उदयपुर, 27 मई,2022 । महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय को राज्य के वित्त पोषित विश्वविद्यालयों में पहले स्थान पर रहने के लिए कुलाधिपति अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा।
वर्ष 2019 में 4 अप्रैल को हुई कुलपति समन्वय समिति की बैठक में माननीय राज्यपाल कलराज मिश्र ने इसकी घोषणा की थी। राज्यपाल के प्रमुख सचिव सुबीर कुमार ने कुलपति प्रो एनएस राठौड़ को पत्र भेज कर इसकी जानकारी दी है।
राज्य वित्त पोषित विवि द्वारा भेजी गई सूचनाओं एवं दस्तावेज़ों के परीक्षण के बाद ये निर्णय लिया गया है। इस आधार पर एमपीयूएटी को प्रथम स्थान दिया गया है। इसे लेकर माननीय राज्यपाल मिश्र 5 जून को माउंट आबू स्थित राजभवन में कुलपति प्रो राठौड़ को कुलाधिपति सम्मान प्रदान करेंगे।
इस अवसर पर खुशी व्यक्त करते हुए माननीय कुलपति ने इस अवार्ड के लिए कुलाधिपति एवं राज्य सरकार द्वारा समय समय पर मिली प्रेरणा के लिये उनका आभार व्यक्त किया और इस अप्रतिम सफलता का श्रेय विश्वविद्यालय के कर्मठ वैज्ञानिकों, शिक्षकों एवं कर्मचारियों को दिया।
एक व्यक्तव्य मे उन्होंने बताया कि महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रोध्योगिकी विश्वविद्यालय अनेक मामलों मे प्रदेश ही नहीं देश मे भी प्रथम स्थान रखता है, इनमे से प्रमुख हैं -
- एम पी यू ए टी प्रदेश में चांसलर अवार्ड प्राप्त करने वाला प्रथम कृषि विश्वविद्यालय है।
- राज्य कृषि विश्वविद्यालयों की रैंकिंग में एमपीयू टी प्रदेश में प्रथम और देश में 11 वां स्थान रखता है।
- एम पी यु ए टी प्रथम विश्वविद्यालय है जिसके सभी संगठन महाविद्यालय आईसीएआर द्वारा मान्यता प्राप्त हैं।
- एम पी यु ए टी देश का प्रथम विश्वविद्यालय है जिसने 1 वर्ष में 11 पेटेंट हासिल किए हैं।
- राज्य में प्रथम विश्वविद्यालय जिसमें डिजिटल टेक्नोलॉजी सेल की स्थापना की गई है।
- राज्य का प्रथम विश्वविद्यालय जिसमें सोलर ट्री, कृषि ड्रोन, रोबोटिक एवं मृदा की उर्वरता जांचने के लिए ऑनलाइन वायरलेस सेंसर तकनीक स्थापित की गई है।
- राज्य की प्रथम यूनिवर्सिटी जिसने उच्च गुणवत्ता के शोध पत्रों के प्रकाशन के लिए उच्च h-index (57) प्राप्त की है।
- राज्य का प्रथम विश्वविद्यालय जिसने कृषि विकास के लिए 100 विभिन्न पैकेज आफ प्रैक्टिसेज तैयार की है।
- राज्य का ऐसा कृषि विश्वविद्यालय जिसने वर्ष 2021 मे सर्वाधिक 24 करोड रुपए राजस्व के रूप में अर्जित किए हैं।
- राज्य का प्रथम विश्वविद्यालय जिसमें सोलर फोटोवॉल्टिक तकनीक द्वारा 1205 किलो वाट विद्युत उत्पादित की जाती है।
- राज्य का प्रथम विश्वविद्यालय जिसने कोविड-19 के दौरान 252 से अधिक वेबीनार, ऑनलाइन प्रशिक्षण एवं कार्यशाला का आयोजन किया है।
- राज्य का प्रथम विश्वविद्यालय जहां पर अधिकतम किसान ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से विश्वविद्यालय से जुड़े हुए हैं।
- प्रथम विश्वविद्यालय जिसके तीन कृषि विज्ञान केंद्रों पर किसानों की सुविधा के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित किए गए हैं।
- राज्य का प्रथम कृषि विश्वविद्यालय जिसने मिसाल कायम करते हुए माननीय राज्यपाल के स्मार्ट विलेज इनीशिएटिव में सर्वश्रेष्ठ कृषि विकास कार्य किए हैं।
- राज्य का प्रथम विश्वविद्यालय जिसने विद्यार्थियों का अधिकतम प्लेसमेंट होता है।