लॉकडाउन में विकलांग युवक के साथ मारपीट करने पर पुलिस निरीक्षक पर लगाया 20 हजार का जुर्माना

लॉकडाउन में विकलांग युवक के साथ मारपीट करने पर पुलिस निरीक्षक पर लगाया 20 हजार का जुर्माना

बांसवाड़ा का मामला - मानवाधिकार आयोग ने पुलिस निरीक्षक पर जुर्माना
 
imposed penalty

आयोग अध्यक्ष जस्टिस व्यास ने डीजीपी से की अनुशंषा

उदयपुर, 11 अक्टूबर 2021 । राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस गोपालकृष्ण व्यास ने बांसवाड़ा में पंचर की दुकान चलाने वाले विकलांग युवक के साथ लॉकडाउन के दौरान की गई मारपीट के मामले में प्रथम दृष्टया पुलिस अधिकारी को दोषी मानते हुए उस पर 20 हजार रूपये का जुर्माना लगाने की अनुशंषा की है। 

सोमवार को यहां सर्किट हाउस में आयोजित कैम्प कोर्ट में प्रकरण का निस्तारण करते हुए जस्टिस व्यास ने राज्य के पुलिस महानिदेशक श्री एम. एल. लाठर कोे आरोपी पुलिस निरीक्षक पर नियमानुसार कार्रवाई करने और पीडि़त विकलांग युवक को पुलिस अधिकारी के वेतन से 20 हजार रूपये का हर्जाना दिलवाने की अनुशंषा की। एक अन्य प्रकरण का निस्तारण करते हुए जस्टिस व्यास ने अधिकारियों को संयम बरतने की सलाह दी।

यह है मामला:

कमलेश बैरागी निवासी भागाकोट गली नंबर-2 बांसवाड़ा ने परिवाद पेश किया था कि दिनांक 30 अप्रेल 2021 को लिओ चौराहे अपनी दुकान पर पंचर निकालने का कार्य कर रहा था। पुलिस की गाड़ी आई और बिना किसी वजह के उसके साथ पुलिसवालों ने लाठी से मारपीट की। एक पुलिस वाले के कन्धे पर तीन स्टार लगे हुए थे। पीडि़त युवक ने इसकी शिकायत राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग से की थी। तत्कालीन थानाधिकारी पुलिस थाना सदर रतनसिंह को प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए बांसवाड़ा एसपी ने पुलिस लाइन भेज दिया और उसके खिलाफ विभागीय जांच जारी है।

20 प्रकरणों का निस्तारण

कैम्प कोर्ट में विचारण के लिए 43 प्रकरणों को रखा गया। इनमें पुलिस, नगर निगम, मेडिकल, स्मार्ट सिटी, एवीवीएनएल, उच्च शिक्षा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता सहित अन्य विभागों के प्रकरण शामिल थे। आयोग अध्यक्ष जस्टिस व्यास ने अधिकारियों द्वारा विभिन्न प्रकरणों में पेश की गई तथ्यात्मक रिपोर्ट का अवलोकन किया और आवश्यक निर्देश दिए। लगभग दो घंटे तक चली कैम्प कोर्ट में 20 प्रकरणों का निस्तारण किया गया। कैम्प कोर्ट के बाद आयोग अध्यक्ष ने जनसुनवाई भी की। 

इस दौरान राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग के रजिस्ट्रार ओमी पुरोहित, जिला कलक्टर चेतन देवड़ा, एसपी डॉ. राजीव पचार, नगर निगम आयुक्त हिम्मत सिंह बारहठ, स्मार्ट सिटी सीईओ नीलाभ सक्सेना, एडीएम (सिटी) अशोक कुमार, एडिशनल एसपी गोपाल स्वरूप मेवाड़ा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक मान्धाता सिंह राणावत, सीएमएचओ डॉ. दिनेश खराड़ी सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

ऑनलाइन देख सकते हैं शिकायत पर क्या कार्रवाई हुई

राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस गोपालकृष्ण व्यास ने बताया कि आयोग को प्राप्त होने वाली शिकायतों की ऑनलाइन मॉनीटरिंग की जा रही है। इसके लिए हाल ही आयोग ने वेबसाइट पर एक नया लिंक शुरू किया है, जिस पर क्लिक करके परिवादी अपना केस नंबर, रसीद नंबर, पीडि़त का नाम, ईमेल या फोन नंबर इनमें से किसी भी एक की जानकारी प्रविष्ट कर अपने लंबित प्रकरण के बारे में सूचना प्राप्त कर सकता है।

टीम उदयपुर की सराहना

आयोग अध्यक्ष जस्टिस व्यास ने जिला कलक्टर चेतन देवड़ा और पुलिस-प्रशासन के अन्य उपस्थित अधिकारियों की सराहना करते हुए कहा कि आप सभी पूरी तैयारी के साथ आए, इसके लिए मैं आपको बधाई देता हूं। जस्टिस व्यास ने कोरोनाकाल में कलक्टर देवड़ा की अगुवाई में किए गए राहत कार्यों और मेडिकल प्रबंधन के लिए भी उदयपुर जिला प्रशासन की सराहना की। इस दौरान कलक्टर देवड़ा ने बताया कि कोरोनाकाल में राज्य सरकार के निर्देशानुसार नगर निगम के द्वारा कोरोना मृतकों के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी भी परिवार के सदस्य की तरह निभाई। कोरोना संक्रमित 661 मृतकों का अंतिम संस्कार निगम के कर्मचारियों द्वारा किया गया।

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