थानाधिकारी को रिश्वत की पेशकश करने वाले अभियुक्तों को दो वर्ष की सज़ा

थानाधिकारी को रिश्वत की पेशकश करने वाले अभियुक्तों को दो वर्ष की सज़ा 

2004 के इस चर्चित मामले में कोर्ट ने 10 हज़ार रूपये जुर्माना भी लगाया 

 
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उदयपुर 20 जुलाई 2022 । ट्रक से बरामद 46 बोरे अवैध डोडा-चूरा को छुड़ाने के लिए पहुंचे तीन व्यक्तियों की ओर से चित्तौड़गढ़ जिले के भादसोड़ा थाने के तत्कालीन थानाधिकारी बाबूलाल मुरारिया को एक लाख रुपए देने की पेशकश कर 50 हजार रुपए देने का प्रयास मामले में विशिष्ठ न्यायाधीश (भ्रष्टाचार)  निवारण अधिनियम संख्या-2 के न्यायाधीश विरेंद्र कुमार जसूजा ने दो अभियुक्तों को दो वर्ष के कारावास एवं 10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। वहीं एक अभियुक्त को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया।

 18 साल पुराना यह मामला तत्कालीन समय में चर्चित रहा था, इसमें थानाधिकारी ने उन्हें पेश रिश्वत को उन्होंने स्वीकार नहीं किया था और रिश्वत देने आए व्यक्ति ही पकड़ में आ गए थे। भादसोड़ा थाने के तत्कालीन थानाधिकारी बाबूलाल मुरारिया ने निंबाहेड़ा के डीएसपी को 30 जनवरी 2004 को रिपोर्ट दी थी।

रिपोर्ट में बताया कि सुबह पांच बजे जोधपुर पासिंग की ट्रक में डोडा-चूरा होने की सूचना मिली थी। यह ट्रक निकुंभ से मंगलवाड़ चौराहे की ओर आ रहा था, साढ़े सात बजे नाकाबंदी स्थल से कुछ दूरी पर चालक इस ट्रक को लावारिस छोड़कर फरार हो गया था। ट्रक की तलाशी में 46 बोरों में भरा डोडा-चूरा बरामद किया गया था। पुलिस ने ट्रक व बरामद माल को थाने में रखवा दिया। 

उसी दिन शाम को पौने पांच बजे भूतपुरा, डबोक निवासी प्रकाश पुत्र गमेरा कीर, सुरेश पुत्र जमना शंकर जोशी निवासी मोडी, खेरोदा थाने में आए और कांस्टेबल राजकुमार के सामने प्रकाश कीर ने कहा कि ट्रक व माल को छोड़ दो। इसके बदले कितने रुपए चाहिए, जोधपुर की पार्टी का फोन आया है। इसके साथ ही उसने एक लाख रुपए देने की पेश की, साथ ही बोला कि अभी 50 हजार रुपए लेकर आया हूँ, बाकी के 50 हजार ट्रक छोड़ने पर दे दूंगा ।

थानाधिकारी ने इस घटना की रिपोर्ट रोजनामचा में डालकर तत्कालीन एसपी को अवगत कराया। इसके बाद भादसोड़ा थाने में निंबाहेड़ा के तत्कालीन डीएसपी राजेश भारद्वाज पहुंचे और रिश्वत की राशि 50 हजार रुपए लेकर पहुंचे दोनों आरोपियों को थानाधिकारी को रिश्वत देने का प्रयास करने पर गिरफ्तार किया। दोनों आरोपी गगन पुत्र देवेंद्र प्रसाद वैष्णव निवासी शास्त्रीनगर, जोधपुर के कहने पर यह राशि लेकर पहुंचे थे।

मामले की सुनवाई के दौरान विशिष्ठ लोक अभियोजक अजयकुमार ओझा ने अभियुक्तों को उनके कृत्य के लिए सजा दिलाने को लेकर सशक्त पैरवी की।गवाहों ने भी अभियोजन पक्ष की कहानी का समर्थन किया। दोनों पक्षों की बहस और दलीलें सुनने के उपरांत पीठासीन अधिकारी ने अभियुक्त प्रकाश कीर व सुरेश जोशी को धारा 8 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 सपठित धारा व भादंसं की धारा 120 बी के तहत दोषी माना और दोनों को दो वर्ष के साधारण कारावास की सजा सुनाई, जबकि एक अन्य अभियुक्त गगन वैष्णव को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया।

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