उदयपुर - जिला पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार के नेतृत्व में साईबर अपराधों पर रोकथाम तथा ऑनलाईन ठगी के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए साइबर ठगी से पीड़ित लोगो की सवीना थाना के साइबर सेल ने पीड़ितों के खातों से निकल चुकी रकम रिकवर करवा ली। साइबर ठगी के 3 केसों में 2 लाख 47 हजार 460 रुपये रिफंड करवाने में सफलता हासिल की।
ज़्यादातर साइबर फ्रॉड के तरीके ऑनलाइन पेमेंट कंपनी या किसी सामान की खरीद पर जानकारी के लिए सर्च करने ठगो द्वारा बनाई गयी फर्जी वेबसाइट पर पीड़ित द्वारा उसमे डिटेल भरने पर ठगी के शिकार हो जाते है।
फ्रॉड करने के तरीके -
ऑनलाइन पेमेंट के दौरान फ्रॉडर लोगों को रिक्वेस्ट भेजता है और व्यक्ति रिक्वेस्ट को स्वीकार कर लेता है इसी दौरान प्रार्थी के अकाउंट से ही पैसे कट जाते हैं, जबकि फ्रॉडर लोगों को कहता है कि मैं आपके अकाउंट में पैसा डाल रहा हूं इसलिए कभी ऑनलाइन पेमेंट के दौरान रिक्वेस्ट स्वीकार नहीं करें।
बैंक कर्मचारी बनकर और फर्जी वेबसाइट के ज़रिये करते हैं ठगी
फ्रॉडर द्वारा बैंक का कर्मचारी बन कर बात करना तथा आपकी व्यक्तिगत जानकारी प्राप्त कर लेना तथा ठगी करना। ओटीपी पिन की जरूरत केवल पैसे भेजने के लिए होती है फ्रॉड करने वाला व्यक्ति बोलता है कि ओटीपी भेजने पर आपके पास पैसे आ जाएंगे लेकिन ओटीपी पिन बताने से आपके पैसे चले जाएंगे। फॉड करने वाले लोग एसबीआई बैंक के योनों एप में केवाईसी अपडेट करने के लिये लिंक भेजते है। जिससे शिकार का डाटा ठगों तक पहुंच जाता है और आपके अकाउण्ट से राशि निकाल ली जाती है।
आजकल गूगल पर भी कई कम्पनियों के फर्जी टोल फ्री नम्बर तथा फर्जी वेबसाईट बनाकर साईबर ठगों द्वारा डाली जाती है, जिस पर सम्पर्क करने पर आपके साथ ठगी हो सकती है।
साइबर ठगी के मामलो में सवीना थाना ने पूर्व में भी अलग अलग मामलो में 11,04,847 राशि की रिकवरी करवाई जा चुकी है। सवीना पुलिस पुलिस ने समय रहते एक्शन लेते हुए दर्ज कुल मामलो में 13 लाख 52 हजार 307 रूपये की रिकवरी करवा कर पीड़ितों को पैसे वापस दिलवाए।
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