कोटड़ा, एक आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है, जिसकी साक्षरता दर (2011 की जनगणना के अनुसार) मुश्किल से 27 प्रतिशत है. शिक्षा के क्षेत्र में इस तहसील को पहले से ही हाशिये पर समझा जाता है। लेकिन आज कोटड़ा के ही राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, मांडवा को विश्व के 100 बेहतरीन विद्यालयों में से एक चुना गया है. यह विद्यालय कोटड़ा से चुना जाने वाला दूसरा विद्यालय है जिसने विश्वस्तर पर अपनी जगह बनायी है। पिछले वर्ष इंग्लैंड की एक संस्था द्वारा चलाये गए इसी विश्व शिक्षा सप्ताह में कोटड़ा के आडी पीपली के रात्रि स्कूल को चुना गया था। लगातार दूसरे वर्ष विश्व पटल पर शिक्षा के क्षेत्र में अपने चुनाव के साथ कोटड़ा के सशक्त समुदाय की एक छवि दुनिया के सामने प्रस्तुत हुयी है।
शिक्षा के क्षेत्र में सरकारी विद्यालयों की चुनौतियों से हम सभी भलीभांति परिचित हैं, चाहे वो भौतिक संसाधनों से जुडी जटिलताएं हों या शिक्षकों और बच्चों के अनुपात का अंतर। इन सभी चुनातियों का दुष्प्रभाव पड़ता है, बच्चों की विद्यालय और अपनी ही शिक्षा में रूचि पर। 300 बच्चों से भी अधिक के नामांकन के साथ मांडवा स्कूल भी बच्चों की नियमितता, उनके बैठने की व्यवस्था, छात्रों और छात्रों के लिए उचित सैनिटेशन व्यवस्था, पीने के साफ़ पानी की व्यवस्था और कई वर्षों पुराने भवन की समस्या से काफी समय से जूझ रहा था।
विद्यालय में उद्देश्यपूर्ण शिक्षा तो बच्चों को मिल रही थी, लेकिन उनकी आधारभूत आवश्यकताओं से जुडी सुविधाओं के साथ-साथ, उनको विद्यालय के प्रति आकर्षित करने वाला ऐसा कोई पहलु नहीं था जिससे बच्चे स्वयं ही विद्यालय की ओर खींचे चले आएं। समय- समय पर समस्याओं के निवारण और विद्यालय को बेहतर बनाने की दिशा में विद्यालय स्टाफ और क्षमतालय द्वारा सम्मिलित प्रयास होते रहे हैं। भौतिक संसाधनों के साथ साथ शिक्षा की गुणवत्ता, सामुदायिक नेतृत्व और विद्यालय के दैनिक सञ्चालन को सुदृढ़ बनाने पर काफी ज़ोर दिया गया।
इसी समय कुशल नेतृत्व के धनी मोहित कुमार जी ने विद्यालय की बागडोर एक प्रधानाचार्य के रूप में संभाली और इन सभी समस्याओं का अपने साथी शिक्षकों के साथ बड़ी बारीकी से अवलोकन किया। इनके निवारण हेतु किये जा रहे प्रयासों को उनकी प्रबंधन क्षमताओं से बल मिला। समस्याओं के साथ- साथ विद्यालय के शिक्षकों ने इन समस्याओं के समाधान निकलने के लिए सबसे महत्वपूर्ण संसाधन समुदाय की भूमिका को भी गहनता से समझा और सभी ने मिलकर सामुदायिक भागीदारी और सहयोग के प्रस्ताव को आगे बढ़ाया।
विद्यालय में सामुदायिक रूचि बढ़ाने के लिए विद्यालय स्टाफ ने क्षमतालय के सदस्यों के साथ मिलकर विद्यार्थियों के कौशलों को समुदाय के सामने प्रस्तुत करने के अवसर बनाये ताकि शिक्षा की महत्ता की जागरूकता समुदाय में बनाई जा सके। इस मंच का प्रयोग विद्यालय की चुनौतियों को समुदाय के सामने रखने के लिए किया गया और विद्यालय को बेहतर बनाने का प्रस्ताव रखा गया। समुदाय ने भी आगे बढ़कर अपनी जिम्मेदारियों को निभाया। जन प्रतिनिधियों और स्थानीय भामाशाहों ने भी विद्यालय प्रांगण को सुदृढ़ बनाने में भरपूर सहयोग दिया। विद्यालय के ही एक छात्र ने अपने पेंटिंग कौशल से विद्यालय को एक रेलगाड़ी का रूप दिया।
