उदयपुर 17 अगस्त 2023। प्रदेश में आनन फानन में लागू की गई नई शिक्षा नीति के नियमों में प्रदेश के हजारों नौनिहालों का भविष्य दांव पर लग गया है। आलम यह है कि नवीन शैक्षिक सत्र में प्रदेश के राजकीय विद्यालयों में 5 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर भी बच्चों को पहली कक्षा में प्रवेश नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में अभिभावकों में शिक्षा विभाग के नए नियम कायदों को लेकर आक्रोश बढ़ता जा रहा है । वहीं संस्था प्रधान भी एडमिशन को लेकर पशोपेश में हैं।
इस संबंध में राजस्थान शिक्षक एवं पंचायती राज कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष शेर सिंह चौहान ब प्रदेश महामंत्री राजेश शर्मा ने शिक्षा मंत्री व शिक्षा सचिव को ज्ञापन भेजकर 5 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले सभी बच्चों को प्रवेश मिल सके इसके लिए शाला दर्पण पोर्टल पर नियमो में संशोधन कराये जाने का आग्रह किया है।
प्रदेश महामंत्री राजेश शर्मा ने बताया की शिक्षा मंत्री व शिक्षामंत्री को प्रेषित ज्ञापन में लिखा है कि 1 जुलाई से नए शैक्षिक सत्र की शुरुआत हुई है। लेकिन इस बार ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया में 31 मार्च की आधार तिथि निर्धारित करने से स्कूलों में अप्रैल ,मई, जून तथा जुलाई में 5 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले हजारों बच्चों के एडमिशन नहीं हो रहे हैं। इसके चलते हजारों बच्चों की एक साल बर्बाद हो सकती है। वही विद्यालयों में 10 फ़ीसदी नामांकन बढ़ोतरी के देय विभागीय लक्ष्य की प्राप्ति में भी गिरावट आ रही है।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष शेर सिंह चौहान का कहना है कि कक्षा 1 से 8 तक पूरे सत्र तक सरकार की ओर से बच्चों के एडमिशन करने के नियम तय कर रखें है। लेकिन इस बार एक अप्रैल के बाद पांच साल आयु पूर्ण करने वाले बच्चों को पोर्टल पर बाल वाटिका की नर्सरी, एलकेजी, यूकेजी प्रवेश मिल रहा है। लेकिन प्रदेश के सभी स्कूलों में बाल वाटिका की व्यवस्था नहीं हो पाई है। जबकि पूर्व में ऑफ लाइन प्रक्रिया होने से पूरे साल पांच वर्ष की आयु पर बच्चों को पहली क्लास में एडमिशन मिल रहा था।
संघ ने सरकार से शाला दर्पण पर नव प्रेवश आधार तिथि 31 मार्च को बदलवा कर 5 वर्ष आयु पूर्ण करने वाले सभी बच्चों का प्रवेश पहली कक्षा में हो सके इसके लिए नियमों में संशोधन कराये जाने की मांग की है।
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