मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर अमेरिका सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय को मल्टी फैकल्टी एजुकेशन हब के रूप में विकसित करते हुए देश की टॉप टेन यूनिवर्सिटी में शामिल करने का लक्ष्य है। इसके साथ ही विद्यार्थियों के लिए समान ड्रेस कोड के रूप में यूनिफॉर्म लागू करने की योजना पर विचार किया जा रहा है। कुलपति प्रोफ़ेसर सिंह पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग की ओर से नव आगंतुक विद्यार्थियों के लिए चल रहे तीन दिवसीय संवाद सत्र के तीसरे दिन बुधवार को भावी पत्रकारों के साथ कुलपति सचिवालय में आयोजित मॉक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे।
कोरोना काल में ऑनलाइन पढ़ाई के लिए नई व्यवस्था विकसित करने की दिशा में क्या प्रयत्न किया जा रहे हैं। इस सवाल का जवाब देते हुए प्रोफेसर सिंह ने कहा कि कोरोना काल ने एकेडमिक्स की गति को बहुत प्रभावित किया है इसलिए इस तरह का तकनीकी मैकेनिज्म विकसित किया जा रहा हैं जिसमें प्रभावी ऑनलाइन शिक्षा के साथ ही ऑनलाइन परीक्षाएं करवाई जाएगी। इसके तहत जिस दिन परीक्षा होगी उसी दिन परीक्षा परिणाम प्राप्त हो जाएगा। ऐसा काम करने वाला यह देश का पहला विश्वविद्यालय होगा।
एक विद्यार्थी ने पूछा कि क्या विश्वविद्यालय में ड्रेस कोड लागू नहीं किया जा सकता। इस पर कुलपति ने कहा कि इस दिशा में वे स्वयं भी विचार कर रहे हैं कि सभी विद्यार्थियों के लिए ड्रेस कोड के तौर पर यूनिफॉर्म लागू की जाए। इस दिशा में प्रस्ताव रखा जाएगा और शीघ्र ही चर्चा कर निर्णय किया जाएगा। एक सवाल के जवाब में कुलपति ने कहा कि संविधान की शिक्षा सभी विद्यार्थियों को दी जानी चाहिए ताकि उन्हें कर्तव्यों का भी बोध हो सके। इसीलिए यह प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय बन गया है जहां संविधान पार्क ने मूर्त रूप ले लिया है।
एक छात्र ने पूछा कि अगर किसी विद्यार्थी को नया आईडिया आता हैं तो उसको आप तक कैसे पहुंचाया जाए। इस पर कुलपति ने कहा कि हम लोग चाहते हैं कि हर विद्यार्थी नए विचार पर काम करें, नया आईडिया नवाचार के साथ लेकर आए। हम इसको और आगे बढ़ाते हुए पेटेंट की दिशा में अग्रसर करेंगे। सभी विद्यार्थियों के लिए नए विचारों के दरवाजे खुले हुए हैं वे कभी भी उन्हें अवगत करा सकते हैं।
एक भावी पत्रकार ने सवाल किया कि फॉर्म भरने के बाद हार्ड कॉपी जमा करने की बाध्यता अभी भी बनी हुई है। इस पर कुलपति ने कहा कि इसे शीघ्र ही समाप्त कर दिया जाएगा। ऑनलाइन फॉर्म भरने के बाद हार्ड कॉपी जमा करने की बाध्यता दूरदराज के विद्यार्थियों के लिए भी परेशानी का सबब रहती है। इंजीनियरिंग एवं आर्किटेक्चर खोलने के बाद इसको और आगे ले जाने की क्या योजना है इस सम्बंध में किए गए सवाल का जवाब देते हुए कुलपति प्रोफ़ेसर सिंह ने कहा कि यूनिवर्सिटी के एक्ट में ही मल्टी फैकल्टी का प्रावधान है। कृषि विश्वविद्यालय के अलग होने के बाद अलग हुई फैकल्टीज की कमी महसूस की जा रही थी। उसी क्रम में नई फैकल्टीज शुरू की गई है। शीघ्र ही अलग-अलग क्षेत्रों की नई फैकल्टीज भी शुरू करने की योजना है।
