अभिभावकों की शिकायत - कुछ निजी स्कूल ऑनलाइन प्रणाली बंद कर के बच्चों को स्कूल आने पर मजबूर कर रहे हैं?


अभिभावकों की शिकायत - कुछ निजी स्कूल ऑनलाइन प्रणाली बंद कर के बच्चों को स्कूल आने पर मजबूर कर रहे हैं?

अभिभावक बता रहे हैं की स्कूल ऑनलाइन प्रणाली द्वारा क्लासेज़ बंद कर के बच्चों को स्कूल आने पर मजबूर कर रहे है। अभिभावकों के अनुसार स्कूल में सोशिअल डिस्टेंसिंग की पालना बराबर नहीं की जा रही। कुछ बच्चे और अध्यापक मास्क का उपयोग नहीं कर रहे हैं।

 
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सरकारी नियम के बावजूद कई प्राइवेट स्कूल अपनी मनमानी कर रहे। राजस्थान में राज्य सरकार के फैसले के बाद स्कूल खुलने और बच्चों के स्कूल में आने के लिए जो कायदे-कानून बनाए हुए हैं, उसके तहत बच्चों के लिए स्कूल में प्रवेश के लिए गाईडलाइन जारी की है। क्लास में 50 फीसदी बच्चों की उपस्थिति होगी यानी रोटेशन के आधार पर स्टूडेंट्स क्लास में उपस्थित हो सकेंगे।

उदयपुर टाइम्स को मिली खबर के अनुसार कुछ अभिभावक बता रहे हैं की स्कूल ऑनलाइन प्रणाली द्वारा क्लासेज़ बंद कर के बच्चों को स्कूल आने पर मजबूर कर रहे है। अभिभावकों के अनुसार स्कूल में सोशिअल डिस्टेंसिंग की पालना बराबर नहीं की जा रही। कुछ बच्चे और अध्यापक मास्क का उपयोग नहीं कर रहे हैं। यहाँ तक की एक बेंच पर दो बच्चों को बैठाया जा रहा है।

राज्य सरकार के आदेश के अनुसार राजस्थान में के सरकारी और निजी स्कूल खोल दिए गए है। सरकार ने स्कूलों में 9वीं से 12वीं कक्षा एवं कॉलेज में सरकार के बताए हुए मानक ऑपरेटिंग प्रक्रियाओं के तहत विनियम के तर्ज पर पहले ही अनुमति दे रखी है। वहीं 20 सितंबर से कक्षा छठी से आठवीं तक की कक्षा शुरु की गई। ऐसे में राजस्थान सरकार ने बच्चों के लिए स्कूल में प्रवेश के लिए गाईडलाइन जारी की है। क्लास में 50 फीसदी बच्चों की उपस्थिति होगी यानी रोटेशन के आधार पर स्टूडेंट्स क्लास में उपस्थित हो सकेंगे। सरकारी नियम के अनुसार अभिभावकों को अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए लिखित अनुमति देनी होगी। अभिभावकों की मंजूरी के बिना बच्चों को स्कूल में नहीं बैठा सकते है।

जब हमारे पास कुछ प्राइवेट स्कूल के अभिभावकों की ओर से शिकायत आई तो उदयपुर टाइम्स ने स्कूलों में यह जानने के लिए बात की कि सरकार द्वारा कोई नई गाइडलाइन्स आई हैं जिसके तहत ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली बंद करने को कहा गया है और बच्चों को स्कूल आना अनिवार्य कर दिया है। ऐसे में आलोक स्कूल के प्रिंसिपल शंशाक का कहना है कि हमारे स्कूल में ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों क्लासेज संचालित की जा रही है। बच्चों के अभिभावक से इजाज़त ले कर ही बच्चों को स्कूल में प्रवेश करवाया जा रहा है। इसके साथ ही अभी स्कूल में 50% बच्चे आ रहे है, और सोशिअल डिस्टेंसिंग की पालना की जा रही है। जो बच्चे नहीं आ रहे है उनकी ऑनलाइन क्लासेज़ चालु है। हमारी ओर से बच्चों पर कोई दबाव नहीं है कि वह स्कूल आ कर ही क्लासेज लें।

वहीं जब उदयपुर टाइम्स ने CBSE संयोजक विलियम डिसूज़ा (संत एन्थनी स्कूल) से बात की तो उन्होनें कहा कि अभिभावकों के कहने पर ही बच्चों को स्कूल में प्रवेश दिया जाएगा और किसी स्कूल को अनुमति नहीं कि बच्चों को स्कूल आने पर मजबूर किया जाए। अभिभावकों की ओर से ऐसी शिकायत आती है तो हम जरुर इस बात पर ध्यान देंगे। उन्होनें कहा कि माध्यमिक शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी ने भी स्पष्ट कर दिया है कि कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए ज्यादा से ज्यादा स्टूडेंट्स को स्कूल में बुलाया जाए। परन्तु उन्होंने यह भी कहा अब अभिभावकों को भी ऑनलाइन क्लासेज को दूर करके ऑफलाइन क्लासेज को अहमियत देनी चाहिए।

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