ऊंची उड़ान कार्यक्रम की बालिकाओं का देश के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग काॅलेज में चयन

ऊंची उड़ान कार्यक्रम की बालिकाओं का देश के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग काॅलेज में चयन

राष्ट्रीय बालिका दिवस विशेष

 
ऊंची उड़ान कार्यक्रम की बालिकाओं का देश के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग काॅलेज में चयन
- हिन्दुस्तान जिंक के ऊंची उड़ान कार्यक्रम से जुड़ प्रतिष्ठित काॅलेज से इंजीनियर बनने का सपना पूरा कर रही ग्रामीण प्रतिभाएं
- रेलमगरा की रानी और जावर की रेशमा आईआईटी तो, देबारी की निरमा कुंवर एनआईटी में पढ़कर गांव का नाम कर रही रोशन

 

हिन्दुस्तान जिंक का ऊंची उड़ान कार्यक्रम हमारें लिए वरदान साबित हुआ है, ग्रामीण क्षेत्र में उच्च शिक्षा के लिए मार्गदर्शन और संसाधन की कमी के कारण देश के प्रतिष्ठित काॅलेज में इंजीनियरिंग में प्रवेश के सपने का पूरा होना हमारें लिए ही नहीं पूरे गांव के लिए गौरव की बात है। यह कहना है ग्रामीण क्षेत्र की उन प्रतिभाओं का जो कि हिन्दुस्तान जिंक के ऊंची उड़ान कार्यक्रम से जुड़कर आईआईटी और एनआईटी के लिए चुने गए है।  इन विद्यार्थियों में भी लगभग 50 प्रतिशत संख्या छात्राओं की है जो कि वंचित छात्रों के समावेशी विकास एवं उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने की इस मुहिम का लाभ लेकर प्रगतिशील राष्ट्र के निर्माण में योगदान के लिए अग्रसर हैं।

इन बालिकाओं के लिए देश के आईआईटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रवेश से पहले का सफर उन शहरी बच्चों से ज्यादा कठिन रहा है जिनका चयन हुआ है। दूरदराज़ के ग्रामीण क्षेत्र में हिन्दी माध्यम से पढ़ाई, घर से दूर 4 वर्षों तक कोचिंग और माहौल में बदलाव आसान नहीं था लेकिन इन नौनिहालों ने इस सब के बावजूद सफलता की ओर कदम बढ़ाए। आज इनका आत्मविश्वास दूसरों के लिए प्रेरणा से कम नही है।

देश के श्रेष्ठ इंजीनियर काॅलेज आईआईटी धनबाद में अध्ययनरत रेलमगरा राजसमंद की रानी खटीक, जावर माइंस की रेशमा एनआईटी जमशेदपुर और देबारी की निरमा कुंवर एनआईटी जयपुर में अध्ययनरत है।  इन्ही की तरह छोटे से कस्बे से देश के प्रतिष्ठीत इंजिनियरिंग  कॉलेज  तक का सफर तय करने वाली देबारी की कीर्ति पांडे, दरीबा की माया जाट, देबारी की ममता चैबीसा जैसी प्रतिभाशाली बालिकाएं शामिल है। यह बालिकाएं शुरुआत से ही पढाई के साथ -साथ अन्य सहशैक्षिक गतिविधियो मे भी अव्वल रही है। से बालिकाएं पारिवारिक पृष्ठभुमि अत्यन्त निर्धन परिवार से हैं जहॉ एक ओर कीर्ति के पिता सिक्युरिटी सर्विस मे है वही निरमा ओर माया एक सामान्य किसान परिवार से है। 

ऊंची उड़ान की शुरुआत 2017 में हिन्दुस्तान जिंक द्वारा  तकनीकी पार्टनर रेसोनेन्स एंव हॉस्ट पार्टनर विद्या भवन के साथ शिक्षा के नवाचार के रुप में हुई । इसका उद्धेश्य राजकीय विद्यालयो मे पढ़ने वाले उन मेधावी छात्रो को आगे लाना है जो उचित मार्गदर्शन और संसाधनो के अभाव में उच्च शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। इसके तहत कंपनी के कार्यक्षेत्र के 6 जिलो से उदयपुर ,राजसमंद, चितौड़, भीलवाड़ा, अजमेर ,उतराखण्ड के पंतनगर से मेधावी छात्र जिनके न्युन्तम प्राप्तांक प्रतिशतता के मापदण्ड के आधार पर छात्रो का चयन कर प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया जाता है ,उसके पश्चात उनमें से चयनित छात्रो को आईआईटी जैसे प्रतिष्ठीत इंजीनियरिंग संस्थानो में प्रवेश के लिए जेइइ की तैयारी रेसोनेन्स संस्थान के अनुभवी अध्यापको द्वारा करवायी जाती हैं। 

ऊंची उड़ान में  कक्षा 9 से 12 तक 134 छात्र वर्तमान में विद्या भवन सीनीयर सेकण्डरी विद्यालय में अध्ययन कर रहै हैं यह प्रोग्राम पूर्णत आवासीय है। कक्षा 9 से छात्रो को अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा दी जाती है। शैक्षिक सत्र 2020 मे जिंक की सभी इकाइयों के ग्रामीण प्रतिभाओं के लिए प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया गया जिसमे 750 से अधिक छात्रो ने भाग लिया उनमें से 40 छात्रो का चयन किया गया जो अभी कक्षा 9 मे अध्ययनरत है। सत्र 2020 मे भी कक्षा 12 के सभी 26 छात्रो का चयन राज्य के प्रतिष्ठीत इंजिनियरिंग सस्थानो में हुआ है।  
 

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