिसके बाद ठग ने भंवर लाल के खाते से 1,48,000 रूपये निकल लिए जिसमे से 1,44,000 रूपये राशि रिकवर करवाई गयी।  

- ऋषभदेव निवासी लव व्यास की हुई 58,000 की ठगी की पूर्ण राशि रिकवर करवाई गयी।  

- वीआईपी कॉलोनी निवासी उत्तम कुमार को एसबीआई बैंक के योनो एप के बंद होने को लेकर मेसेज प्राप्त हुआ जिसके बाद मेसेज में लिंक को ओपन करने पर एसबीआई बैंक योनो एप खुला जिसमे डिटेल भरने पर बैंक में 10,400 रूपये कट गए जिसकी रिकवरी की गयी।  

सेक्टर-14 के निवासी प्रदीप कुमार ने हवाई टिकट बुक की थी जिसे कैंसिल करवाने के बाद रिफंड होने वाली राशि वापस न आने पर गूगल से एयरलाइन्स के नंबर सर्च किये जिसके बाद गूगल से फ़र्ज़ी नंबर पर अपनी डिटेल दे दी गयी जिसके बाद ऑनलाइन ठगी से 80,000 रूपये काट गए। कार्यवाही में सम्पूर्ण राशि रिकवर करवाई गयी।  

- क्रेडिट कार्ड काम नहीं आने पर दीपक गांधी ने क्रेडिट कार्ड को बंद करवाने के लिए गूगल से एसबीआई हेल्प नंबर नंबर सर्च किये जिसके बाद उनसे कार्ड नंबर और ओटीपी पूछी गयी और जानकारी देने के बाद उनके खाते से 25,560 रूपये कट गए जिसकी रिकवर की गयी। 

- सेक्टर-11 में लुब्रिकेंट की शॉप और फेसबुक पर अपनी शॉप पर ऐड होने से कॉल आया की मैंआर्मी कैंप सेक्टर 11 से बात कर रहा हूँ। आप आर्मी कैंप के गेट पर ऑयल की 2 पेटी ले आओ जिस पर बताया की ऑनलाइन पेमेंट करूँगा।  जिसके लिए क्यूआर कोड भेजा उसको यूजर ने स्कैन किये तो अलग अलग बार 99,847 रूपये कट गए। जो की सम्पूर्ण राशि रिफंड करवाए गए।  


यूजर्स से अपील है की ऑनलाइन ठगी से सावधान रहिये कभी भी बैंक या ऑनलाइन लिंक से प्राप्त हुए मेसेज पर  तुरंत जानकारी नहीं दे जब तक की ये सुनिश्चि न हो जाए की या वेरिफ़िएड है या नहीं।  अगर इस तरीके के वारदात का अंदेशा हो तो पहले नजदीकी बैंक और पुलिस को इस बात की सुचना दे और सतर्क रहे।   
 

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