उदयपुर, राष्ट्रीय पर्यावरण युवा संसद 2022 (NEYP-2022) का राज्यस्तरीय आयोजन दिनांक 28 जनवरी को मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर (राजस्थान), की मेज़बानी में ऑनलाइन माध्यम से सम्पन्न हुआ।
आयोजन के मुख्य अतिथि प्रीति कँवर शक्तावत, विधायक वल्लभनगर रही। कार्यक्रम के विशिस्ठ अतिथि बीकानेर टेक्निकल विश्वविध्यालय के पूर्व कुलपति प्रो एच डी चारण तथा आयोजन की अध्यक्षता सुखाड़िया विश्वविध्यालय के कुलपति प्रो अमेरिका सिंह ने की। पृथ्वी संकाय के अध्यक्ष प्रो बी आर बामनिया ने स्वागत उधबोदन प्रस्तुत किया।
राष्ट्रीय पर्यावरण युवा संसद 2022 के रीजनल नोडल ऑफ़िसर डॉ देवेन्द्र सिंह राठौड़ ने तीन स्तर पर होने वाले आयोजन की रूपरेखा प्रस्तुत की। आयोजन के मुख्य अतिथि प्रीति कँवर शक्तावत, विधायक वल्लभनगर ने युवाओं से पर्यावरण संरक्षण हेतु अपना योगदान देने का आव्हान किया। कार्यक्रम के विशिस्ठ अतिथि बीकानेर टेक्निकल विश्वविध्यालय के पूर्व कुलपति प्रो एच डी चारण ने कोरोना काल में वेंटिलेटर पर ज़रूरत पड़ने वाली ऑक्सिजन की क़ीमत के माध्यम से 24 घंटे पेड़ों से निशुल्क मिलने वाली ऑक्सिजन की क़ीमत से तुलना कर पेड़ों तथा पर्यावरण के महत्त्व को समझाया।
कार्यक्रम में वक्ता के रूप में प्रो नीरज शर्मा ने वेदों से पर्यावरण को जोड़ते हुए वैदिक काल में पर्यावरण के महत्व को बताया। सुखाड़िया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अमेरिका सिंह ने राष्ट्रीय पर्यावरण युवा संसद 2022 में राजस्थान से चयनित होने वाले प्रतिभागियों को अग्रिम शुभकामनाए दी तथा यह भी विश्वास जताया कि राष्ट्रीय स्तर पर संसद भवन में होने वाली राष्ट्रीय पर्यावरण युवा संसद में राजस्थान से चुने प्रतिभागी अपना बेहतर प्रदर्शन दिखाएँगे तथा प्रधानमंत्री के पद के दावेदार होंगे तथा एक दिन के प्रधानमंत्री के रूप संसद भवन में पर्यावरण से जुड़े पहलुओ पर संसद की कार्यवाही को आहूत करेंगे।
राष्ट्रीय पर्यावरण युवा संसद 2022 के रीजनल नोडल ऑफ़िसर डॉ देवेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया की इस राष्ट्रीय पर्यावरण युवा संसद 2022 के राज्य स्तरीय आयोजन का विषय पर्यावरणीय पर्यटन का विरासत तथा संस्कृति से सम्बंध था। राज्य स्तर पर राजस्थान के 16 विश्वविद्यालयो के 100 से अधिक प्रतिभागी इस प्रतियोगिता में भाग लिया।
जिसमें सुखाड़िया विश्वविध्यालय की टीम के साथ राजस्थान विश्वविध्यालय, कोटा विश्वविध्यालय, महाराजा गंगा सिंह विश्वविध्यालय, बीकानेर, बीकानेर टेक्निकल विश्वविध्यालय, गुरु गोविन्द सिंह विश्वविध्यालय, बाँसवाडा, महर्षि दयानंद विश्वविध्यालय, अजमेर, डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन आयुर्वेद विश्वविध्यालय, जोधपुर, जनार्दन राय नागर विध्यापीठ विश्वविध्यालय, उदयपुर, बनस्थली विध्यापीठ, टोंक, एपेक्स यूनिवर्सिटी, भगवंत विश्वविध्यालय, भूपाल नोबल विश्वविध्यालय, आइ ऐ एस ई विश्वविध्यालय, जैन विश्वभारती विश्वविध्यालय, जे ई सी आर सी विश्वविध्यालय की टीमो ने भाग लिया। राज्य स्तर पर राजस्थान के समस्त विश्वविद्यालयों से भाग लेने वाली 10 सदस्यों की टीमों के मध्य प्रतियोगिता हुई एवं सम्पूर्ण राजस्थान से सर्वश्रेष्ठ 10 प्रतिभागियों का चयन तृतीय स्तर के लिए किया गया जो कि राष्ट्रीय स्तर पर राजस्थान का नेतृत्व करेंगे। राष्ट्रीय स्तर (तृतीय स्तर) 27 फरवरी को संसद भवन, नई दिल्ली (भारत) में आयोजित किया जाएगा ।
जहाँ सम्पूर्ण भारत के समस्त केंद्रीय एवं राज्य स्तरीय विश्वविद्यालयो, आईआईटी, एनआइटी से चुने सर्वश्रेष्ठ 10 प्रतिभागियों के दल मिलकर पर्यावरण युवा संसद का निर्माण करेंगे एवं प्रधानमंत्री, स्पीकर, मंत्री, पक्ष, विपक्ष की भूमिका में पर्यावरण से जुड़े पहलुओ पर संसद की कार्यवाही को आहूत करेंगे।
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