निदेशक माध्यमिक शिक्षा के आदेश का शिक्षक संघ ने किया विरोध


निदेशक माध्यमिक शिक्षा के आदेश का शिक्षक संघ ने किया विरोध

शिक्षक बोले समाचार पत्रों की खबरों पर संज्ञान लेने की बजाय शैक्षिक ढांचे में सुधार एवं स्कूलों में संसाधन विकसित करने चाहिए
 
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उदयपुर 13 जून 2024। निदेशक माध्यमिक शिक्षा बीकानेर की ओर से समाचार पत्रों में नकारात्मक खबरों के प्रकाशित होने पर लगाम लगाने के निर्णय का राजस्थान पंचायती राज एवं माध्यमिक शिक्षक संघ ने कड़ा विरोध किया है।

संघ के प्रदेश अध्यक्ष शेर सिंह चौहान का कहना है कि स्कूलों में नई शिक्षा नीति आरटीई नियमों के मुताबिक नामांकन के अनुरूप शिक्षक नहीं है। छात्रों के लिए स्कूलों में बैठने हेतु फर्नीचर ,प्रयाप्त कक्षा कक्ष, पेयजल व शौचालय तक की माकूल व्यवस्था नहीं है।  ऐसे में नकारात्मक खबरें तो समाचार पत्रों में प्रकाशित होगी ही।

प्रदेश अध्यक्ष चौहान का कहना है कि शिक्षा विभाग को व्यवस्थाएं सुधारने पर ध्यान देना चाहिए ना की समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों पर रोक लगाने की कार्यवाही करनी चाहिए।

प्रदेश महामंत्री राजेश शर्मा ने शिक्षा निदेशक के आदेश पर कड़ा ऐतराज जताते हुए  कहा कि साल 2015 से उच्च माध्यमिक शिक्षा के स्कूलों में स्टाफिंग पैटर्न के तहत शैक्षणिक कार्मिकों के पदों का सृजन नहीं किया गया।

संघ के प्रदेश अध्यक्ष शेर सिंह चौहान का कहना है कि स्कूलों में नई शिक्षा नीति आरटीई नियमों के मुताबिक नामांकन के अनुरूप शिक्षक नहीं है। छात्रों के लिए स्कूलों में बैठने हेतु फर्नीचर ,प्रयाप्त कक्षा कक्ष, पेयजल व शौचालय तक की माकूल व्यवस्था नहीं है।  ऐसे में नकारात्मक खबरें तो समाचार पत्रों में प्रकाशित होगी ही।

विभाग को व्यवस्थाएं सुधारने पर ध्यान देना चाहिए ना की समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों पर रोक लगाने की कार्यवाही। वहीं संघ के प्रदेश महामंत्री राजेश शर्मा ने शिक्षा निदेशक के आदेश पर कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा कि 2015 से उच्च माध्यमिक शिक्षा के स्कूलों में स्टाफिंग पैटर्न के तहत शैक्षणिक कार्मिकों के पदों का सृजन नहीं किया गया। चार सत्रों से वरिष्ठ अध्यापक, व्याख्याता, वाइस प्रिंसिपल, प्रिंसिपल, डीईओ के पदों को नहीं भरा गया। 

उन्होंने कहा कि पूरा शिक्षा विभाग का ढांचा बिगड़ा हुआ है एक साल से 20 हजार अधीशेष शिक्षकों का समायोजन तक विभाग नहीं कर पाया। ऐसे में समाचार पत्रों में नकारात्मक  खबरों पर संज्ञान लेने की  बजाय शिक्षा निदेशक को लोकतंत्र में समालोचना का आदर करते हुएअच्छा होता विभाग पूरा ध्यान व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में लगता।

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