RTE कक्षाओं में प्रवेशित विद्यार्थियों को सरकार द्वारा भुगतान नहीं करने की स्थिति में निकाला जाएगा


RTE कक्षाओं में प्रवेशित विद्यार्थियों को सरकार द्वारा भुगतान नहीं करने की स्थिति में निकाला जाएगा

RTE की समस्याओं को लेकर एक बैठक का आयोजन किया गया

 
right to educatuon

उदयपुर, 3 जून 2024। हर परिवार अपनी हैसियत के अनुसार अपने बच्चों को बेहतर से बेहतर शिक्षा दिलाना चाहता है। लेकिन प्राइवेट स्कूलों की मोटी फीस के कारण गरीब परिवार के लोग अपने बच्चों को मनचाहा स्कूलों में दाखिला दिला पाने में नाकाम रहते हैं। लेकिन जब से सरकार ने राइट टू एजुकेशन (RTE) का नियम लागू किया है, तब से कई परिवार के बच्चों का भाग्य सुधर रहा है। 

राइट टू एजुकेशन नियम के तहत आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चों का प्राइवेट स्कूलों में निःशुल्क दाखिला मिलता है। लेकिन इस बार आरटीई के नियम में बदलाव किया गया है, जिस कारण कई लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है। आरटीई के तहत निजी स्कूलों में फ्री प्रवेश के लिए 13 मई को ऑनलाइन लॉटरी निकाली गई।

परंतु उदयपुर में आरटीई की समस्याओं को लेकर एक बैठक का आयोजन किया गया। प्राइवेट स्कूल डायरेक्टर्स एंड मैनेजमेंट एसोसिएशन, उदयपुर एवं सलूंबर जिला प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के तत्वावधान में प्राइवेट स्कूल की मुख्य समस्याओं को लेकर बैठक हुई। अध्यक्ष जितेश श्रीमाली ने बताया कि आरटीई के अंतर्गत कक्षा नर्सरी का सरकार द्वारा भुगतान नहीं किया जाएगा तो अभिभावकों को भुगतान करना होगा व नहीं देने की स्थिति में प्रवेश नहीं दिया जा सकेगा।

साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि गत वर्ष आरटीई के अंतर्गत इन कक्षाओं में प्रवेशित विद्यार्थियों को भी सरकार द्वारा भुगतान नहीं करने की स्थिति में निकाला जाएगा। एक लीगल बोर्ड रैपिड एक्शन फोर्स का गठन किया गया, इसमें महावीर विद्या मंदिर के निदेशक गजेंद्र मेहता, क्यूरियस किड्स के निदेशक अभय जैन और गायत्री स्कूल के प्रेम पुष्करणा को मनोनीत कर आने वाली परेशानियों को कोर्ट में ले जाकर हल निकालने को कहा गया।

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