MLSU में पत्रकारिता विभाग के नवागंतुक विद्यार्थियों के लिए 'संवाद सत्र'


MLSU में पत्रकारिता विभाग के नवागंतुक विद्यार्थियों के लिए 'संवाद सत्र' 

दूसरे दिन ब्रॉडकास्ट मीडिया पर चर्चा

 
MLSU

मौलिक संवाद कौशल और नवाचार के जरिए अपनी पहचान बना सकते हैं भावी पत्रकार- लालस


 

मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के नवागंतुक विद्यार्थियों के लिए आयोजित किए जा रहे 'संवाद सत्र' के दूसरे दिन मंगलवार को टेलीविजन और रेडियो से जुड़े पत्रकारों ने विद्यार्थियों से बातचीत की तथा उन्हें बेहतरीन कैरियर बनाने के गुर सिखाए, साथ ही उनकी तमाम जिज्ञासाओं का समाधान किया।

दूसरे दिन के मुख्य वक्ता आकाशवाणी- प्रसार भारती के कार्यक्रम अधिकारी एवं अंतरराष्ट्रीय कमेंटेटर महेंद्र सिंह लालस ने कहा कि खबरों की दुनिया पर अब बाजार हावी हो गया है। ब्रॉडकास्ट माध्यम से लेकर प्रिंट माध्यम तक हर और बाजार ने कंटेंट पर कब्जा कर लिया है लेकिन असली पत्रकार अपने मौलिक संवाद कौशल लेखन, सर्जनात्मक लेखन शैली, खबरों में नवीनता और नवाचार के जरिए बाजार से मुकाबला करते हुए अपना अलग मुकाम हासिल कर सकता है।

उन्होंने कहा कि पत्रकारिता साहस का पेशा है लेकिन आप अपने नए नए विचार और आइडियाज के साथ अपने काम के जरिये अलग पहचान बना सकते हैं। उच्चारण एवं भाषा पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि एक अच्छे ब्रॉडकास्टर की भाषा पर पकड़ होनी चाहिए। उच्चारण व लहजे में उसकी स्थानीयता की झलक दिखाई नहीं पड़नी चाहिए, यही एक अच्छे रिपोर्टर और एंकर की खासियत होती है। उन्होंने आवाज को बेहतर बनाने, परिमार्जित करने, उच्चारण शुद्ध और प्रवाहमान बनाने के लिए विद्यार्थियों से विविध प्रायोगिक अभ्यास भी करवाए।

दो दर्जन से अधिक देशों में प्रसार भारती के प्रतिनिधि के तौर पर काम कर चुके एवम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ओलंपिक खेलों के कमेंटेटर रहे महेंद्र लालस ने विद्यार्थियों को अच्छे कमेंटेटर बनने के जरूरी गुण विकसित करने के तरीके भी समझाए। 

इस अवसर पर न्यूज़ 91 चैनल के संपादक अब्बास रिजवी ने सैटेलाइट और केबल चैनल के मध्य के अंतर को स्पष्ट करते हुए स्थानीय खबरों के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि अगर स्थानीय कंटेंट स्थानीयता की रुचि से परिपूर्ण होगा तो दर्शकों में उसकी मांग भी रहेगी। उन्होंने कहा कि अब अंतर्राष्ट्रीय खबरों के साथ स्थानीय खबरें ज्यादा पढ़ी और सुनी जाती है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सामाजिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता प्रोफेसर सीआर सुथार ने कहा कि भाषा पर पकड़, शब्द सामर्थ्य की अभिव्यक्ति एवं संवाद कौशल बढ़ाकर भावी पत्रकार अपना बेहतरीन कैरियर बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता विभाग के विद्यार्थी सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें अलग-अलग क्षेत्रों में कार्यरत मीडियाकर्मियों से निरंतर संवाद का अवसर प्राप्त होता है। यह उनके भविष्य के कामकाज और सीखने की प्रक्रिया में सहायक सिद्ध होगा।

पत्रकारिता विभाग के प्रभारी विभागाध्यक्ष डॉ कुंजन आचार्य ने विषय प्रवर्तन करते हुए रेडियो और टेलीविजन में काम करने के लिए कंटेंट निर्माण और संवाद कौशल बढ़ाने पर जोर दिया। एमए के विद्यार्थी पुलकित उपाध्याय ने शुरू में सभी अतिथियों का स्वागत किया जबकि विभाग के एलुमनी एसोसिएशन-'उजास' के अध्यक्ष मनीष कोठारी ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। दूसरे दिन के संवाद सत्र में स्नातक और स्नातकोत्तर के सभी विद्यार्थियों ने वक्ताओं से कई प्रश्न किए और अपनी जिज्ञासाएं रखी।

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