प्रदेश के संस्कृत शिक्षा विभाग के सरकारी स्कूलों की खस्ता हाल स्थिति

प्रदेश के संस्कृत शिक्षा विभाग के सरकारी स्कूलों की खस्ता हाल स्थिति

सरकार ने उन संस्कृत स्कूलों के टीचर का भी ट्रांसफर कर दिया, जिनमें सिर्फ एक ही टीचर पढ़ाता था

 
sanskrit

प्रदेश के संस्कृत शिक्षा विभाग के सरकारी स्कूलों की स्थिति इन दिनों बहुत खस्ता है। हाल ही सरकार ने उन संस्कृत स्कूलों के टीचर का भी ट्रांसफर कर दिया, जिनमें सिर्फ एक ही टीचर पढ़ाता था, लेकिन कुछ स्कूल ऐसे भी हैं जहां दो या तीन टीचर्स नियुक्त किए गए थे। लेकिन इसके भी उन सबके भी ट्रांसफर कर दिए गया, जबकि इनकी जगह इन स्कूलों में दूसरा टीचर नहीं लगाया गया।

अब ऐसे में उदयपुर संभागीय संस्कृत शिक्षा विभाग के सामने फिलहाल उन टीचर को रिलीव नहीं करने की मजबूरी आन खड़ी हो गई है जिनके ट्रांसफर कर दिए गए थे अब उन्हें रिलीव तब किया जाएगा, जब तक कोई दूसरे टीचर की व्यवस्था नही हों जाती। लेकिन पहले से ही विभाग में करीब 50 फीसदी से ज्यादा टीचर्स के पद खाली पड़े हैं ऐसे में दूसरे स्कूलों में भी स्टाफ कि कमी है।

सरकार को संस्कृत शिक्षा ​विभाग की बिगड़ती होती हालत के बारे में पता है लेकिन फिर भी हाल ही में एक ट्रांसफर लिस्ट ऐसी जारी की गई, जिसमें ज्यादातर टीचर्स ने यहां से , बूंदी, भरतपुर, जयपुर आदि गृह जिलों में ट्रांसफर ले लिया। 

चंदेसरा उप्रावि संस्कृत विद्यालय में 100 बच्चों पर तीन टीचर है लेकिन तीनों का ट्रांसफर कर दिया। दो टीचर जा चुके हैं तीसरी महिला टीचर को विभाग दूसरे टीचर की व्यवस्था नहीं होने तक मजबूरन रिलीव नहीं कर रहा है। 

धारता उप्रावि में भी सिंगल टीचर है जिनका बूंदी ट्रांसफर कर दिया। 

नवाखेड़ा उप्रावि संस्कृत स्कूल 45 बच्चों पर एक टीचर है, लेकिन उस एक का भी ट्रांसफर कर दिया। पढ़ाने वाला कोई नहीं।

अमरपुरा खालसा स्कूल में टीचर डेपुटेशन पर लगा है।

वल्लभनगर सैकंडरी स्कूल में 140 बच्चों के ऊपर तीन टीचर थे, दो का ट्रांसफर हो गया। अब एक टीचर पर सभी 9 कक्षाएं कों पढ़ाने कि जिम्मेदारी है। तो वहीं 10 वी कक्षा में 4 बच्चे थे, टीचर नहीं होने से वे टीसी कटाकर चले गए।
 

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