गिट्स के छात्रों ने सिकन्दराबाद में हुई प्रतियोगिता ‘‘टेक्नोवेशयन 2020’’ में लहराया परचम


गिट्स के छात्रों ने सिकन्दराबाद में हुई प्रतियोगिता ‘‘टेक्नोवेशयन 2020’’ में लहराया परचम

अल्ट्रा वायलेट डिस्इंफेक्शन एण्ड स्टरलिजिंग रोबोट मशीन का निर्माण किया हैं जो आज के समय की जरूरत हैं।

 
गिट्स के छात्रों ने सिकन्दराबाद में हुई प्रतियोगिता ‘‘टेक्नोवेशयन 2020’’ में लहराया परचम
भारत की पहली ऑनलाइन इनोवेशन प्रतियोगिता ‘‘टेक्नोवेशन 2020’’ में पूरे भारतवर्ष से आयी 361 टीमों में तीसरा स्थान प्राप्त करते हुए उदयपुर का नाम रोशन किया हैं। 

गीतांजली इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्निकल स्टडीज डबोक उदयपुर के छात्रों ने दक्षिणी भारत के तेलंगाना राज्य के सिकन्दराबाद स्थित सेंट मार्टिंन इन्जिनियरिंग काॅलेज में हुइ भारत की पहली ऑनलाइन इनोवेशन प्रतियोगिता ‘‘टेक्नोवेशन 2020’’ में पूरे भारतवर्ष से आयी 361 टीमों में तीसरा स्थान प्राप्त करते हुए उदयपुर का नाम रोशन किया हैं। 

संस्थान निदेशक डाॅ. विकास मिश्र ने बताया कि जहां एक तरफ कोरोना संक्रमण का खतरा बना हुआ हैं और साथ ही वेक्सीनेशन का काम तेजी से प्रगति पर हैं। लेकिन अब वह समय आ गया है कि कोरोना जैसी संक्रमित बिमारी का इलाज तकनीकी एवं इनोवेशन के माध्यम से शीघ्रता से संभव हो। आज के समय के अनुसार किसी भी समस्या का हल निकालने एवं सुलझाने में इनोवेशन एक कारगर हथियार साबित हो रहा हैं। 

किसी भी समाज व देश के सर्वांगीण विकास में इनोवेशन का बहुत बढा योगदान होता हैं। इसी के तहत गिट्स के इलेक्ट्राॅनिक्स एण्ड कम्युनिकेशन के विद्यार्थी अस्मित डाबी, दर्शन सेठ, दिव्या सोनी, सिद्धि चपलोत व खुशी शर्मा ने प्रो. लतीफ खान के निर्देशन में अल्ट्रा वायलेट डिस्इंफेक्शन एण्ड स्टरलिजिंग रोबोट मशीन का निर्माण किया हैं जो आज के समय की जरूरत हैं। 

आईक्यूएसी निदेशक डाॅ. सुधाकर जिंदल ने बताया कि आज समाज के हर क्षेत्र में इनोवेशन का बोलबाला हैं किसी भी देश की आर्थिक प्रगति का आधार उस देश के समाज द्वारा किये गये इनोवेशन पर निर्भर करती हैं। बिना इनोवेशन के बेहतर जिंदगी की कल्पना नहीं कि जा सकती हैं। गिट्स के विद्यार्थी इनोवेटिव बने रहे साथ ही ऐसे नये नये आविष्कार करते रहे। इसलिए गिट्स के विद्यार्थियों को हर प्रकार के रिसर्च की सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। जिसके लिए महाविद्यालय एक एन्टरप्रन्योरशिप एवं इनोवेशन क्लब की स्थापना की जा रहीं हैं।

प्रो. लतीफ खान ने बताया कि यह रोबोट मशीन मोबाइल से संचालित होती हैं इसलिए डिस्इंफेक्शन के दौरान किसी भी व्यक्ति का रहना जरूरी नहीं हैं। यह तकनीक घरों के साथ-साथ कोविड टेस्ट सेंटर के लिए भी बहुत उपयोगी हैं। यह मशीन संक्रमण, बेक्टीरिया व वायरस आदि मारने में 99.9 प्रतिशत तक सक्षम हैं। छात्रों ने यह रोबोट मशीन वर्तमान में कोविड आपदा को देखते हुए बनाया।

इलेक्ट्राॅनिक्स एण्ड कम्युनिकेशन इन्जिनियरिंग के विभागाध्यक्ष डाॅ. राजीव माथुर के अनुसार विद्यार्थियों द्वारा बनाई गई अल्ट्रा वायलेट डिस्इंफेक्शन एण्ड स्टरलिजिंग रोबोट मशीन मोबाइल के एप्स से कंट्रोल होती हैं। जो औसतन 10 से 12 मिनट में एक रूम को डिस्इंफेक्ट कर देती हैं।

संस्थान के वित्त नियंत्रक बी.एल. जांगिड ने कहा कि गिट्स के विद्यार्थी पहले ही ऑल ट्रेन व्हीकल और सोलर व्हीकल जैसी इनोवेटिक चीजें बनाकर प्रदेश व देश के पटल पर अपना नाम दर्ज करवा चुके हैं। अभी तो यह एक शुरूआत हैं समाज को आगे ले जाने के लिए गिट्स हमेशा ही ऐसे इनोवेटिव कार्य करता रहेगा।

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