गिट्स एवं विद्याभवन पोलेटेक्निक के मध्य तकनीकी कल्चर के आदान प्रदान हेतु करार


गिट्स एवं विद्याभवन पोलेटेक्निक के मध्य तकनीकी कल्चर के आदान प्रदान हेतु करार

दो बडे संस्थानों के साथ आने से विद्यार्थियों के इनोवेटिव सोच को नया आयाम मिलेगा
 
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गीतांजली इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्निकल स्टडीज डबोक उदयपुर एवं विद्याभवन पोलेटेक्निक कॉलेज के बीच तकनीकी व शैक्षणिक आदान प्रदान हेतु करार हुआ। यह करार विद्याभवन के प्राचार्य डॉ. अनिल मेहता एवं गिट्स के निदेशक डॉ. विकास मिश्र के द्वारा हस्ताक्षर एवं समझौता प्रपत्रों के आदान प्रदान करके किया।

संस्थान के निदेशक डॉ. विकास मिश्र ने बताया कि हम परस्पर सहयोग एवं आपसी समझदारी से ही देश को विकसित करने के लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। दो बडे संस्थानों के साथ आने से विद्यार्थियों के इनोवेटिव सोच को नया आयाम मिलेगा। साथ ही अनुभवी फेकल्टी मेम्बर्स अपने ज्ञान एवं अनुभव को एक दुसरे के साथ साझा कर सकते हैं। इसका फायदा समाज व देश को मिलेगा ही और साथ ही साथ उदयपुर वासी इस शोध से सीधे लाभान्वित होंगे।

निदेशक आई.क्यू.ए.सी. डॉ सुधाकर जिंदल ने शोध में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि गिट्स पिछले कई वर्षो से विद्याभवन के साथ जुडा हुआ हैं। इस करार के होने से विद्यार्थियों एवं फेकल्टी मेंम्बर्स एक दुसरे से जुडा महसूस करते हुए अपने तकनीकी ज्ञान का आदान प्रदान सुगमता से कर सकेंगे। साथ ही उदयपुर स्मार्ट सिटी के विभिन्न प्रोजेक्ट पर मिलकर काम कर सकेंगे क्योंकि गिट्स एवं विद्याभवन दोनों ही उदयपुर को स्मार्ट बनाने के लिए विभिन्न प्रोजेक्ट पर काम करते आये हैं। मिलकर काम करने से तकनीकी क्षेत्रों में होने वाले काम को गति मिलेगी। 

इस करार के तहत विद्याभवन के छात्रों को गिट्स महाविद्यालय में उपलब्ध एडवान्स तकनीकी लेब जैसे एआर वीआर, थ्री डी लेब, बॉयो इन्जिनियरिंग जैसे लेब अन्य महत्वपूर्ण लेब्स में सीधा एक्सपोजर मिल सकेगा। साथी ही गिट्स के विद्यार्थियों को विद्याभवन स्थित सिंगल फाउण्डेशन द्वारा प्रायोजित लेब मेकाट्रोनिक्स एवं पोलीमर लेब में कार्य करने का अवसर मिलेगा। जिससे दोनो तरफ के विद्यार्थियों के स्किल के विकास में सहायता मिलेगी।

विद्याभवन के प्राचार्य डॉ. अनिल मेहता ने विद्याभवन के 90 वर्षो के गौरवशाली इतिहास बताते हुए कहा कि हर संस्थान का अपना एक कल्चर होता हैं। विकास हमेशा कल्चर के आदान प्रदान करने से ही होता हैं। भविष्य में होने वाले हमारे हर मीटिंग में शोध समाज के आखिरी व्यक्ति तक कैसे पहुंचे इस पर चर्चा की जायेगी। 

कार्यक्रम के संयोजक प्रो. प्रकाश सुंदरम के अनुसार इस करार में स्किल डवलपमेंट, टेक्नीकल ट्रेनिंग, वर्कशॉप तथा आईओटी के तहत होने वाले विभिन्न तकनीकी प्रोग्रामों का आदान प्रदान किया जायेगा। साथ ही गिट्स में स्थित थ्री डी प्रिटिंग लेब, आई ओ टी लेब, के आर वीआर लेब, एडवान्स मशीन लेब तथा बॉयोमेडिकल लेब से विद्याभवन के विद्यार्थी सीधे जुड सकेंगे।  

इस अवसर पर वित्त नियंत्रक बी.एल. जांगिड ने करार की महत्ता पर बोलते हुए कहा कि इससे विद्यार्थियों को उद्यमशील बनाने में सहायता मिलेगी। गिट्स एवं विद्याभवन के आपस में जुडने से तकनीकी, मेनपॉवर तथा ह्यूमन रिसोर्स पर मिलकर काम कर पायेंगे। जिसका फायदा आई.टी. सेक्टर, रोबोटिक्स, संचार, सिविल आदि क्षेत्रों में मिल सकेगा। इस करार के तहत एक टास्क फोर्स बनाया जायेगा जो समाज के परेशानियों का तकनीकी हल ढूंढेगा व उसका समाधान प्रस्तुत करेगा।
 

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