उदयपुर। राष्ट्रीय नुक्कड़ नाटक दिवस के मौके पर नाट्यांश नाटकीय एवं प्रदर्शनी कला संस्थान के कलाकारों द्वारा राष्ट्रीय नुक्कड़ दिवस सप्ताह के अंतर्गत नुक्कड़ नाटक “पानी रे पानी” का 25वा मंचन फ़तेहसागर पर किया गया। इस अवसर पर इस नाटक के 7 मंचन पूरे सप्ताह में शहर के अलग-अलग जगह पर किये गये।
कार्यक्रम सयोजक रेखा सिसोदिया ने बताया कि भारत में आधुनिक नुक्कड़ नाटक को लोकप्रिय बनाने का श्रेय प्रख्यात रंगमंच कलाकार सफ़दर हाशमी को जाता है। उनके जन्म दिवस 12 अप्रैल को देशभर में राष्ट्रीय नुक्कड़ नाटक दिवस के रूप में मनाया जाता है। नाटक पानी रे पानी जल को बचाने का संदेश देता है। अगर हम जल को बचाने के आज कदम नहीं उठाएंगे और पानी का संरक्षण नहीं करेंगे तो ऐसा भी हो सकता है की भविष्य में विश्वयुद्ध पानी के लिए लड़े जाएं।
जल को बचाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहियें, जल संरक्षण के विषय पर इस नुक्कड़ नाटक की कहानी साल 2050 में पानी की कमी वाले भविष्य के इर्द-गिर्द घूमती है। जहां एक राजा सारी संपत्ति और धन के होते हुए भी पानी की कमी के कारण अपने छोटे राजकुमार के लिए एक छोटे से स्विमिंग पूल को भरने के लिए पर्याप्त पानी जुटाने में असमर्थ दिखता है। पानी की कमी के कारण नागरिक एक दूसरे के खिलाफ लड़ाई लड़तें है और कहीं थोड़ा सा पानी मिलने पर सभी पानी पीने की चाह लिए हिंसा और हत्या तक का सहारा लेने लग जाते हैं। नाटक ने आज की दुनिया की संभावना पर प्रकाश डाला जहां पर आमजन पानी बचाने के लिए सचेत प्रयास कर सकता है और इस तरह के भयानक भविष्य को वास्तविकता बनने से रोक सकता है।
आज भी पानी कि समस्या से पूरी दुनिया परेशान है और कई इलाके तो ऐसे है जहां पानी लगभग खत्म होता जा रहा है, नाटक का लेखन और निर्देशन अशफ़ाक़ नूर ख़ान पठान का रहा।
कलाकारों में महावीर शर्मा, आस्था नागदा, महेश कुमार जोशी, रेखा सिसोदिया, अगस्त्य हार्दिक नागदा, मोहम्मद रिज़वान मंसूरी, भुवन जैन, हर्ष दुबे, जोमी जोजो, यश शाकद्वीपीय, उर्वशी ने अभिनय किया। नाटक को सफल बनाने में योगिता सिसोदिया का भी सहयोग किया।
To join us on Facebook Click Here and Subscribe to UdaipurTimes Broadcast channels on GoogleNews | Telegram | Signal