उदयपुर के गुरू नानक स्नातकोत्तर महाविद्यालय में गुरुवार दिनांक 16 मई 2024 को अध्यापकों के लिये राष्ट्रीय वित्तीय शिक्षा केन्द्र एवं रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के डिपोज़िटर एजूकेशन एण्ड अवेयरनैस फण्ड स्कीम के संयुक्त तत्वावधान में एक वित्तीय शिक्षा कार्यशाला का आयोजन किया गया।
राष्ट्रीय वित्तीय शिक्षा केन्द्र (एनसीएफई) से मान्यता प्राप्त रिसोर्स पर्सन प्रो. अनिल कोठारी ने इस कार्यशाला में प्रतिभागियों को जीवन में वित्तीय प्रबन्धन एवं निवेश के विभिन्न आयामों के बारे जागरुक किया। जीवन में वित्तीय प्रबन्धन के गुर बताते हुए उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति स्वयं को वित्तीय रूप से सक्षम और जीवन में आर्थिक स्थिति को मज़बूत बनाना चाहता है, इसके लिये यह आवश्यक है कि वह वित्तीय क्षेत्र से जुड़े विभिन्न निवेश के साधनों को समझे। निवेश के विभिन्न साधनों को समझ कर वह स्वयं के लिये निवेश का सही माध्यम चुन कर बाज़ार में चल रहीं अनैतिक या धोखाधड़ी से बच सकता है। उन्होंने कहा कि अपूर्ण जानकारी के चलते अक्सर लोग अपने भविष्य के लिये सही वित्तीय योजना नहीं बना पाते, ऐसे में एनसीएफई भारत के नागरिकों को वित्तीय शिक्षा एवं निवेश के लिये जागरुक कर रहा है। निवेश में बीमा के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि, आश्रित व्यक्तियों को कभी बीमा नहीं करवाना चाहिये, बीमा आर्थिक रूप से सक्षम व्यक्ति कर सकता है जिससे वह अपने परिवार जन या बच्चों को भविष्य में आर्थिक रूप से सुरक्षा प्रदान कर सकता है।
प्रो. अनिल कोठारी ने बताया की निवेश करते समय सुरक्षा, कमाई और तरलता पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने सरकार की विभिन्न योजनाओं, बचत के विभिन्न साधनों, बैंकों, पोस्ट ऑफिस, बीमा व शेयर बाज़ार की जानकारी दी। प्रो. कोठारी ने कहा कि वर्तमान में डिजिटल पेमेंट से लेनदेन बहुत बढ़ गया है इस कारण डिजिटल फ्रॉड होने की गुंजाइश भी बहुत बढ़ गई है निवेशकों को डिजिटल पेमेंट क्रेडिट कार्ड एवं इंटरनेट बैंकिंग में किस प्रकार की सुरक्षा बरतनी चाहिये और अगर फ्रॉड हो जाए तो कहां पर शिकायत की जा सकती है इसकी जानकारी भी दी। प्रो. कोठारी ने बताया कि म्युचुअल फंड की SIP स्कीम के माध्यम से प्रति महीना छोटी-छोटी रकम को जमा कर अपने लक्ष्य की पूर्ति के लिए एक बड़ा फंड बनाया जा सकता है। प्रतिभागियों को नेशनल पेंशन स्कीम एवं पेंशन की सरकारी स्कीमों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि आज की तारीख में प्रत्येक व्यक्ति 60 वर्ष के पश्चात पेंशन पा सकता है बशर्ते वह सही समय पर इन स्कीमों के माध्यम से निवेश करें। प्रो. कोठारी ने प्रतिभागियों को भारत सरकार द्वारा चलाई गई योजनाओं जिनके माध्यम से सस्ता लोन उपलब्ध है मसलन मुद्रा स्कीम, एजुकेशन लोन, एग्रीकल्चर लोन, प्रधानमंत्री आवास योजना, स्टैंड अप इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया, अटल पेंशन योजना आदि के बारे में जानकारी दी।
रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया, सेबी, आई आर डी ए एवं पी एफ आर डी ए द्वारा प्रोत्साहित एनसीएफई के इस कार्यक्रम के अंत में प्रो. कोठारी ने प्रतिभागियों द्वारा पूछे गए विभिन्न प्रश्नों का उत्तर देते हुए यह भी बताया कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने वसीयत अवश्य बनानी चाहिए एवं प्रत्येक निवेश पर नोमिनेशन अवश्य रखना चाहिए।
इस कार्यक्रम में गुरूनानक स्नातकोत्तर महाविद्यालय के 60 अध्यापकों नें प्रतिभागिता की। प्रतिभागियों ने कार्यक्रम को बहुत उपयोगी बताया एवं कहा कि इस तरह के जागरूकता कार्यक्रम प्रत्येक निवेशक के लिए बहुत आवश्यक है।
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