मेडिटेशन से बढ़ेगी कार्यक्षमता और सकरात्मक सोच- डॉ राठौड़

मेडिटेशन से बढ़ेगी कार्यक्षमता और सकरात्मक सोच- डॉ राठौड़

व्यक्ति को ठंडे दिमाग से शांतिपूर्ण तरीके से विचार कर निर्णय लेना चाहिए, अपनी जुबान पर शहद की तरह मिठास रखनी चाहिए

 
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इस अवसर पर माननीय कुलपति जी को हार्त्फुल्नेस मैगज़ीन की हालिया प्रति भी भेंट की

उदयपुर, 29 जनवरी। महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रोध्योगिकी विश्वविध्यालय के विभिन्न कॉलेजों एवं कैंपस में अध्यात्मिक  वातावरण में शिक्षा प्रदान करने एवं व्यक्तित्व विकास के लिए रामचन्द्र मिशन-हार्ट फुलनेस मेडिटेशन संस्थान की हार्टफुलनेस एजुकेशन ट्रस्ट (एच ईटी) के मध्य एक समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किये गए। समझौता पत्र पर एमपी यू ए टी की ओर से माननीय कुलपति डॉ. नरेंद्र सिंह राठौड़ ने एवं हार्टफुलनेस एजुकेशन ट्रस्ट की ओर हार्टफुलनेस ध्यान केंद्र के प्रभारी डॉ. राकेश दशोरा ने हस्ताक्षर किए।

कार्यक्रम की अध्यक्षा कर रहे एम पी यू ए टी के माननीय कुलपति डॉ. नरेंद्र सिंह राठौड़ ने इसे विश्वविध्यालय के हर छात्र और कर्मचारी के अध्यात्मिक जुड़ाव और व्यक्तित्व विकास की दिशा मे बड़ा कदम बताया। उन्होंने कहा कि आज हर व्यक्ति किसी न किसी प्रकार के तनाव से ग्रस्त है ऐसे में  मेडिटेशन के द्वारा उसमे सकारात्मक सोच का विकास होता है साथ ही अनेक प्रकार के शरीरिक और मानसिक विकारों से छुटकारा भी मिलता है, और कार्यक्षमता बढ़ती है। 

उन्होंने बताया कि ध्यान के द्वारा जो शांति मिलती है उससे मस्तिष्क की सही सोच एवं फोकस करने की क्षमता का विकास होता है साथ ही इंटर पर्सन बिहेवियर में भी सुधार होता है उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को अपने मस्तिष्क को ठंडा रखना चाहिए , जिव्हा को मीठा एवं हृदय को चॉकलेट से परिपूर्ण रखना चाहिए, इसे कहने का तात्पर्य यह है कि व्यक्ति को ठंडे दिमाग से शांतिपूर्ण तरीके से विचार कर निर्णय लेना चाहिए, अपनी जुबान पर शहद की तरह मिठास रखनी चाहिए जिससे अन्य व्यक्तियों के साथ रिश्तों व व्यवहार में कुशलता आए और हृदय में  भी चॉकलेट की तरह मिठास होनी चाहिए जिसमें अन्य लोगों के प्रति किसी प्रकार का आवेश, द्वेष एवं गुस्सा ना हो और ध्यान से यह सभी क्वालिटीज व्यक्ति ने विकसित होती हैं।

उन्होंने विश्वास जताया कि हार्टफुलनेस संस्था के प्रयासों से विश्वविद्यालय की फैकल्टी, कर्मचारियों, विद्यार्थियों एवं उनके अभिभावकों में भी सकारात्मकता एवं आध्यात्मिकता विकसित होगी साथ ही हार्टफुलनेस द्वारा संचालित, नेतृत्व एवं व्यक्तित्व विकास, समय प्रबंधन इत्यादि अनेक कौशल आधारित प्रशिक्षणों के माध्यम से विश्वविद्यालय में सकारात्मक एवं आध्यात्मिक वातावरण तैयार होगा। उन्होंने इस अवसर पर उपस्थित सभी महाविद्यालयों के अधिष्ठताओं से हर्टफुलनेस् मैगज़ीन एवं अन्य शिक्षण सामग्री एवं साहित्य को विभिन्न पुस्तकालयो मे सब्सक्राइब  करने और सर्वप्रथम विधार्थियों के साथ हर्टफुलनेस् कार्यक्रमो को प्रारंभ करने की बात कही। 

