MLSU में रीविजिट सिलेबस ऑफ़ स्किल बेस्ड प्रैक्टिकल कोर्सेज इन लाइट ऑफ NEP-2020 पर चर्चा


MLSU में रीविजिट सिलेबस ऑफ़ स्किल बेस्ड प्रैक्टिकल कोर्सेज इन लाइट ऑफ  NEP-2020 पर चर्चा 

मोहन लाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के लेखांकन एवं व्यावसायिक सांख्यिकी विभाग में आयोजन  

 
MLSU

उदयपुर 3 अगस्त 2024। मोहन लाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी के लेखांकन एवं सांख्यिकी विभाग में रीविजिट सिलेबस ऑफ़ स्किल बेस्ड प्रैक्टिकल कोर्सेज इन लाइट ऑफ  NEP-2020 पर राउंड टेबल परिचर्चा का आयोजन किया गया। जिसमें बैचलर आफ वोकेशन तथा मास्टर वोकेशन( लेखांकन कराधान एवं अंकेक्षण) प्रोग्राम के पाठ्यक्रम पर चर्चा की गई।

चर्चा का शुभारंभ विभागाध्यक्ष प्रोफेसर शूरवीर सिंह भाणावत के स्वागतिय उद्बोधन से हुआ, इस अवसर पर उन्होंने जोर देकर कहा कि सैद्धांतिक ज्ञान के बजाय व्यावहारिक ज्ञान अधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि 2016 से चल रहे बी.वोक और एम.वोक पाठ्यक्रमों को कैसे बदला जा सकता है ताकि व्यावहारिक अनुप्रयोगों पर अधिक जोर दिया जा सके। उन्होंने कहा कि आयोजन का मुख्य उद्देश्य  नयी शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुसार लेखा पाठ्यक्रम में सुधार करना है,  प्रैक्टिकल कौशल आधारित और वर्तमान परिदृश्य में बाजार की मांग के अनुरूप विद्यार्थियों को व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करना हैं।

विभाग की सहायक आचार्य एवं कार्यक्रम की आयोजक सचिव डॉ आशा शर्मा ने बताया कि राउंड टेबल डिस्कशन के चर्चा में तीन मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया: ज्ञान की सामग्री, शिक्षण विधि तथा विद्यार्थियों के प्रदर्शन का मूल्यांकन। उन्होंने कहा कि इस चर्चा के मुख्य वक्ता सीए अभय जारोली, सी ए हेमंत कडुनिया और सीए विशाल जैन थे। यह सिलेबस रिवीजट की श्रृंखला की प्रथम परिचर्चा थी, करीब 3 घंटे तक चलने वाली इस पर चर्चा से पाठ्यक्रम में आमूल चूल परिवर्तन किया जा रहा है ऐसी चर्चा अपने आप में एक अनूठी चर्चा है, जो कहीं और नहीं देखी गई है। 

चार्टर्ड अकाउंटेंट अभय जारोली ने कहा कि इनकम टैक्स में नए फॉर्म जोड़े जाने चाहिए ताकि विद्यार्थी व्यावहारिक ज्ञान से परिचित रह सकें। चार्टर्ड अकाउंटेंट हेमंत कडुनिया ने बताया कि टैली के सिलेबस को अच्छी तरह से डिजाइन किया जाना चाहिए ताकि विद्यार्थियों को व्यावहारिक अनुप्रयोगों में कोई कठिनाई न हो। चार्टर्ड अकाउंटेंट से विशाल जैन लेखांकन के लिए टैली, क्विकबुक टूल, जोहो टूल, मार्ग और ज़ीरो टूल जैसे सॉफ्टवेयर के उपयोग पर जोर दिया, जिससे विद्यार्थियों को व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त हो सके।  

शिक्षा के क्षेत्र में व्यावहारिक ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयास जारी हैं, ताकि विद्यार्थी आधुनिक तकनीक और सॉफ्टवेयर के साथ कदमताल कर सकें। बी वॉक तथा एम वॉक प्रोग्राम में विद्यार्थियों को सैद्धांतिक ज्ञान के साथ विभिन्न व्यवहारिक विषय सिखाए जाते हैं,  जिसमें प्रैक्टिकल लेखांकन, प्रैक्टिकल जीएसटी, प्रैक्टिकल अंकेक्षण, प्रैक्टिकल सांख्यिकी, प्रैक्टिकल डॉक्यूमेंटेशन, प्रैक्टिकल कराधान शामिल है। 

चर्चा के दौरान, एनईपी और नई तकनीक के बढ़ते प्रभाव को ध्यान में रखते हुए पाठ्यक्रम में बदलाव किए गए। एबीएसटी विभाग के सहायक आचार्य डॉ. शिल्पा वार्डिया, डॉ. शिल्पा लोढ़ा, डॉ. पारुल दशोरा, डॉ. पुष्पराज मीणा भी इस बैठक में उपस्थित थे, उन्होंने भी अपने विचार व्यक्त किये। उनके साथ ही अतिथि शिक्षक, शोधार्थी और विद्यार्थी, एल्यूमिनी भी उपस्थित थे। यू एस बेस्ड कंपनी में कार्यरत पूर्व विद्यार्थी देवेंद्र सिंह राठौड़ ने कार्यक्रम में शरीक होकर अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिए। अंत में, डॉ. आशा शर्मा ने सभी को धन्यवाद ज्ञापन दिया।

To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on   GoogleNews |  Telegram |  Signal