उदयपुर, 12 अक्टूबर 2023 । गीतांजलि इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्निकल स्टडीज़ (GITS) में बेसिक साईंस विभाग के तत्वाधान में आर्टिफिशियल इन्टेलीजेंस फाॅर न्यूक्लियर फ्यूजनः आटोकामेक प्रोसपेक्टिव पर एक्सपर्ट टाॅक का आयोजन किया गया। संस्थान के निदेशक डाॅ. एन. एस. राठौड ने बताया कि भारत देश विकसित राष्ट्र बनने की राह पर अग्रसर हैं जिसके लिए मनुष्य की बुनियादी सुविधाएं जैसे साफ पानी, साफ हवा के साथ-साथ ऊर्जा भी एक बुनियादी सुविधाओं का प्रमुख एक घटक बन गया हैं।
दैनिक जीवन में काम आने वाली घरेलु उपकरण हो या फिर औद्योगिक उपकरण हो सभी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से ऊर्जा पर आधारित हैं। जीवाश्म आधारित ऊर्जा अपने पीछे कार्बन फुटप्रिंट जो कि ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन का प्रमुख कारक हैं। इसके लिए न्यूक्लियर पाॅवर पर हमारी निर्भरता बढ़ रही हैं। परमाणु ऊर्जा को कैसे इस्तेमाल किया जाये इसके लिए होमी भाभा नेशनल इंस्टिट्यूट गुजरात के साईंटिफिक ऑफिसर डाॅ. शिशिर पुरोहित को मुख्य वक्ता के रूप में आंमत्रित किया गया था।
जहां पर मुख्य वक्ता ने प्लूटोनियम आधारित ऊर्जा का उत्पादन तथा डाटा एनालिसिस एवं प्रेडिक्शन के लिए मशीन लर्निंग एवं आर्टिफिशियल इन्टेलिजेंस के अनुप्रयोगों के बारे में विद्यार्थियों को अवगत कराते हुए कहा कि टोकोमेक आधारित प्लाज्मा टेकनिक में गरम प्लाज्मा को संयलित किया जाता हैं। जिसमें एक सैकण्ड में उत्पादित होने वाले 38 जीबी डेटा के पैटर्न एनालिसिस में मशीन लर्निंग एवं आर्टिफिशियल इन्टेलिजेंस का उपयोग किया जाता हैं।
कार्यक्रम संयोजन बेसिक साईंस विभागाध्यक्ष डाॅ. विशाल जैन द्वारा तथा धन्यवाद ज्ञापन डाॅ. हिना औझा द्वारा किया गया। इस अवसर पर वित्त निंयत्रक बी.एल. जांगिड सहित पूरा गीतांजली परिवार उपस्थित था।
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