हार्टफुलनेस केंद्र प्रभारी डॉ राकेश दशोरा ने बताया कि इस प्रकार के समझौते का उद्देश्य राज्य के विश्वविद्यालयों के साथ हार्टफुलनेस कैंपस प्रोग्राम साझा करते हुए छात्रों, फैकल्टी एवं कर्मचारियों को अध्यात्मिकता और मेडिटेशन से जोड़ना है जिससे उन्हे हार्टफुलनेस् एजुकेशन ट्रस्ट द्वारा संचालित प्रोग्राम का लाभ मिल सके। उन्होंने बताया कि संभाग के जयनारायण व्यास विश्वविधालय, जोधपुर, गोविंद गुरु  जनजाति विश्वविद्यालय, बांसवाड़ा, मोहनलाल सुखाडिया विश्वविद्यालय, आई आई एम, के अलावा अनेक शिक्षण संस्थानों मे  हार्टफुल कैम्पस कार्यक्रमों के आयोजन के लिए इस प्रकार के एमओयू किए गए हैं। 

इस अवसर पर हार्टफुलनेस् संस्था की क्षेत्रीय समंवयक मधु मेहता ने बताया  कि हार्टफुलनेस एजुकेशन ट्रस्ट के तहत संस्थान द्वारा विशेष मॉड्यूल आधारित विभिन्न समयावधि के हार्टफुलनेस इनेबल लीडरशिप, स्टाफ एवं स्टूडेंट वेलनेस कार्यक्रम, ध्यानाभ्यास , योगा सेशन, प्रशिक्षण एवं कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता है जिसमे स्थानीय अथवा ग्लोबल मुख्यालय हैदराबाद के विशेषज्ञों द्वारा समय समय पर निशुल्क प्रशिक्षण दिया जाता है। उन्होंने इस अवसर पर माननीय कुलपति जी को हार्त्फुल्नेस मैगज़ीन की हालिया प्रति भी भेंट की I 

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव मुकेश कुमार जो स्वयं हॉटफुलनेस संस्था से जुड़े हुए हैं एवं इसके प्रशिक्षक भी हैं, ने भी उपस्थित एसओसी मेंबर्स को संबोधित किया एवं उन्हें हार्टफुलनेस आधारित ध्यान का अभ्यास भी करवाया जिसके पश्चात सभी को अपने भीतर से शांति का अनुभव हुआ। उन्होंने कहा कि यह आज की व्यस्त जीवन शैली के अनुरूप एक सरलतम ध्यान पद्धति है जिसमे रिलेकशेषन के बाद प्रणाहुति आधारित गायडेड मेडिटेशन प्रशिक्षक के सानिध्य मे करवाया जाता है जिसका अभ्यास व्यक्ति अपनी दिनचर्या के साथ स्वयं भी कर सकता है l

इस समझौता पत्र पर हस्ताक्षर का आयोजन एमपी यू ए टी  के छात्र कल्याण निदेशालय के अंतर्गत किया गया, कार्यक्रम का संचालन हार्टफुलनेस संस्था के एस कनेक्ट प्रभारी डॉ. सुबोध कुमार शर्मा द्वारा किया गया एव कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद प्रस्ताव एमपी यू ए टी के छात्र कल्याण अधिकारी डॉ. मुर्तजा अली सलोदा ने किया, उन्होंने बताया कि इस एमओयू से विश्वविद्यालय मैं छात्र कल्याण के साथ-साथ फैकल्टी विकास के अनेक कार्यक्रमों का आयोजन सरलता से किया जा सकेगा जिसका लाभ संपूर्ण विश्वविद्यालय को मिलेगा उन्होंने इसके लिए अनुसंधान निदेशक एवं एमओयू कमेटी के अध्यक्ष डॉ एस. के. शर्मा द्वारा इस समझौता पत्र को मूर्त रूप देने के लिए विशेष आभार व्यक्त किया। 

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