दूरदराज के विद्यार्थियों को हेल्पलाइन पर सही जवाब नहीं मिलता इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर एफ ए क्यू की शुरुआत की गई है। देश के किसी भी क्षेत्र में रहने वाला विद्यार्थी इस चेटबॉट के जरिए अपनी समस्या वेबसाइट पर दर्ज कर समाधान प्राप्त कर सकता है। साथ ही उन्होंने आश्वस्त किया कि हेल्पलाइन को मजबूत बनाने के लिए भी काम किया जा रहा है। कुलपति ने कहा कि वे स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार की दिशा में भी विचार कर रहे हैं। मेडिकल फैसिलिटी सुविधाओं के तहत डिस्पेंसरी खोलने, मेडिकल शिक्षा के लिए नर्सिंग कॉलेज खोलने के प्रस्ताव भी विचाराधीन है।
एक विद्यार्थी ने विश्वविद्यालय के भीतर आवागमन की सुविधा विकसित करने के बारे में सवाल किया। इस पर कुलपति ने शीघ्र ही बस सेवा शुरू करने की बात कही। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर के भीतर बस का संचालन किया जाएगा इससे विद्यार्थियों को एक परिसर से दूसरे परिसर में आने जाने में समय और श्रम बच सकेगा।
प्लेसमेंट के बारे में किये गए एक सवाल पर कुलपति ने कहा कि विद्यार्थियों को सोशल परसेप्शन के साथ चलते हुए यह समझना होगा कि उनकी उपयोगिता समाज के लिए क्या है। ट्रेनिंग और प्लेसमेंट का कार्य विश्वविद्यालय में अब विभागीय स्तर पर किया जाएगा इस पर भी विचार चल रहा है। साथ ही नामी कंपनियों को विभिन्न क्षेत्रों के बच्चों को सेलेक्ट करने के लिए विभागीय स्तर पर ही कार्रवाई करने के लिए कहा जाएगा।
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में प्रयासों के सवाल पर उन्होंने कहा कि पेड़ों की कटाई छटाई विकास के लिए जरूरी होती है लेकिन नए पौधे लगाने की दिशा में भी अनवरत कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा क्लीन केंपस, ग्रीन केंपस उनकी प्राथमिकता है और इसी दिशा में स्वच्छ, हरा भरा केंपस दिखाई भी देने लगा है। सीएसआर पर किए जा रहे हैं कार्यों के सवाल पर कुलपति ने कहा कि उनकी नियुक्ति के बाद सीएसआर की दिशा में कई कार्य किए गए हैं।
कोरोना काल में विश्वविद्यालय परिसर में प्रतिदिन चलने वाला टीकाकरण शिविर लगाया गया जिसमें एक लाख लोगों को टीका लगाया गया। साथ ही एक करोड़ 11 लाख रुपए सरकार के राहत कोष में दिए गए। कुलपति प्रोफ़ेसर सिंह ने विद्यार्थियों से कहा कि वे भविष्य के पत्रकार हैं इसलिए अनवरत अध्ययनशील रहें। अपनी भाषा को परिमार्जित करें। खुद को आत्मविश्वास से भरे। सुबह जल्दी उठे और खुद का विकास करें तो वह एक पत्रकार के रूप में देश और समाज के लिए बेहतर योगदान दे सकते हैं।
इस अवसर पर पत्रकारिता विभाग के प्रभारी विभागाध्यक्ष डॉ कुंजन आचार्य ने शुरू में कुलपति प्रोफ़ेसर सिंह का स्वागत किया तथा नवागंतुक विद्यार्थियों के लिए चल रहे तीन दिवसीय कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी।
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