योनो एप्प की आड़ में हुई 9 लाख 50 हजार की ठगी

योनो एप्प की आड़ में हुई 9 लाख 50 हजार  की ठगी 

सवीना थाना ने साइबर ठगी पर कार्यवाही करते हुए सम्पूर्ण राशि रिकवर की 

 
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उदयपुर  14 जनवरी 2022। जिले के सवीना थाना में पवन कुमार बोहरा के साथ योनो एप्प की फर्जी साइट से कथित तौर पर 9 लाख 50 हज़ार रूपये की राशि ठगने का मामला सामने आया। इस मामले पर कार्यवाही करते हुए सवीना थानाधिकारी ने बताया की सेक्टर - 14 निवासी पवन कुमार बोहरा ने साइबर ठगी होने की शिकायत दर्ज करवाई जिसमे बोहरा ने बताया की एसबीआई बैंक का योनो एप्प नहीं चल रहा था जिस पर बोहरा ने गूगल के ज़रिये एसबीआई बैंक का हेल्प लाइन नंबर सर्च किया जिस ओर एक साइट से हेल्प लाइन नंबर मिला और बोहरा ने जब उस नंबर पर कॉल किया तब किसी व्यक्ति ने फ़ोन रिसीव किया।

कॉल पर अज्ञात व्यक्ति अपने आप को बैंक कर्मचारी बताने लगा। इस दौरान बोहरा ने अपनी समस्या बताई तब ठग ने बोहरा को एक एप्प डाउनलोड करने के लिए कहा। उस व्यक्ति के कहने पर बोहरा ने एप्प डाउनलोड की जिसके बाद मोबाइल से बैंक का सारा डाटा उस हैकर के पास चला गया जिसके बाद बैंक में जमा राशि 9 लाख 50 हज़ार खाते से किसी अन्य खाते में ट्रांसफर हो गए और बाद में बोहरा को महसूस हुआ कि उसके साथ धोखाधड़ी हुई. उसके खाते से राशि तो कट गई है।  

इस मामले पर सवीना थानाधिकारी ने जिला अधीक्षक के निर्देशानुसार ऑनलाइन ठगी के हुए मामले पर कार्यवाही करते के आदेश दिए। जिस पर थानाधिकारी रविंद्र सिंह चारण मय टीम ने सम्बन्धित कम्पनियों से ईमेल और गूगल की मदद से सभी फर्जी साइट खंगाली।  जिस पर जानकारी मिली की ठग ने उक्त पैसे से तीन अलग-अलग प्राईवेट बैंकों में एफडी कर दी तथा शेष राशि के शेयर खरीद लिये। उक्त सभी ट्रांजेक्शन भारतपे नामक एप के माध्यम से किये थे। ठग द्वारा उक्त राशि को आगे से आगे अलग-अलग बैंक के खातों में डालता रहा जिससे पुलिस को पता नहीं लग सके।

लेकिन थाना सवीना की टीम द्वारा प्रभावी कार्यवाही से रात में ही करीब 25 कम्पनियों की साईटें खंगाल कर टीम द्वारा भारतपे से पत्राचार सम्पर्क किया तथा रात्रि को करीब 2 बजे कम्पनी द्वारा उक्त राशि को होल्ड किये जाने का मैसेज प्राप्त हुआ। गुरूवार 13 जनवरी को पवन कुमार बोहरा के खाते में उक्त सम्पूर्ण राशि 9,50,000 रूपये प्राप्त हो गये।
 

इस मामले पर पुलिस ने कहा की ऑनलाइन फ़्रौडिंग कई अलग अलग तरीको से की जाती है जिसमे कुछ तरीके ऐसे है

  1. आजकल गूगल या दूसरी जगह किसी ऑनलाइन पेमेंट कंपनी या किसी सामान की खरीदारी या अन्य कोई जानकारी के लिए सर्च करते हैं तो फर्जी नंबर और फर्जी वेबसाइट खुल जाती है और प्रार्थी द्वारा उसमें डिटेल भरने पर ठगी हो जाती है।
  2. ऑनलाइन पेमेंट के दौरान फ्राउडर लोगों को रिक्वेस्ट भेजता है और व्यक्ति रिक्वेस्ट को स्वीकार कर लेता है तो प्रार्थी के अकाउंट से ही पैसे कट जाते हैं जबकि फ्राउडर लोगों को कहता है कि मैं आपके अकाउंट में पैसा डाल रहा हूं इसलिए कभी ऑनलाइन पेमेंट के दौरान रिक्वेस्ट स्वीकार नहीं करें।
  3. फ्रोडर द्वारा बैंक का कर्मचारी बन कर बात करना तथा आपकी व्यक्तिगत जानकारी प्राप्त कर लेना तथा ठगी करना।
  4. ओटीपी पिन की जरूरत केवल पैसे भेजने के लिए होती है फ्रॉड करने वाला व्यक्ति बोलता है कि ओटीपी भेजने पर आपके पास पैसे आ जाएंगे। लेकिन ओटीपी पिन बताने से आपके पैसे चले जाएंगे।
  5. फ्रोड करने वाले लोग एसबीआई बैंक के योनों एप में केवाईसी अपडेट करने के लिये लिंक भेजते है, जिससे डाटा ठगों तक पहुंच जाता है और आपके अकाउण्ट से राशि निकाल ली जाती है।
  6. आजकल गूगल पर भी कई कम्पनियों के फर्जी टोल फ्री नम्बर तथा फर्जी वेबसाईट बनाकर साईबर ठगों द्वारा डाली जाती है। जिस पर सम्पर्क करने पर आपके साथ ठगी हो सकती है।

सवीना थाना ने इससे पूर्व में भी थाने में दर्ज साईबर ठगों द्वारा ठगे गये विभिन्‍न मामलों में 13,52,307 रूपये की राशि रिकवर करवाई जा चुकी है। अब तक पुलिस थाना सवीना में दर्ज मामलों में कुल करीब 25 लाख रूपये रिकवर करवाये जाकर पीडितों को दिलवाये जा चुके है।

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