उदयपुर । प्रौद्योगिकी एवं अभियांत्रिकी महाविद्यालय,महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय,उदयपुर एवं भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, उदयपुर के मध्य कुलपति सचिवालय में माननीय कुलपति डॉ. नरेन्द्रसिंह राठौड़ एवं परियोजना निदेशक श्री लोकेशसिंह राजपुरोहित की उपस्थिति में दोनों के मध्य एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर किये गये।
सीटीएई की ओर से इस अवसर पर अधिष्ठाता डॉं. अजय कुमार शर्मा, निदेशक अनुसंधान डॉ. एस.के. शर्मा एवं भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, उदयपुर की ओर से परियोजना निदेशक लोकेशसिंह राजपुरोहित व प्रबन्धक (तकनीकी) पी.सी. पुर्बिया ने एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर किये।
इस अवसर पर माननीय कुलपति डॉ. नरेन्द्रसिंह राठौड़ ने आगन्तुक अतिथियों एवं सभागार में उपस्थित सभी का स्वागत करते हुये कहा कि भारत सरकार के भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा प्रौद्योगिकी एवं अभियांत्रिकी महाविद्यालय, उदयपुर के मध्य यह जो एम.ओ.यू. करार हुआ है इसका विशेष लाभ सिविल इंजीनियरिंग विभाग में अध्ययनरत स्नातक एवं स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को मिलेगा, विद्यार्थियों को रोजगार के नये अवसर प्रदान होगें।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के परियोजना निदेशक लोकेशसिंह राजपुरोहित में अपने उद्बोधन में कहा कि भारत सरकार तकनीकी संस्थानों के विद्यार्थियों को इससे जोड़ने के लिए विशेष प्रयास कर रही है तथा इस तरह के एम.ओ.यू. देश के कई जाने माने तकनीकी संस्थानों के साथ कर चुकी है जिसका सीधा लाभ तकनीकी संस्थाओं के विद्यार्थियों को प्राप्त हो रहा है। इसी कड़ी में सीटीएई के साथ यह अनुबंध (एमओयू) किया जा रहा है।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण सीटीएई से स्नातक के 10 और स्नातकोत्तर के 4 विद्यार्थियों को इनटर्नशिप की ट्रेनिंग देगा व उनको स्टाईपेण्ड के रूप में स्नातक के विद्यार्थियों को रूपये 8000/- एवं स्नातकोत्तर के विद्यार्थियों को रूपये 15000/- प्रदान करेगा। उन्होनें आगे कहा कि इससे विद्यार्थियों को नये अनुसंधान, प्रयोग एवं भविष्य में आने वाली नयी तकनीकी जानकारी प्राप्त होगी ।
उन्होनें कहा कि वर्तमान में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 8 जो राजस्थान एवं गुजरात राज्य को जोड़ता है एवं राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 76 जो देबारी से काया (उदयपुर बाईपास) एवं चितौड़गढ़-उदयपुर को जोड़ता है इन कार्यक्षेत्रों पर विद्यार्थियों को प्रोयागिक एवं अनुसंधान हेतु लगाया जायेगा क्योंकि ये राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माणाधीन है।
डॉ. अजय कुमार शर्मा, अधिष्ठाता,सीटीएई ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के सभी अधिकारियों को धन्यवाद् देते हुये कहा कि सीटीएई के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के विद्यार्थियों को निश्चित रूप से लाभ होगा । इससे न केवल विद्यार्थियों को इन्टर्नशिप द्वारा एक नया अवसर प्रदान होगा वरन् उन्हें प्रयोग एवं अनुसंधान के साथ वित्तीय लाभ भी होगा।
डॉ. शर्मा ने कहा कि अभी कोविड के कारण विद्यार्थी की कक्षाएॅं ऑन-लाईन द्वारा ली जा रही है जैसे ही राज्य सरकार से दिशा निर्देश प्राप्त होते है व विद्यार्थी कक्षाओं में आना प्रारम्भ कर देगें आपसे सम्पर्क कर विद्यार्थियों को आपके निर्देशानुसार भेजा जायेगा। डॉ. शर्मा ने आगे कहा कि महाविद्यालय में स्थित अन्य ब्रान्चों जैसे कृषि अभियांत्रिकी, विद्युत अभियांत्रिकी के विद्यार्थियों को भी यदि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण इन्टर्नशिप प्रदान करता है तो महाविद्यालय प्रशासन इसका स्वागत करेगा।
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