स्वरांजली में दो विभूतियों पं. विश्वमोहन भट्ट और उस्ताद अनवर खां मांगणियार की अनूठी जुगलबंदी

स्वरांजली में दो विभूतियों पं. विश्वमोहन भट्ट और उस्ताद अनवर खां मांगणियार की अनूठी जुगलबंदी

शास्त्रीय और लोक की मिश्रित स्वर लहरियों से गूंजी अरावली की वादियाँ

 
Shilpgram Utsav 2022
शिल्पग्राम उत्सव आठवां दिन

उदयपुर 28 दिसंबर 2022 । पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की ओर से आयोजित दस दिवसीय शिल्पग्राम उत्सव में बुधवार को मुक्ताकाशी रंगमंच पर अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त तथा ग्रैमी अवार्ड से सम्मानित पद्मभूषण पं. विश्वमोहन भट्ट तथा लोक गायकी के सिद्धकंठी पद्मश्री अनवर खां मांगणियार द्वारा मोहन वीणा वादन और गायन से दर्शकों को मंत्रमुग्ध सा कर दिया। वहीं उत्सव में ही शिल्प वस्तुओं की खरीददारी का सिलसिला जोरों पर रहा। उत्सव के नवें दिन ‘लोक धारा’ में लोक कला प्रस्तुतियाँ आयोजित होंगी।

Shilpgram Utsav 2022

उत्सव के आठवें दिन हाट बाजार में कलात्मक वस्तुओं की खरीददारी का सिलसिला मंगलवार की तरह उठान पर रहा। लोगों ने आखिरी पड़ाव की ओर बढते उत्सव को दृष्टिगत रखते हुए जन कर खरीददारी की। 

Shilpgram Utsav 2022

हाट बाजार में ट्राइफेड के शिल्पकारों के उत्पाद लोगों को खूब रास आ रहे हैं इनमें नागालैण्ड के ऊनी वस्त्र, असम के कशीदाकारी युक्त परिधान, जैकेट, साड़ी, दुपट्टे, मिथिला चित्रकारी उल्लेखनीय है। इसके अलावा हिमाचली टोपी, गर्म शॉल, ऑडीशा का पट्ट चित्र, महाराष्ट्र की वारली, लैदर की जूतियाँ, बैग्स, बेल्ट पर्स, जूट की कलात्मक वस्तुएँ, दिल्ली के आभूषण, लैम्प शेड्स, कैंडल स्टैण्ड, जूड़ा क्लिप, कंगन, लाख की चूड़ियाँ, कोटा साड़ी, प्रतापगढ़ की थेवा कला के अलावा वस्त्र संसार, दर्पण बाजार, अलंकार, मृणकुंज, काष्ठ शिल्प, धातु धाम आदि बाजारों में दिन भर खरीद फरोख्त का सिलसिला चला और लोगों ने देर रात तक हाट बाजार में खरीददारी कर कलात्मक वस्तु अपने घर ले जाते नजर आये।

Shilpgram Utsav 2022

उत्सव में ही दिन में बंजारा मंच पर कालबेलिया, चकरी, कच्छी घोड़ी, भपंग वादक कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियाँ दी। हाट बाजार में ही कई छायाकारों ने उत्सव की हलचल को अपने कैमरों में कैद किया वहीं शिल्पग्राम के सौन्दर्य से अभिभूति कई लोग विभिन्न झोंपडियों के बाहर सेल्फी व ग्रुपी लेते नजर आये। केन्द्र द्वारा शिल्पग्राम उत्सव पर फोटो प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। जिसकी प्रविष्ठियां 31 दिसम्बर तक ली जायेगी।

Shilpgram Utsav 2022

शाम को मुक्ताकाशी रंगमंच का नजारा अद्भुत सा बन सका जब अलग अलग शैली के दो दिग्गज संगीत कार एक मंच पर उतरे इनमें गैमी अवार्ड से सम्मानित पद्मभूषण पं. विश्वमोहन भट्ट तथा पद्मश्री अनवर खां मांगणियार मुख्य हैं। लगभग 85 देशों में मोहन वीणा तथा विश्व वीणा से लोगों को मंत्रमुग्ध करने वाले प. भट्ट के साथ सबसे पहले अनवर खां की चिरपिरिचित आवाज में ‘केसरिया बालम’ सुना कर राजस्थान की अनूठी संस्कृति और संगत के लालित्य से परिचित करवाया। इसके बाद मोहन वीणा की सुमधुर तान के साथ एक और गीत ‘झिरमिर बरसे मेघ’ से वर्षा ऋतु में बूदों की छम छम का आभास अपने संगीत से करवाया। इसके बाद राग किरवानी में निबद्ध लोक गीत ‘हिचकी’ में यादों का सुरीला अहसास करवाया।

Shilpgram Utsav 2022

कर्यक्रम में भजन ‘पाये जी मैने राम रतन धन पायो’ की प्रस्तुति पर दर्शक झूम उठे तथा लोगों ने करतल ध्वनि से दोनो विभूतियों का अभिवादन किया। इसके बाद राग बागेश्री में रचित तथा बाबा रामदेव की आराधना में कामड़ जाति के लोगों द्वारा गाया जाने वाला भजन ‘हेलो म्हारो सुणो..’ सुरीली पेशकश बन सकी। दोनों संगीत पुरोधाओं ने कार्यक्रम की अंतिम प्रस्तुति के रूप में राग जोग पर आधारित ‘हनुमान लला’ सुना कर दर्शकों में अपने संगीत से जोश का संचार किया। पं. विश्व मोहन भट्ट के साथ उनके पुत्र सलिल भट्ट ने भी संगत की।

Shilpgram Utsav 2022

इस अवसर पर केन्द्र निदेशक किरण सोनी गुप्ता ने अतिथि कलाकारों को स्मृति चिह्न भेंट किये। उत्सव के नवे दिन गुरूवार को ‘लोक धारा’ में विभिन्न राज्यों के कलाकारों द्वारा कला प्रस्तुतियाँ दी जावेंगी।
 

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