उदयपुर 25 दिसंबर 2020। कोरोना के कारण पहली बार महाराणा कुम्भा संगीत परिषद द्वारा आज से प्रारम्भ किये गये तीन दिवसीय 58वें अखिल भारतीय महाराणा कुम्भा संगीत समारोह की शुरूआत शानदार रहीं। प्रथम दिन कत्थक नृत्य की प्रस्तुति हुई जिसमें नृत्य, वाद्य, चेहरे की भाव-भ्ंगिमा व पैरों के तालमेल की जुगलबन्दी देख कर दर्शक आनन्दित हो गये। उन्हें यह कहीं नहीं लगा कि यह समारोह वर्चुअल आयोजित हो रहा है।
समारोह में जयपुर के प्रोजेक्ट गंगानी दल ने कत्थक नृत्य की प्रस्तुति दी। इस प्रस्तुति में वाद्य व नृत्य के साथ चेहरे की भाव-भंगिमा और पैरों के तालमेल का कन्सर्ट देखने को मिला। दर्शकों को वाद्य व नृत्य की कचहरी सुनने को मिली।
शुरूआत में दल ने शिवस्तुति के बोल ‘शंकर अति प्रचण्ड नाचत कर डमरू बाजे..‘ पर शानदार प्रस्तुुति दे कर सभी का मनमोह लिया। फेसबुक, जूम व यू-ट्यूब पर लाइव प्रसारित किये गये इस कार्यक्रम को जबरदस्त सराहना मिली। अंत में दल ने तराने के साथ वाद्य व नृत्य की जुगलबन्दी के साथ इसका समापन किया। इनके साथ तबले पर मोहित गंगानी, निषिध गंगानी, गायन में विजय परिहार, पखावज पर आशीष गांगानी, नृत्य में संजीत गंगानी, ईत्सा नरूला, कंचन नेगी व अश्मिता आयच ने सहयोग दिया।
इससे पूर्व जयपुर की प्रसिद्ध नृत्यांगना डाॅ.शशि सांखला के शिष्य व कुम्भा रत्न सम्मान से सम्मानित उदियमान कलाकार जयपुर के यतीन्द्र सक्सेना द्वारा कत्थक नृत्य की प्रस्तुति दी गई। इन्होंने अपने कार्यक्रम की शुरूआत गणेश वंदना बोल ‘प्रथमम वक्रतुण्डमम...‘ से की। इन्होंने तत्पश्चात् अपने कत्थक नृत्य में आगमन का अंदाज, थाट, उठान, पेशकार, चलन व परण की प्रस्तुति दी। यतीन्द्र ने ठुमरी पर भाव और कृष्ण पर आधारित गोवर्धन लीला व माखन चोरी पर आधारित कवित गत निकास व लड़ी के साथ अपने कार्यक्रम का समापन किया।
प्रारम्भ में महाराणा कुम्भा परिषद के मानद सचिव डॉ यशवंत सिंह कोठारी ने बताया कि 58 वर्ष की शास्त्रीय संगीत की इस यात्रा में यह पहला अवसर है जब परिषद को संगीत प्रेमियों की मांग पर कोरोना के कारण यह समारोह वर्चुअल आयोजित करना पड़ा। इस समारोह से इस बार देश भर के संगीत प्रेमी जुड़े, जो हमारें लिये सुखद है। इस अवसर पर उन्होंने 57 वर्ष की संगीत यात्रा की जानकारी दी।
परिषद के उपाध्यक्ष डॉ प्रेम भंडारी ने कलाकारों का परिचय देते हुए बताया कि शनिवार को द्वितीय दिन मुंबई की प्रसिद्ध कलाकार अर्चिता भट्टाचार्य का शास्त्रीय गायन होगा। उदीयमान कलाकार प्रतियोगिता के संजोयक ध्रुव प्रकाश धाकड़ ने बताया कि शास्त्रीय संगीत के उभरते हुए कलाकारों में समारोह के दूसरे दिन मुख्य प्रस्तुति से पूर्व जयपुर के सौरभ वशिष्ठ का गायन होगा।
समारोह का संचालन करते हुए डॉ. लोकेश जैन, डिम्पी सुहालका, पामिल भण्डारी ने बताया कि इस कार्यक्रम का विश्वव्यापी प्रचार प्रसार किया जा रहा है। समारोह का यू ट्यूब तथा फेस बुक पर लाइव प्रसारण किया जा रहा है। आमजन इस कार्यक्रम से जूम मीटिंग 84697130578 और पासवर्ड 2020 से जुड़ सकते है। प्रारम्भ में मुख्य अतिथि एमपीयूटी वि.वि.के कुलपति प्रो. एन.एस.राठौड़ ने दीप प्रज्जवलन किया वहीं समारोह अंत में डाॅ. प्रेम भण्डारी ने आभार ज्ञापित किया।
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