हमें यह जानना जरूरी है कि अगर हमारा बच्चा स्कूल जा रहा है तो किन-किन सोच में स्मार्टनेस रखता है। निजी स्कूलें ट्रांसपोर्टेशन के लिए मुंह मांगे दाम लेती है, लेकिन बच्चों को ठूंस ठूंसकर ले जाते हैं। बाल वाहिनी में खड़े-खड़े बच्चा स्कूल जाता है, तो कई बार बच्चों से मारपीट हो जाती है। ड्राइवर और कंडक्टर बच्चे से छेड़छाड़ तो नहीं करते? क्या बच्चा स्मार्ट है, कि वो आपसे यह बातें शेयर कर रहा है?
बच्चे के साथ कोई अप्रिय घटना घटित हुई हो। गलत तरीके से उसके फोटो-वीडियो ले लिए गए हो और अब ब्लैकमेल कर रहे हो। स्कूल में बच्चे के साथ कोई रैगिंग-मारपीट तो नहीं कर रहा है। उसको मानसिक या शारीरिक रूप से असामाजिक तत्व या उसके कोई साथी प्रताड़ित तो नहीं कर रहे है। बच्चों के साथ बढ़ती यौन दुराचार की घटनाओं को देखते हुए और इसके प्रति उन्हें जागरूक करने के लिए राजस्थान के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को ‘गुड टच-बैड टच’ का पाठ पढ़ाया जाएगा।
स्कूल शिक्षा विभाग ने इस संवेदनशील विषय पर व्यापक जागरूकता लाने के लिए इस अभियान की रूपरेखा तैयार की है। एक रिपोर्ट के अनुसार, 2019 से जून 2022 तक देश के 7,595 बच्चे यौन शोषण का शिकार हुए हैं। इन मामलों में राजस्थान भी पीछे नहीं है। राजस्थान में कई मामले ऐसे हैं, जिसमें शिक्षक व प्राचार्य ही बच्चों के शोषण में लिप्त पाए गए। ऐसे में जागरूकता जरूरी है।
संस्था प्रधानों को बनाया नोडल अधिकारी
राज्य के समस्त प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और उच्च माध्यमिक सरकारी विद्यालयों के साथ ही सभी महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल, कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय और स्वामी विवेकानंद मॉडल स्कूलों के संस्था प्रधानों को अपनी-अपनी स्कूल में होने वाले कार्यक्रमों का नोडल अधिकारी बनाया गया है। ये संस्था प्रधान अपने स्कूलों में 26 अगस्त को प्रातः 8 से 12 बजे के मध्य कार्यक्रम आयोजित कराएंगे और इसकी सूचना शाला दर्पण के मॉड्यूल पर तत्काल अपडेट करेंगे।
तीन चरणों में चलाया जाएगा अभियान
राज्य स्तर पर प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले 1200 ‘मास्टर ट्रेनर्स’ आगामी दिनों में जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशालाओं में संबंधित जिले के सभी सरकारी स्कूलों से चयनित एक-एक टीचर को “मास्टर ट्रेनर” बनाएंगे। उनके माध्यम से आगामी 26 अगस्त को राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में ‘नो बैग डे’ की गतिविधि के तहत एक साथ ‘गुड टच-बैड टच’ के बारे में जागरूकता का प्रथम चरण आयोजित होगा। इसके बाद आगामी अक्टूबर और जनवरी माह में इसी तर्ज पर सभी स्कूलों में दूसरे और तीसरे चरण में रिपीट सत्र आयोजित होंगे।
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