विद्यालय के स्टाफ ने प्रशासन, सामाजिक संस्थाओं, जन प्रतिनिधियों सभी को साथ लेकर सकारात्मक परिवर्तन की ओर कदम बढ़ाया। इन प्रयासों के कारण आज मांडवा स्कूल में किसी भी साधन संपन्न विद्यालय की श्रेणी में रखा जा सकता है, जहाँ विद्यार्थी केंद्रित शिक्षण, विद्यार्थियों को आकर्षित करता सुन्दर रेलगाड़ी के डिब्बों जैसे भवन, पानी और सैनिटेशन की उचित व्यवस्था और बच्चों के सीखने सिखाने के लिए उचित व्यवस्थाएं सभी के प्रयास से उपलब्ध हो पायीं।
क्षमतालय फाउंडेशन 2016 से इस स्कूल के साथ काम कर रहा है, और पिछले पांच सालों से शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने, बच्चों को शिक्षा से लगातार जोड़े रखने और विदयालय प्रशासन को सुदृढ़ बनाने के लिए सामुदायिक भागीदारी को सुनिश्चित करने में अपना अनवरत सहयोग प्रदान कर रहा है. यह प्रयास एजुकेट फॉर लाइफ, जतन संस्थान, एनएसई फाउंडेशन, विप्रो फाउंडेशन, एडेलगिव फाउंडेशन, स्थानीय समुदाय के सदस्यों, जन प्रतिनिधियों, शिक्षकों, नेताओं, अन्य समाजसेवी संस्थाओं के समर्थन और सहयोगात्मक प्रयासों, और मोहित जी के सुदृढ़ नेतृत्व के कारण ही संभव हो पाया है.
रविवार 3 अक्टूबर से शुक्रवार 8 अक्टूबर तक ऑनलाइन होने वाले विश्व शिक्षा सप्ताह 2021 की थीम 'स्कूल सेलिब्रेशन' होगी। इसमें 100 कार्यक्रम शामिल होंगे, जिनमें से प्रत्येक दस उप-विषयों में से एक से जुड़ा होगा।ये हैं: सामुदायिक भागीदारी और सहयोग; नवाचार; प्रतिकूल परिस्थितियों पर काबू पाना और लचीलापन बनाना; स्वस्थ जीवन का समर्थन करना; पर्यावरणीय स्थिरता; समस्या-समाधान के लिए रचनात्मक दृष्टिकोण; वैश्विक नागरिकता; दूसरों का विकास करना; समावेश; और छात्र नेतृत्व।
प्रस्तुति में अनुभवी पैनलिस्ट के रूप में राजस्थान के माध्यमिक शिक्षा के निदेशक सौरभ स्वामी, संस्था प्रधान मोहित कुमार, मांडवा स्कूल का एक विद्यार्थी मोहन, क्षमतालय के गोविन्द स्कूल के पुनर्निर्माण / परिवर्तन के बारे में अपने अनुभव और यात्रा साझा करेंगे और परिणाम जो स्कूल के विकास की दिशा में उनकी सक्रिय भागीदारी के कारण सामने आए हैं। कार्यक्रम का सञ्चालन क्षमतालय के विवेक कुमार की मध्यस्थता में किया जायेगा।
मांडवा स्कूल की इस प्रेरणादायक कहानी को सुनने कोई भी स्वतंत्र रूप से इस कार्यक्रम में जुड़ सकता है, और http://worldeduweek.org/event/government-senior-secondary-school-mandwa/ पर पंजीकरण कर सकता है। कार्यक्रम विश्व शिक्षा सप्ताह की वेबसाइट - http://worldeduweek.org/ पर आयोजित किए जाएंगे। सोशल मीडिया पर #WorldEduWeek सर्च करके ऑनलाइन बातचीत में शामिल हों।
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