महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्व विद्यालय के मात्स्यकी महाविद्यालय में प्राध्यापकों की कमी और विभिन्न मांगो को लेकर विद्यार्थियों ने MPUAT कुलपति अजीत कुमार कर्नाटका को ज्ञापन सौंपा।
विद्यार्थियों का कहना है कि महाविद्यालय को वर्ष 2010 से राज्य सरकार द्वारा स्वीकृति मिलने के पश्चात हाल ही में ICAR से भी मान्यता मिल चुकी है, परंतु प्रदेश के एक मात्र मात्स्यकी महाविद्यालय में रिटायर होने वाले प्राध्यापकों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है तथा वर्तमान में नियुक्त उनमें से दो ( 2 ) प्राध्यापक भी अगले वर्ष रिटायर हो जायेंगे। ऐसे में पहले से ही M.F.Sc एवं PHD कक्षाओं में zero section कर प्रवेश बंद किया जा चुका है। हाल ही में प्रशिक्षित मत्स्य विशेषज्ञों की माँग निरंतर बनी रहती है तथा इस महाविद्यालय से Degree प्राप्त किये विद्यार्थी राज्य सरकार में मत्स्य विकास अधिकारी एवं सहायक मत्स्य विकास अधिकारी गुजरात, महाराष्ट्र, पंजाब, बिहार, उत्तर प्रदेश इत्यादि अनेक राज्यों में मात्स्यकी क्षेत्र में सरकारी अथवा निजी संस्थानों में अपनी सेवाए दे रहे हैं।
विद्यार्थीयों का कहना है कि कॉलेज में न्यूनतम 25 नए प्रध्यापकों की भर्ती हेतु आगामी बजट में स्वीकृति दी जाये जिससे महाविद्यालय में अध्ययन एवं अध्यापन सुचारू रूप से जारी रह सके अन्यथा एक महत्त्वकांक्षी क्षेत्र मैं रोजगार की विपूल संभावनों के बावजूद अध्यनरत छात्र एवं छात्राओं का भविष्य अंधकार में हो जायेगा। MPUAT कुलपति अजीत कुमार कर्नाटका मे विद्यार्थियों को आश्वासन दिया कि आने वाले 6 महीने के अंदर प्राध्यापकों की कमी का समाधान किया जाएगा। ज्ञापन देने के लिए महाविद्यालय के छात्र जयराम जाट, सौरभ मीणा, अनिल सिंह शेखावत, किशन मिर्धा, रजनीश यादव, अनूप यादव, त्रिलोक, लक्ष्य सिंह (B.F.Sc) भी उपस्थित थें।
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