MLSU में इंडियन इकनॉमिक एसोसिएशन द्वारा आयोजित तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस

MLSU में इंडियन इकनॉमिक एसोसिएशन द्वारा आयोजित तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस

विश्व में कोई भी धर्म किसी भी अन्य धर्म की निंदा को प्रोत्साहित नहीं करता है

 
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द्वितीय सत्र के अन्तर्गत आत्म निर्भरता पर सामूहिक चर्चा का आयोजन किया गया

मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय उदयपुर के तत्वाधान में दी इंडियन इकनॉमिक एसोसिएशन द्वारा आयोजित तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस "आर्थिक विकास के बाद भारत केन्द्रित दृष्टिकोण कोविड -19 के बाद कि सीख" के द्वितीय दिन के प्रथम सत्र में प्रोफेसर डी एम दिवाकर, पूर्व निदेशक ए एन सिंहा, सामजिक विज्ञान संस्थान ने  प्रोफेसर पी आर ब्रह्मा मेमोरियल लैक्चर में सत्र को संबोधित किया। 

उन्होंने  सामाज के हर क्षेत्र के हर वर्ग में असमानता का उल्लेख किया गया है। उन्होंने सर्व धर्म सद्भाव के विचार को आगे बढ़ाते हुए कहा कि विश्व में कोई भी धर्म किसी भी अन्य धर्म की निंदा को प्रोत्साहित नहीं करता है। हम एक अग्रणी समाज का हिस्सा है और हम सभी को यह सीखना चाहिए कि किस तरह से हम एक साथ रहते हुए लोकतंत्र का सम्मान करें एवं तकनीकों का समुचित उपयोग करें। 

द्वितीय सत्र के अन्तर्गत आत्म निर्भरता पर सामूहिक चर्चा का आयोजन किया गया। इस सत्र के मुख्य वक्ता फैकल्टी ऑफ कॉमर्स एलाहाबाद के पूर्व निदेशक प्रोफेसर प्रहलाद कुमार, लखनऊ विश्वविद्यकलय के अर्थशास्त्र विभाग की प्रोफेसर मधुरिमा लाल, आलीगढ विश्वविद्यालय के डॉक्टर प्रदीप कुमार एवं डॉक्टर ईरा भटनागर थे। 

अधिवेशन के द्वितीय दिवस पर चार तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया। प्रथम तकनीकी सत्र के अन्तर्गत भूमंडलीय ऊष्मीकारण एवं जलवायू परिवर्तन पर शोध पत्रों का वाचन हुआ जिसमें सर्वश्रेष्ठ शोध पत्र को सम्मानित किया जाएगा। इस सत्र के समन्वयक नासिक विश्वविद्यालय के प्रोफेसर गंगाधर पाटिल व समन्वयक सुखाड़िया  विश्वविधालय के अर्थशास्त्र विभाग कि  डा.विनीता राजपुरोहित थी। इस सत्र के अध्यक्ष बालासर विश्वविद्यालय ओडिशा के प्रोफेसर  एस के पाठी,एवम सह अध्यक्ष अहमदाबाद विश्वविद्यालय कि डॉक्टर वैशाली आचार्य थी। 

द्वितीय तकनीकी सत्र के अन्तर्गत डिजिटल उपकरणों के द्वारा गरीबी उन्नमूलन पर शोध पत्रों का वाचन हुआ। इस सत्र के  समन्वयक मुंबई विश्वविधालय के डॉक्टर दीपक सोलार, सुखाडिया विश्वविधालय के अर्थशास्त्र विभाग कि श्रीमती अनीता जोया थी। इस सत्र के अध्यक्ष नासिक विश्विद्यालय के प्रोफेसर संजय तुपे व सह अध्यक्ष नासिक विश्वविधालय के डॉक्टर बी बी गोडेकर थे।

तृतीय तकनीकी सत्र के अन्तर्गत कोविड -19 ओर भारतीय अर्थशास्त्र पर शोध पत्र का वाचन हुआ। इस सत्र के समन्वयक अम्बिकापुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर विनोद कुमार श्रीवास्तव, सह-समन्वयक अलीगढ विश्वविद्यालय के डॉक्टर अनिल कुमार वार्ष्णेय थे। इस सत्र के अध्यक्ष सूरत विश्वविधालय की प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव, सह अध्यक्ष  डॉक्टर हंसा जैन एवं आगरा विश्वविधालय के डॉक्टर विक्रम सिंह थे। 

चौथे तकनीकी सत्र के अन्तर्गत भी कोविड -19 और भारतीय अर्थशास्त्र पर शोध पत्रों का वाचन हुआ। इस सत्र के समन्वयक अलीगढ विश्वविधालय की प्रोफेसर इंदु वार्ष्णेय एवम सह समन्वयक अल्लाहाबाद की डॉक्टर नंदिता दास थे। इस सत्र के अध्यक्ष पंजाब विश्वविधालय पटियाला के प्रोफेसर बलविंदर सिंह टीवाना थे। इस सत्र के उपाध्यक्ष प्रोफेसर सुमन पामेचा, उपाध्यक्ष वाराणसी विश्वविधालय के डॉक्टर जगदीश सिंह थे।

द्वितीय दिवस में नवीन शिक्षा नीति पर एक विशेष सत्र भी रखा गया था। इस सत्र की अध्यक्षता प्रो फरीदा शाह,मोहन लाल सुखाडिया विश्वविद्यालय ने की। उन्होंने नवीन शिक्षा नीति की सराहना करते हुए कहा कि यह शिक्षा नीति विद्यार्थियों के स्वार्गिन विकास में सहायक है। 

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