उदयपुर 19 सितंबर 2024। गीतांजलि इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्निकल स्टडी डबोक उदयपुर में मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के तत्वाधान में स्पेस टेक्नोलॉजी पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
संस्थान के निदेशक डॉ एन एस राठोड ने बताया कि तकनीकी क्षेत्र में भारत दिन दूना रात चौगुन प्रगति कर रहा है लेकिन जितनी प्रगति अंतरिक्ष क्षेत्र में होनी चाहिए उतना नहीं हुआ है । इस क्षेत्र में अनुसंधान और विकास की गति को तेज करने की आवश्यकता है ताकि हम वैश्विक स्तर पर प्रतिशत भाग प्रतिस्पर्धा कर सकें स्पेस टेक्नोलॉजी के विभिन्न आयामों से विद्यार्थियों फैकल्टी मेंबर्स को अवगत कराने के लिए गुजरात के सावर कांटा में स्थित प्रसिद्ध कंपनी एयर विंग फ्लाइंग मशीन प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अतुल मकवाना रिसोर्स पर्सन के रूप में आमंत्रित किया गया था।
मकवाना ने स्पेस टेक्नोलॉजी के विभिन्न पहलुओं पर हैंड ऑन प्रेक्टिस के द्वारा कम दूरी के रॉकेट का मॉडल बनाकर प्रक्षेपण भी किया।
कार्यक्रम के समय डॉक्टर दीपक पालीवाल के अनुसार इस कार्यशाला में स्पेस टेक्नोलॉजी में अंतरिक्ष में भेजे गए उपग्रह और अन्या उपकरणों से उत्पन्न होने वाली समस्याओं के साथ-साथ चंद्रयान-2 के विफलताओं के बारे में अवगत कराया गया । इस कार्यशाला का आयोजन पूवे में GITS एवं एयर विंग फ्लाइंग मशीन प्राइवेट लिमिटेड के बीच हुए एम् ओ यू के तहत किया गया। इस अवसर पर डॉ दीपक पालीवाल एव अतुल मकवाना द्वारा कैड व कैम पर
आधारित पुस्तक का विमोचन भी किया गया ।
वित्त नियंत्रक बी एल जांगिड़ ने कहा कि स्पेस टेक्नोलॉजी विकास का ही नहीं अभी तो जिम्मेदारी का भी विषय है इसलिए हमें यहां जिम्मेदारी लेनी हो गई कि अंतरिक्ष स्पेस टेक्नोलॉजी में नवाचार करते हुए समय कचरे की समस्या को गंभीरता से लेंगे और इसे नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाएंगे। कर्यक्रम का संचालन असिस्टेंट प्रोफेसर सुरभि मिश्रा द्वारा किया गया।
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