सिंडिकेट बैंक घोटाला - भरत बंब सहित 18 के खिलाफ चालान पेश

सिंडिकेट बैंक घोटाला - भरत बंब सहित 18 के खिलाफ चालान पेश  

मास्टरमाइंड उदयपुर के सीए भरत बंब ने 2011 में की थी घोटालों की शुरुआत

 
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5 साल तक नहीं चलने दिया पता

सीबीआई की दिल्ली विंग ने बुधवार को जयपुर की स्पेशल कोर्ट में बंब सहित 18 लोगों के खिलाफ चालान पेश किया। आरोप पत्र में बताया कि बंब सहित 18 लोगों के दस्तावेजों का उपयोग कर बैंक में फर्जी लोन खाते खुलवाए और 209 करोड़ रुपए का घोटाला किया। इस सिंडिकेट बैंक घोटाले के तार उदयपुर से भी जुड़े है। घोटाले में पता चला है कि इसका मास्टरमाइंड कृष्णपुरा निवासी सीए भरत बंब है। वहीं इस घोटाले में जो खाते खोले गए थे उसमें से 30 खाते उदयपुर से खोले थे।

बताया जा रहा है कि मास्टरमाइंड सीए भरत बंब ने बैंक घोटाले की शुरुआत वर्ष 2011 में की थी। इसके बाद देखते ही देखते मालदास स्ट्रीट के छोटे से कपड़े व्यापारी का बेटा भरत बंब अर्श से फर्श पर पहुंच गया। लाइफस्टाइल से लेकर सब कुछ बदल लिया, आलीशान जिंदगी जीने लगा। दिमाग शातिर होने के कारण पांच साल तक तो घोटाले का पता ही नहीं चलने दिया। 2016 के शुरुआत में इसका पर्दाफाश हुआ।

18 आरोपियों के खिलाफ सीबीआई ने पेश की चार्जशीट

सीए भरत बंब, पवित्रा कोठारी, अनूप बारतरिया, कमल शर्मा, महेन्द्र मेघवाल, प्रकाश शर्मा, प्रगति शर्मा, दिलीप कुमावत, कमल अत्री, सतीश खंडेलवाल, गौरव धनवाल, विक्रम जैन, दौलत राज कोठारी, सिंडीकेट बैंक एजीएम आदर्श मानचंदानी, बैंक मैनेजर महेश गुप्ता, मेसर्स जेएलएन मेटल हाउस, मेसर्स रिद्धिमा इंफ्राटेक एलएलपी, समृद्धि सिद्धि बिल्डर एंड डवलपर प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर के खिलाफ चालान पेश किया।

घोटाले से जुड़े पीड़ितों ने 2016 में सीबीआई जयपुर कार्यालय में दिया प्रार्थना-पत्र, फिर मिली दिल्ली से अनुमति, तब जांच

  • 24-25 फरवरी को मामला सामने आने के बाद मार्च 2016 को घोटाले से जुड़े कई पीड़ितों ने सीबीआई जयपुर कार्यालय में प्रार्थना पत्र देकर जांच करने की गुहार लगाई। फिर सीबीआई ने पत्र स्वीकारते हुए दिल्ली कार्यालय से अनुमति मांगी। बाद में सीबीआई को अनुमति मिली थी और जांच शुरू हुई।
  • 7 मार्च 2016 को भास्कर से बातचीत में बंब ने कहा था कि सिंडीकेट बैंक में कोई फर्जी अकाउंट नहीं खुलवाए। मार्च में ही बंब ने भूपालपुरा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसमें लिखा था कि 30 करोड़ रुपए वसूली के लिए जयपुर के लोगों ने रिवॉल्वर की नोंक पर अपहरण किया।
  • मार्च 2016 में ही सिंडीकेट बैंक की विजिलेंस टीम ने उदयपुर में मधुबन स्थित कार्यालय, जयपुर के मालवीय नगर और एमआई रोड स्थित शाखाओं में फर्जी अकाउंट की जांच शुरू की। उस समय जांच टीमों और पुलिस ने बंब से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन वह परिवार सहित गायब था।
  • मार्च 2016 में प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ी कार्रवाई करते हुए करीब 90 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी अटैच की। मुख्य आरोपी बंब सहित अन्य पर मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत कार्रवाई की गई थी। इसमें जयपुर, उदयपुर और श्रीगंगानगर जिले की कृषि भूमि, प्लाट, दुकानें ऑफिस, बंगले और बैंक खातों में जमा राशियों के रूप में करीब 90 कराेड़ रुपए की चल और अचल संपत्तियों को जब्त करना सामने था।
  • 9 मार्च 2016 को लोन फर्जीवाड़े में सेक्टर-11 निवासी दाे युवकों के नाम सामने आए। सीबीआई ने दुकानों पर दबिश दी।
  • 5 साल बाद बंब, 2 महिला, 12 व्यक्ति, दो बैंक अधिकारी और 3 कंपनियों के खिलाफ चालान पेश।

Source- Dainik Bhaskar

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