पुस्तकालय विज्ञान विभाग में डॉ अश्विनी तिवारी का व्याख्यान


पुस्तकालय विज्ञान विभाग में डॉ अश्विनी तिवारी का व्याख्यान

विशेषज्ञों की राय व उनके ज्ञान से विद्यार्थियों को अवगत कराना आज के समय की मांग-कुलपति प्रोफ़ेसर अमेरिका सिंह

 
MLSU

पुस्तकालय से संबंधित नवीन सॉफ्टवेयर, डिजिटल रिपोजिटरीज,ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर आदि के माध्यम से विद्यार्थियों को पढ़ाया जा रहा है

मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग में पुस्तकालय सूचना विज्ञान के स्नातक विद्यार्थियों हेतु महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के पुस्तकालय अध्यक्ष डॉ अश्विनी तिवारी के द्वारा व्याख्यान दिया गया। 

कुलपति प्रोफेसर अमेरिका सिंह ने वर्चुअल माध्यम से वर्तमान समय में पुस्तकालयों में तकनीकी आवश्यकताओं पर जोर देते हुए विद्यार्थियों और विभाग को शुभकामनाएं प्रेषित की। डॉ तिवारी ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान में करियर और उसकी संभावनाओं पर प्रकाश डालते हुए बताया की इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर अत्यधिक है साथ ही कुछ चुनौतियां हैं जो हमें अन्य प्रोफेशन से हटकर भिन्न बनाती है।

इस क्षेत्र में सेवा भाव का होना अति आवश्यक है और समय के साथ इसमें तकनीकी ज्ञान जैसे कंप्यूटर इंटरनेट, ऑनलाइन रिसोर्सेज, पीरीयोडिकल्स, ओपन रिसोर्सेज, सर्च स्किल्स का होना अति आवश्यक है।  इन सभी प्रकार के गुणों के विद्यमान होने पर एक पुस्तकालय और सूचना विज्ञान के व्यक्ति को अपने प्रोफेशन में उन्नति प्रदान करती है। वर्तमान समय में राजस्थान और अन्य राज्यो में पुस्तकालय विज्ञान के क्षेत्र में अत्यधिक रोजगार निकल रहे हैं जिनकी अलग-अलग योग्यताएं होती है।

पुस्तकालय एवं सूचना विभाग की उपाधि लेने के बाद  विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार मिलने के  प्राप्त होते हैं जैसे स्कूल कॉलेज, विश्वविद्यालय, चिकित्सा, एनजीओ और बैंकिंग क्षेत्र पुस्तकालय विज्ञान अधिकारी के रूप नौकरियों के आवेदन मांगे जाते हैं।

विभाग के प्रभारी विभाग अध्यक्ष एवं विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी डॉ पीएस राजपूत ने बताया कि विभाग निरंतर कुलपति महोदय के मार्गदर्शन में द्रुतगति से विकास कर रहा है यह राजस्थान का एकमात्र विभाग है जहां पर सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, स्नातक, स्नातकोत्तर एवं पीएचडी की डिग्री पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान में प्रदान की जा रही है तथा विभाग में पिछले 4 वर्षों से सीबीसीएस मध्यम को अपनाया गया है। 

विद्यार्थियों हेतु 40 कंप्यूटर की लैब जिसमें पुस्तकालय से संबंधित नवीन सॉफ्टवेयर, डिजिटल रिपोजिटरीज,ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर आदि के माध्यम से विद्यार्थियों को पढ़ाया जा रहा है और तकनीकी से अवगत कराया जा रहा है।

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